चैत्र नवरात्र 30 मार्च से, सुबह 6:12 बजे से सुबह 10:22 बजे के बीच करें कलश स्थापना

श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार मुरादाबाद के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया...

Mar 29, 2025 - 18:29
Mar 29, 2025 - 18:33
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चैत्र नवरात्र 30 मार्च से, सुबह 6:12 बजे से सुबह 10:22 बजे के बीच करें कलश स्थापना

मुरादाबाद। श्री हरि ज्योतिष संस्थान लाइनपार मुरादाबाद के संचालक ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि रविवार 30 मार्च से चैत्र नवरात्र प्रारंभ होंगे। 30 मार्च को सुबह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा उदय व्यापिनी है। इसलिए चैत्र नवरात्र रविवार से शुरू हो रहे हैं। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को दोपहर 4 बजकर 27 मिनट पर प्रारंभ होगी और प्रतिपदा तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर होगा।

पंडित सुरेंद्र शर्मा ने आगे बताया कि रविवार को घटस्थापना का शुभ मुहूर्त अर्थात कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और सुबह 10 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। अभिजित मुहूर्त दोपहर 12ः09 मिनट से 12ः49 बजे तक रहेगा। यदि किसी कारणवश सुबह के मुहूर्त में घट स्थापना न हो सके तो अभिजित मुहूर्त में यह किया जा सकता है।

ज्योतिषाचार्य पंडित सुरेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि घट स्थापना द्विस्वभाव लग्न मीन में करना श्रेष्ठ माना जाता है। इसलिए सुबह 6 बजकर 12 मिनट से 7 बजकर 9 मिनट तक का समय भी घटस्थापना के लिए अति शुभ रहेगा। कलश को तीर्थों का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में कलश स्थापना करने के साथ ही देवी देवताओं का आवाहन किया जाता है। कलश के अलग अलग भागों में त्रिदेवों का वास होता है। कलश के मुख पर भगवान विष्णु, कंठ पर भगवान शिव और मूल में ब्रह्माजी का स्थान माना गया है। कलश के मध्य भाग में मातृ शक्तियों का निवास होता है। इसलिए नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने के साथ ही देवी देवताओं को घर में निमंत्रण दिया जाता है।

21 वीं शताब्दी में पहली बार नवरात्र की पूर्व रात्रि में ग्रहों का विशेष संयोग :

इस साल नवरात्र की पूर्व रात्रि में 29 मार्च को रात 9:44 बजे शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा। इसके कारण मीन, मेष और कुंभ राशि पर साढ़े साती का प्रभाव रहेगा। नवरात्र के दिन सूर्य, बुध, शुक्र, शनि, राहु और चंद्रमा मीन राशि में रहेंगे। यह संयोग 21 वीं शताब्दी में पहली बार बन रहा है। ज्योतिषीय दृष्टि से यह संयोग राजनीतिक, आर्थिक और पर्यावरणीय बदलाव का संकेत माना जा रहा है यह योग नकारात्मक प्रभाव भी देगा।

हिन्दुस्थान समाचार 

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