वेबिनार में सहकारी बैंको के आमेलन का क्यो हुआ विरोध 

उत्तर प्रदेश में  सहकारी बैंको के आमेलन के सम्बन्ध मे शासन द्वारा विकास श्रीवास्तव की अध्यक्षता मे गठित कमेटी की पर सहकार भारती ने  एक वेविनार कर जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों के साथ परिचर्चा का आयोजन किया...

वेबिनार में सहकारी बैंको के आमेलन का क्यो हुआ विरोध 

उत्तर प्रदेश में.  सहकारी बैंको के आमेलन के सम्बन्ध मे शासन द्वारा विकास श्रीवास्तव की अध्यक्षता मे गठित कमेटी की पर सहकार भारती ने  एक वेविनार कर जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्षों के साथ परिचर्चा का आयोजन किया, जिसमे रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे तथा सहकार भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री उदय जोशी मुख्य वक्ता रहे।प्रारंभ में  प्रदेश संगठन प्रमुख राजदत्त पांडेय ने विषय प्रवर्तन किया एवम् सहकार भारती द्वारा उत्तर प्रदेश में सहकारी समितियों के विकास के लिए किए गए कार्यों को बताया ।

भारतीय रिजर्व बैंक के निदेशक सतीश मराठे ने केरल पंजाब में हुए सहकारी बैंक के विलय को बताते हुए  कहा कि  उत्तर प्रदेश मे सहकारी बैक त्रिस्तरीय साख संरचना मे कार्य कर रहे है जिसमे उ. प्र.सहकारी बैंक जिला सहकारी बैंक तथा प्रारम्भिक कृषि समितियां  है। उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर उन्नाव गाजीपुर  के जिला सहकारी बैंको के अध्यक्ष ने कहा कि   पिछले कई वर्षो से प्रदेश के 16 कमजोर जिला सहकारी बैंको को सेक्शन 11 के तहत रिजर्व बैंक द्वारा नोटिस देने एवं राज्य सरकार द्वारा वित्तीय सहायता देने के बावजूद सुधार न होने एवं इस बैंको के साथ जुडी पैक्स इकाइयां बंद होने तथा किसान क्रेडिट कार्ड योजना मे उपलब्ध सस्ते ऋण के कारण दीर्ध कालीन कृषि ऋण संरचना मे कार्य कर रहे है।

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नाबार्ड द्वारा मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सहकारी ऋण ढांचे को मैकलेगन कमेटी की संस्तुतियो के अनुसार पुनर्गठित कर दीर्धकालीन एवं अल्प कालीन कृषि ऋण संरचना मे कार्य कर रहे प्रदेश के सहकारी बैकों उ.प्र.सहकारी ग्राम विकास बैंक, उ.प्र.सहकारी बैंक तथा 50 जिला सहकारी बैंको के परस्पर आमेलन करने का प्रस्ताव शाशन को भेजा गया।

नाबार्ड द्वारा दिए गये प्रस्ताव पर शासन  द्वारा गठित विभागीय कमेटी द्वारा दीर्घ  कालीन कृषि ऋण संरचना मे कार्य कर रहे उ.प्र.सहकारी ग्राम विकास बैंक को आमेलन प्रकिृया से बाहर कर दिया गया तथा प्रो विकास श्रीवास्तव की अध्यक्षता मे गठित दूसरी कमेटी द्वारा भी नावार्ड के प्रस्ताव पर विचार नही किए जाने से सहकारी बैंको की आमेलन प्रक्रिया पर विवाद गहराता गया। जिला सहकारी बैंक के कई निर्वाचित अध्यक्षो द्वारा भी बेबीनार मे सहकारी बैंको के कृषि साख के त्रिस्तरीय ढांचे को समाप्त कर सहकारी बैंको के आमेलन का विरोध किया।

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राष्ट्रीय महामंत्री उदय जोशी  ने  कहा  कि जब तक  बैंकों से  ग्राहक का लगाव नहीं होगा  तब तक सहकारी बैंको का भला नहीं होगा। सहकार भारती के प्रदेश अध्यक्ष रमाशंकर जायसवाल ने  आगामी माह में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष एवम् संचालक मंडल के साथ बैठक कर आमेलन के विषय में विषय  विशेषज्ञ के साथ मिलकर  रूपरेखा तय करेंगे । परिचर्चा का संचालन सहकार भारती के प्रदेश महामंत्री डॉ प्रवीण सिंह जादौन ने किया जिसमें सहकार भारती के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष  मार्कण्डेय सिंह बैंकिग प्रकोष्ठ के  प्रमुख दिनेश कुमार दीक्षित ने प्रतिभाग किया ।जिसमें ३६ जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष उपस्थित थे ।

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