चित्रकूट को शैक्षिक गुणवत्ता में राष्ट्रीय स्तर पर मिला नौवां स्थान

भारत सरकार की नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जनपद चित्रकूट को शैक्षिक गुणवत्ता में नवां स्थान प्राप्त होने...

Jun 3, 2025 - 11:08
Jun 3, 2025 - 11:08
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चित्रकूट को शैक्षिक गुणवत्ता में राष्ट्रीय स्तर पर मिला नौवां स्थान

समाजसेवियों ने बीएसए का माल्यार्पण कर दी बधाई

बीएसए बोले-अभी प्रयास जारी रहेगा, प्रथम स्थान लाकर ही दम लेंगे

चित्रकूट। भारत सरकार की नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक जनपद चित्रकूट को शैक्षिक गुणवत्ता में नवां स्थान प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सराहना की है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट में इस उपलब्धि के लिए प्रसन्नता व्यक्त करते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों व शिक्षकों को बधाई दी है। इस उपलब्धि पर समाजसेवी बीपी पटेल, सभासद शंकर यादव सहित खंड शिक्षा अधिकारी शशांक शेखर शुक्ला, राजेश गुप्ता, मिथिलेश कुमार आदि ने बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा का माल्यार्पण कर बधाई दी। 

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बीके शर्मा ने बताया कि भारत सरकार की नीति आयोग द्वारा 19 बिंदुओं पर निर्धारित मापदंड पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में शासन की मंशा के अनुरूप निर्धारित मापदडों को पूरा करने के लिए टीम भावना के साथ खंड शिक्षा अधिकारी और शिक्षकों ने पूरी कर तत्परता के साथ कार्य किया। समीक्षा में जनपद चित्रकूट को प्रदेश में ही नहीं पूरे देश स्तर पर नवां स्थान प्राप्त हुआ है। यह उपलब्धि सबके संयुक्त प्रयासों का परिणाम है। जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी और सभी संबंधित अधिकारियों के सहयोग से शासन द्वारा सौंपे गए लक्ष्य की प्राप्ति के लिए मेहनत किया। अभी आगे प्रयास होगा कि जनपद को पहला या दूसरा स्थान मिले। इसके लिए दोगुने उत्साह से काम करेंगे। बीएसए ने बताया कि जनपद में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक दोनों मिलाकर कुल 1256 विद्यालय संचालित है। इनमें सुविधाएं बढ़ाकर निजी और कॉन्वेंट विद्यालयों की तुलना में बेसिक शिक्षा विद्यालयों को तैयार करना लक्ष्य था। इधर काफी परिवर्तन आया और बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालय संसाधनों और योग्य शिक्षकों के मामले में निजी व कॉन्वेंट विद्यालयों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं। जनपद के 1256 विद्यालयों में लड़कों के लिए शौचालय 1253 बनाए गए हैं। जबकि लड़कियों के लिए 1254 हैं। इसके अलावा रनिंग वाटर की व्यवस्था है। उनमें 1232 हैं जबकि 1250 शौचालय में टाइल्स लगे हुए हैं। जिले में दिव्यांग संचालन की संख्या 474 है। इसके अलावा टोटी के माध्यम से 1254 विद्यालयों में जलापूर्ति की व्यवस्था है। 1152 विद्यालयों के शिक्षण कक्ष में टाइल्स लगे हुए हैं। ब्लैक बोर्ड सभी स्कूलों में हैं। किचन शेड 1250 बने हैं। विद्यालयों की अच्छी पुताई ऑपरेशन कायाकल्प योजना के माध्यम से पूरा कर लिया गया है। हर विद्यालय में रेलिंग व रैंप बना दिए गए हैं। 1254 विद्यालयों का विद्युतीकरण हो चुका है। मात्र दो विद्यालय विद्युतीकरण से वंचित हैं। इसी क्रम में 1223 स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं। 1246 स्कूलों में बालिका शौचालय हैं। फर्नीचर की व्यवस्था मात्र 773 विद्यालयों में की गई है। अभी 483 विद्यालयों में बच्चों के बैठने के लिए कुर्सी इमेज की व्यवस्था नहीं हो पाई है। इसके लिए प्रयास जारी है। बीएसए ने बताया कि 1210 विद्यालयों में चहारदीवारी बना दी गई है। यानी कुल मिलाकर यदि 19 बिंदुओं को देखा जाए तो फर्नीचर और दिव्यांग शौचालयों के निर्माण में जनपद चित्रकूट पीछे है। यदि यह दो बिंदुओं पर अधिकारियों ने ध्यान दिया तो निकट भविष्य में जनपद को पूरे देश में पहला स्थान मिलने से कोई रोक नहीं सकता।

बीएसए बीके शर्मा ने एक और उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि अक्टूबर 2024 में जनपद राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक गुणवत्ता के मामले में 30वें स्थान पर था। प्रयास किया और एक माह  बाद 16वां स्थान प्राप्त हुआ। इसके बाद फिर निरंतर प्रयास जारी रखा और दिसंबर 2024 में जनपद को नवां स्थान मिला। पूरे देश में टॉप टेन सूची में आने का गौरव प्राप्त हुआ। उन्होंने अपने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों, शिक्षकों और टीम को इसके लिए बधाई दी। कहा कि यही तक नहीं रुकना, आगे प्रयासरत रहना है और पहला स्थान लेकर ही दम लेना है।

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