उत्तर प्रदेश : 14 जनपदों में 157 गांव जलमग्न, गंगा के अलावा सभी नदियां खतरे के निशान से नीचे
प्रदेश के राहत आयुक्त संजय गोयल बाढ़ की ताजा स्थिति की जानकारी देते हुए शनिवार को बताया कि प्रदेश में बाढ़ की स्थिति स्थिर बनी हुई है...
लखनऊ
वर्तमान में प्रदेश के 14 जनपद अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रुखाबाद, गोण्डा, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, संतकबीरनगर, तथा सीतापुर के 407 गांव बाढ़ प्रभावित हैं, जिसमें से 157 गांव मैरुंड या जलमग्न हैं।
उन्होंने बताया कि इसी तरह प्रदेश की प्रमुख नदियों की स्थिति में भी सुधार देखने को मिला है। वर्तमान में गंगा नदी बलिया में गायघाट पर अपने खतरे के निशान से लगभग 46 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। इसके अलावा अन्य सभी प्रमुख नदियां अपने खतरे के निशान से नीचे हीं बह रही हैं।
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उन्होंने बताया कि अब जलस्तर कम होने के कारण कटान की सम्भावना ज्यादा होती है। इसलिए इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि कटान से बचने के सभी प्रयास किए जाएं तथा जरूरी सामग्रियां उचित स्थान पर एकत्र कर ली जाएं। इसके साथ ही उन्होंने बाढ़ का पानी जहां उतर गया है, वहां दवा का छिड़काव, साफ सफाई की बेहतर व्यवस्था तथा जलजनित रोगों को दूर करने के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
राहत आयुक्त ने बताया कि अब तक 384 बाढ़ शरणालयों की स्थापना की गई है। लेकिन, बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के कारण वर्तमान में कोई भी यहां नहीं रह रहा है।
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अभी तक कुल 1,86,176 परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण किया गया है। इसी तरह प्रभावित परिवारों को बीते अब तक कुल 3,44,623 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। प्रभावित जनपदों में लगाई गई नावों की संख्या में भी अब कमी आई है। वर्तमान में 142 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी हैं।
प्रदेश में 784 बाढ़ चौकियों के जरिए स्थिति पर नजर रखी जा रही है। अब तक कुल 533 पशु शिविर संचालित किए गए हैं जिसमें 7,52,554 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। वहीं 4807 कुंतल भूंसा का वितरण किया जा चुका है। वहीं प्रभावित क्षेत्रों में 351 मोबाइल मेडिकल टीम लगाकर लोगों का उपचार किया जा रहा है।
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प्रदेश के बाढ़ प्रभावित जनपदों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिए एनडीआरएफ की 10 टीमें, एसडीआरएफ 07 टीमें व पीएसी की 09 टीमों को मिलाकर कुल 26 टीमें तैनात की गयी हैं।
हिन्दुस्थान समाचार