पीएम आवास : लाभार्थी कभी किराए से रहते थे, आज रख रहे किरायेदार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवासीय योजना में बिना किसी जाति, धर्म व भेदभाव के लोगों को आवास दिए गए...
झांसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आवासीय योजना में बिना किसी जाति, धर्म व भेदभाव के लोगों को आवास दिए गए। इस बात की पुष्टि महानगर के बीचो-बीच रहने वाले लोग करते हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है।
ऐसे अल्पसंख्यक लोग जो कभी दूसरों के घर किराए से रहते थे। आज स्वयं किराएदार रखने की हैसियत में है। तो कुछ लोग झोपड़ी में रहते थे आज उनका भी अपना आवास है। तो कुछ ऐसे भी आवास हैं जिन्हें लाभ तो मिला लेकिन अब वे अपने आवास को किराए पर दिए हैं। शहर के झोकनगाग इलाके में जो मुस्लिम परिवार पहले झोपड़ी और किराए के मकान में रहते थे। आज उनका अपना पक्का मकान है और उस मकान में किरायेदार रहते हैं।
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सिविल लाइन स्थित वार्ड नम्बर 55 यूं तो समृद्ध क्षेत्र माना जाता है। लेकिन कुछ कमजोर वर्ग के लोग भी रहते हैं। जब ग्राउंड जीरो पर रिपोर्टिंग करते हुए वार्ड की लाभार्थी नसरीन से इस बारे में जानकारी ली गई। तो उसने बताया कि उसके पति फारुख ड्राइवर है। वह प्राइवेट गाड़ी चलाकर अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। उसने बताया कि पहले वह किराए के मकान में रहती थी उसके तीन छोटे बच्चे हैं जो पढ़ाई कर रहे हैं। 2019 में उसने प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया। उसे आवास मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उसने कहा कि उसे आवास के लिए ढाई लाख रुपये दिए गए। इसके बाद ऊपर वाला हिस्सा उन्होंने अपनी कमाई से बनवा लिया और अब वह खुद किराएदार रखने की स्थिति में हैं।
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वहीं पड़ोस में रहने वाली बानो की बेटी तरन्नुम के नाम भी पीएम आवास है। हालांकि उसकी बेटी तो नहीं मिली लेकिन तरन्नुम की मां बानो ने बताया कि वह अपनी बेटी के साथ ही रहती है। पहले वह खपरैल टपरे में रहते थे।मां बानो ने बताया कि तरन्नुम घरों में झाड़ू लगाने व खाना बनाने का काम करती है। उसने यह भी बताया कि आवास के उसे 2 लाख रुपये मिले हैं। शेष 50 हजार अभी नहीं मिले हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री का धन्यवाद देते हुए शेष 50 हजार रुपये दिलाने की मांग की।
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वहीं पड़ोस में एक प्रधानमंत्री आवास ऐसा भी मिला जिसमें लाभार्थी तो नहीं थे,लेकिन नीचे और ऊपर के दोनों हिस्सों में किराएदार रह रहे थे। पूछे जाने पर उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया।
हिन्दुस्थान समाचार