मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में बलि का बकरा बनें आउटसोर्सिंग कर्मचारी, नौकरी समाप्त
महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में 6 दिन पूर्व शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे भीषण आग लग गई थी। घटना में 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी।
झांसी। महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में 6 दिन पूर्व शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे भीषण आग लग गई थी। घटना में 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि, अब तक 5 अन्य नवजात शिशुओं ने दम तोड़ दिया है। इसके इतर वीभत्स घटना के जिम्मेदारों को अभयदान देते हुए उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के आगमन पर चूना डालने वाले दो आउट सोर्सिंग कर्मचारियों को नौकरी से हटा दिया गया है। इस कार्रवाई से झांसी की जनता आश्चर्य चकित होने के साथ ही आक्रोशित भी है।
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गौरतलब है कि महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा केंद्र (एसएनसीयू) में 6 दिन पूर्व शुक्रवार की रात करीब साढ़े 10 बजे भीषण आग लग गई थी। घटना में 10 बच्चों की मौके पर ही मौत हो गई थी। इसकी जानकारी होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश मिलते ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सड़क मार्ग से झांसी के लिए निकल पड़े थे। अगले दिन अल सुबह पांच बजे प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक मेडिकल कॉलेज पहुंच गए थे। उनके स्वागत में मेडिकल कॉलेज में चूना डाला गया था। इसे लेकर प्रशासन की जमकर खिंचाई हुई थी। इसके बाद डिप्टी सीएम ने भी ऐतराज जताते हुए चलती गाड़ी में वीडियो रिकॉर्ड कर मामले में अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इस कृत्य की निंदा की थी। अब गुरुवार को इस मामले में चूना डालने वाले मेडिकल कॉलेज के दो आउटसोर्स कर्मचारी राजा और सचिन की सेवाएं समाप्त कर दीं गईं हैं।
आश्चर्य की बात यह है कि बिना किसी मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अधिकारी या प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश के बगैर भला राजा व सचिन उपमुख्यमंत्री के आगमन पर चूना क्यों डालते ? बिडम्बना यह है कि प्रशासन अभी तक उस आदेश को जारी करने वाले को ढूढ़ निकालने में या तो अक्षम सिद्ध हो रहा है। या फिर उस वास्तविक कसूरवार को सामने लाना ही नहीं चाहता है??
(हि.स.)