अब सम्पूर्ण विश्व सुनेगा श्री रामचरितमानस, भजन एवं कीर्तन के साथ 138 घंटे 41 मिनट 02 सेकेंड का गायन
श्री रामचरितमानस अब पूरा विश्व सुन सकेगा। गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस के पूरे पुस्तक को..
वाराणसी,
श्री रामचरितमानस अब पूरा विश्व सुन सकेगा। गोस्वामी तुलसीदास कृत श्री रामचरितमानस के पूरे पुस्तक को अलग तरीके से नए धुन में भजन एवं कीर्तन के साथ 138 घंटे 41 मिनट 02 सेकेंड का गायन करके दुनिया भर के आधिकारिक म्यूजिक चैनल्स जैसे एप्पल म्यूजिक, स्पॉटीफाई, अमेजन म्यूजिक आदि सौ से ज्यादा प्लेटफार्म में प्रसारित किया गया है। रामचरितमानस के करीब 15000 श्लोकों, छंदों, चौपाइयों और सोरठा को गाकर तैयार किया गया है। इस बृहद कार्य को पूर्ण करने में कुल चार साल का समय लगा। इसे वाराणसी के डॉ जगदीश पिल्लई ने तैयार किया है।
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बुधवार को रामचरितमानस का ऑडियो पाठ उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री डॉ दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने सुंदरपुर स्थित डॉ. पिल्लई के घर पर लोकार्पित किया। 138 घंटे, 41 मिनट 2 सेकेंड तक लगातार चलने वाला यह ऑडियो पाठ दुनिया का सबसे बड़ा गाना बन गया है। ऑडियो पाठ गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो गया है। इससे पहले का रिकॉर्ड 115 घंटे 45 मिनट का इंग्लैंड की म्यूजिक बैंड के नाम था।
138 घंटे 41 मिनट 02 सेकेंड का गाना “श्री रामचरितमानस” दुनिया भर के सौ से ज्यादा आधिकारिक ऑडियो चैनल में प्रसारित करके 5 साल बाद, पाँचवीं बार फिर डॉ जगदीश पिल्लई का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ और वे उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा गिनीज़ रिकॉर्ड धारी बने हुये हैं। इस अवसर पर राज्यमंत्री डा. दयाशंकर मिश्र 'दयालु' ने डॉ० जगदीश पिल्लई के गिनीज़ सर्टिफिकेट का विमोचन कर उन्हें शुभकामनाएं भी दिया।
राज्यमंत्री ने कहा कि हिन्दी भाषी ना होने के बावजूद अवधि भाषा में इतने सुंदर एवं भावनात्मक तरीके से भजन एवं कीर्तन के साथ इतने लंबे गाने को खुद धुन देकर गाना एवं गिनीज़ रिकार्ड के नियमों के अनुसार आधिकारिक तौर पर दुनिया भर के औडियो चैनल पर प्रसारित कराना सराहनीय कार्य है। “गिनीज़ वर्ल्ड रिकार्ड” में अपना नाम दर्ज कराकर भारत देश को विश्व पटल पर रोशन करने वाले इस अद्भुत कार्य के लिए डॉ० पिल्लई बधाई के पात्र है। डॉ जगदीश पिल्लई ने बताया कि
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अब तक आधिकारिक तौर पर जारी किया गया सबसे लंबा गाना 115 घंटे 45 मिनट का था जो 1 दिसंबर 2021 को सेंट एल्बंस, हर्टफोर्डशायर, यूके में रहने वाले मार्क क्रिस्टोफर ली और द पॉकेट गॉड्स के नाम था। उन लोगों ने एक ही तरह के इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक बजाकर इस रिकॉर्ड को हासिल किया था। लेकिन मैने (डॉ पिल्लई) अपने से बनाये गए धुन में कई साल की कड़ी मेहनत एवं लगन से खुद गायन करके 138 घंटे मिनट 02 सेकंड का लंबा गाना बनाकर, आधिकारिक तरीके से दुनिया भर प्रसारित करके उस रिकॉर्ड को अब भारत के नाम कर लिया है।
डॉ पिल्लई बताते हैं कि 2016 में ही यह देखा गया था कि आधिकारिक तौर पर प्रसारित दुनिया के सबसे लंबे गाने का रिकॉर्ड किसी अमेरिकन के पास है, मगर वो इंस्ट्रुमेंटल म्यूजिक में था। तब से इच्छा थी कि इस रिकॉर्ड को तोड़ना है क्योंकि जब भारत में रामायण, महाभारत जैसे बृहद ग्रंथ हैं तो ये रिकॉर्ड भी भारत के ही नाम होना चाहिए और खुद गायन के द्वारा इस रिकॉर्ड को तोड़ने की कोशिश में लग गए। उन्होंने बताया कि अवधी भाषा होने के कारण पहले इस भाषा के बोलचाल एवं उच्चारण को समझने के लिए अपने एक मित्र प्रदीप मिश्रा से मदद लिया था। फिर इतने लंबे समय तक इसकी रिकॉर्डिंग करने के लिए अपने मित्र उन्नति स्टूडियो के मालिक दीपक जायसवाल से संपर्क किया। उन्होंने इसकी पूरी रिकॉर्डिंग कम से कम खर्च लेकर साथ देने का वादा किया। दीपक जायसवाल को भी "गिनीज़ पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट" से सम्मानित किया जाएगा।
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-मई 20, 2019 को गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के नियमों के आधार पर शुरुआत
डॉ पिल्लई ने बताया कि मई 20, 2019 को गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के नियमों के आधार पर वीडियोग्राफी के साथ इसकी रिकॉर्डिंग शुरू हुई। कोविड महामारी की वजह से एक साल से ज्यादा रिकॉर्डिंग बंद रहा। उसके बाद फिर शुरू हुआ और नवंबर 10, 2022 को रिकॉर्डिंग पूरा किया गया। उन्होंने बताया कि 138 घंटे 41 मिनट 02 सेकंड का गाना तैयार करने में रिकॉर्डिंग, एडिटिंग, मिक्सिंग सहित चार साल में 63 दिन और 295 घंटे का समय लगा।
इस कार्य को पूर्ण करने में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, प्रदर्शन कला विभाग के डीन प्रोफेसर डॉ० शशि कुमार, सहायक प्रोफेसर (मृदंगम) डॉ० सत्यवरा प्रसाद आदि संगीत विद्वानों का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था।
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पहले भी बना चुके है चार गिनीज़ रिकॉर्ड
डॉ पिल्लई ने सबसे कम समय में एनीमेशन मूवी बनाकर 2012 में एक कैनेडियन का रिकॉर्ड तोड़ा था। कैनेडियन ने जो काम छः घंटे में किया था डॉ पिल्लई ने उसको साढ़े तीन घंटे में करके अपना नाम किया था। भारत का झंडा एवं पोस्टकार्ड को लेकर 16300 पोस्टकार्ड से "लांगेस्ट लाइन ऑफ पोस्टकार्ड" चीन का रिकॉर्ड तोड़कर अपना नाम किया था। इसी क्रम में उन्होंने "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ" जनजागरूकता अभियान के तहत "लार्जेस्ट पोस्टर अवेयरनेस कैंपेन" करके तीसरी बार गिनीज़ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया। "योगा जनजागरूकता" अभियान के तहर सबसे लंबा लिफाफा बनाकर चौथी बार अपना नाम गिनीज रिकॉर्ड में दर्ज कराया। इस कार्य को मूर्त रूप देने के लिए डॉo पिल्लई के दोनों पुत्र कार्तिक एवं प्रणव ने भी तकनीकी सहयोग दिया है। बहुमुखी प्रतिभा के डॉ जगदीश पिल्लई वैदिक साइंस में पीएचडी हैं और 500 से ज्यादा पुस्तकों के लेखक भी हैं।
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