हमीरपुर : यमुना, बेतवा समेत आठ नदियों की बाढ़ की जद में आते हैं 187 गांव

यमुना, बेतवा और केन समेत आठ नदियों की बाढ़ की जद में हर साल एक सौ सत्तासी गांव आते हैं...

हमीरपुर : यमुना, बेतवा समेत आठ नदियों की बाढ़ की जद में आते हैं 187 गांव
सांकेतिक फ़ोटो - सोशल मीडिया

हमीरपुर। हमीरपुर जिले में इस बार बाढ़ की तैयारियां रामभरोसे चल रही है। यमुना, बेतवा और केन समेत आठ नदियों की बाढ़ की जद में हर साल एक सौ सत्तासी गांव आते हैं बावजूद बाढ़ से लाखों बाशिन्दों को सुरक्षा के दायरे में लाए जाने के कोई इंतजाम नहीं दिख रहे हैं। दो साल पहले यहां नदियों के उफनाने से भारी तबाही हुई थी। एनडीआरएफ को भी यहां डेरा डालना पड़ा था।

हमीरपुर तहसील क्षेत्र में बेतवा नदी की बाढ़ की जद में 59 गांव हैं, वहीं मौदहा क्षेत्र में 3 गांव बाढ़ से प्रभावित होते हैं। जिले के सरीला क्षेत्र में भी दो दर्जन गांव बाढ़ के खतरे के मुहाने आते हैं। अकेले बेतवा नदी के उफनाने से 86 गांवों में तबाही मचाती है। इन गांवों के 1.52 लाख लोग हर साल बाढ़ से प्रभावित होते हैं।

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इसके अलावा यमुना नदी की बाढ़ से हमीरपुर तहसील क्षेत्र में 20 गांवों में भारी नुकसान होता है। जबकि चन्द्रावल नदी की बाढ़ से हमीरपुर क्षेत्र में पांच और मौदहा क्षेत्र में 18 गांवों में कहर तबाही होती है। इसी तरह से केन नदी की बाढ़ से मौदहा क्षेत्र के आधा दर्जन गांव प्रभावित होते हैं।

हमीरपुर जिले में बहने वाली धसान नदी भी बाढ़ के मौसम में राठ क्षेत्र के ग्यारह और सरीला क्षेत्र के एक गांव में भारी नुकसान होता है। विरमा नदी भी मौदहा, राठ और सरीला क्षेत्र में नौ-नौ गांवों में कहर बरपाती है। जिले में श्याम नदी की उफान से मौदहा के सात गांव में बड़ी तबाही होती है। वहीं सीहो नाला की बाढ़ से मौदहा क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में बड़ी नुकसान होता है।

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हर साल बाढ़ से सवा तीन लाख से अधिक आबादी होती है प्रभावित

मौदहा बांध निर्माण खंड विभाग ने इस बार बाढ़ प्रबंधन का प्लान तैयार किया है। लेकिन बाढ़ से निपटने के लिए धरातल पर कोई निर्माण कार्य अभी नहीं दिख रहे है। जिले में 187 गांव यमुना, बेतवा, केन व अन्य स्थानीय नदियों की बाढ़ की जद में आने से इन गांवों की 3.38 लाख से अधिक आबादी हर साल परेशान होती है।

यमुना और बेतवा नदियों की बाढ़ से बचाने को योजनाएं भी असफल

यमुना व बेतवा नदियों के बीच बसे हमीरपुर शहर को बाढ़ से बचाने के लिए दशकों पूर्व बाढ़ सुरक्षा योजना चलाई गई थी। जिसमें कई करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी शहर के कई इलाके बाढ़ के मुहाने में आज भी हैं।

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मौदहा बांध निर्माण खंड के एई सर्वजीत वर्मा ने बताया कि दोनों नदियों के तटबंधों के बाल्व ओके कर दिए गए हैं। एक गेट की मरम्मत भी कराई गई है। बताया कि मेरापुर व भिलांवा के पास यमुना नदी के तटबंध व सिंह महेश्वर मंदिर तक निर्माण कार्य कराए जा चुके हैं। बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए बालू से भरी बीस हजार बोरियों की व्यवस्था की गई है। नदियों की बाढ़ से हर साल हमीरपुर तहसील क्षेत्र के करीब नब्बे गांव प्रभावित होते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार

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