जैन समाज का देशव्यापी संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव शुरू, डाक विभाग ने आवरण एवं विरूपण सील किया जारी

जैन समाज के संत शिरोमणि, संस्कृति शासनाचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के पचासवें आचार्य पदारोहण दिवस के अवसर..

जैन समाज का देशव्यापी संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव शुरू, डाक विभाग ने  आवरण एवं विरूपण सील किया जारी

जैन समाज के संत शिरोमणि, संस्कृति शासनाचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के पचासवें आचार्य पदारोहण दिवस के अवसर पर सोमवार को देशव्यापी संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव (2021-22) शुरू हुआ। इस अवसर पर डाक विभाग के अधिकारियों द्वारा जैन समाज की उपस्थिति में विशेष आवरण एवं विरूपण सील का अनावरण करके जारी किया गया। 

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इस विशेष डाक लिफाफे के अनावरण के सम्बन्ध में एस.सी.जैन, मुख्य अभियन्ता, पी.डब्ल्यू.डी, बॉंदा क्षेत्र तथा आर.के.जैन, सहायक निदेशक बचत, बॉंदा द्वारा अपने वक्तव्यो के द्वारां अवगत कराया गया कि संत शिरोमणि, संस्कृति शासनाचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का जन्म 10 अक्टूबर 1946 को ग्राम सदलगा, तहसील-चिक्कोड़ी जिला-बेलगाम (कर्नाटक) में हुआ था।

30 जून 1968 को राजस्थान के अजमेर शहर में परम पूज्य महाकवि ज्ञानमूर्ति आचार्य श्री 108 ज्ञानसागर जी गुरु महाराज से दिगम्बर दीक्षा धारण की तथा 4 वर्ष की कठिन साधना,कठोर तपस्या और ज्ञान आराधना करके गुरुदेव की परीक्षा में पास हुए। तब आचार्य गुरुवर ज्ञानसागर जी महाराज ने उन्हें 22 नवंबर 1972 को नसीराबाद,जिला-अजमेर (राजस्थान) में अपना आचार्य पद देकर आचार्य बनाया। 50 साल की इस यात्रा में आचार्य विद्यासागर जी महाराज ने देश की  लगभग 50000 किलोमीटर की पदयात्रा में श्रमण संस्कृति की धर्म पताका को फहराते हुए जैनदर्शन को समाज के सामने उपस्थित किया है।

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आचार्य श्री ने लगभग 500 ब्रह्मचारी ब्रह्मचारणियों को साधना के सोपानों पर आरूढ़ किया। अनेक हिंदी ग्रंथों की रचना की हैं। जिसमें मूकमाटी महाकाव्य देश विदेश की एक अनुपम महान कृति के रूप में प्रसिद्धि पा रहा है। आचार्य महाराज ने गोवंश की दुर्दशा देख करुणा पूर्वक समाज को प्रेरणा दी फलस्वरूप देश मे 75 गौशालाएं खोली गई जिनमें 1,00,000 से अधिक गोवंश संरक्षण प्राप्त कर रहा है।

आचार्य श्री की प्रेरणा से जबलपुर(मध्य प्रदेश), डोंगरगढ़ (छत्तीसगढ़), रामटेक (महाराष्ट्र), इंदौर (मध्य प्रदेश) एवं ललितपुर (उत्तर प्रदेश), इन पांच स्थानों पर प्रतिभास्थली नाम से बालिका शिक्षा के आधुनिक गुरुकुलों की स्थापना हुई।  ऐसे महापुरुष के 22 नवंबर 2021 को 50 वें आचार्य पदारोहण के अवसर पर पूरे देश भर में संस्कृति शासनाचार्य स्वर्ण महोत्सव (2021-22) के रूप में भारतवर्ष की  समाज मनाने जा रही है।

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इसी उपलक्ष्य में देशभर में जैन समाज स्थानीय पोस्ट ऑफिस से अनुरोध करके ऐसे महापुरुष की स्मृति व संस्कृति शासनाचार्य महोत्सव की स्मृति में स्पेशल कवर,कैंसिलेशन सील जारी कराया है जो वर्षभर जारी होते रहेंगे। यह महोत्सव 22 नवंबर 2021 से 22 नवंबर 2022 तक पूरे वर्षभर देश की जैन समाज मनाएगी और समय-समय पर पूरे वर्ष भर स्पेशल कवर,कैंसिलेशन सील जारी होते रहेंगे।

विशेष आवरण एवं विरूपण सील के अनावरण के समय डाक विभाग के अधीक्षक डाकघर एल.के.शर्मा,ओ.एस. महेन्द्र कुमार, सहायक डाक अधीक्षक हमीरपुर संदीप चौरसिया, एल.आर.के. विश्वकर्मा, कार्यालय सहायक रवि भूषण शर्मा, मुख्य अभियन्ता पी.डब्ल्यू.डी.  एस.सी. जैन, सहायक निदेशक बचत,  राकेश कुमार जैन, दिगम्बर जैन समाज बाँदा के कुमार जैन, प्रमोद कुमार जैन, प्रकाश चंद्र जैन, श्रीमती विनोद जैन, कमलेश दीक्षित, मनोज जैन, सहित जैन समाज तथा नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।

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