शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहें शिक्षक : त्रिपाठी
उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय आह्वान पर सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध स्वरूप...

पूर्व शिक्षक विधायक ने मूल्यांकन केंद्र में काली पट्टी बांध कर मूल्यांकन कर रहे शिक्षकों से की मुलाकात
चित्रकूट। उप्र माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रान्तीय आह्वान पर सरकार की शिक्षक विरोधी नीतियों के खिलाफ विरोध स्वरूप काली पट्टी बांधकर मूल्यांकन कार्य कर रहे शिक्षकों से प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी ने सोमवार को मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना। उन्होंने कहा कि योगी सरकार शिक्षक विरोधी है। कई बार वार्ताएं की गई लेकिन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया। अब शिक्षक सरकार से दो-दो हाथ करने को तैयार रहे। इसके लिए उन्होंने समस्त शिक्षकों को जागरूक किया और कहा कि भविष्य में पूरे प्रदेश भर के शिक्षक बहुत बड़ा आंदोलन करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार की वादाखिलाफी से शिक्षक वेहद नाराज हैं। शिक्षकों की सेवा सुरक्षा नियमावली माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की धारा 12, 18 व 21 को बहाल करने, पुरानी पेंशन बहाली, शिक्षकों को निःशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान किये जाने व वित्तविहीन शिक्षकों सेवा नियमावली बनाकर समान कार्य के लिए समान वेतन दिए जाने आदि लंबित मांगों पर आश्वासन दिए जाने के बाद भी कोई कार्यवाही न होने पर शिक्षक नाराज है। ,सरकार के उपेक्षात्मक रवैये से पूरे प्रदेश का शिक्षक हाथ मे काली पट्टी बांधकर मूल्यांकन कार्य कर रहा है। मूल्यांकन केंद्र में शिक्षकों ने जिलाध्यक्ष राघवेंद्र कुमार मिश्रा व जिला मंत्री सूर्यभान सिंह की अगुवाई में पूर्व शिक्षक विधायक सुरेश कुमार त्रिपाठी के समक्ष अपनी समस्याओं को बयां किया। वित्तविहीन विद्यालयों के सैकड़ो शिक्षक प्रधानाचार्या कल्पना राजपूत के नेतृत्व में मिले और कहा कि वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षक प्रदेश में सर्वाधिक संख्या में हैं और शिक्षा की अलख जगा रहे हैं लेकिन उनकी आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय है। जब तक शिक्षक भूखा है ज्ञान का सागर सूखा है। सरकार सबका साथ सबका विकास की बात करती है लेकिन वित्तविहीन शिक्षक आज भी बेरोजगारी का दंस झेल रहे हैं। प्रदेश में व्यावसायिक शिक्षक पिछले कई वर्षों से मामूली मानदेय पर काम कर रहे हैं। कहा कि सरकार यदि शिक्षकों की समस्याओं का निराकरण नहीं करती तो 14 अप्रैल को राज्य परिषद की बैठक में आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुरेश प्रसाद, कोषाध्यक्ष अवधेश सिंह, जयशंकर प्रसाद ओझा, सुनील शुक्ला, ऋषि कुमार शुक्ला, रघुनंदन सिंह, धर्मेंद्र सिंह, डा रणवीर सिंह चौहान, राकेश प्रताप सिंह, जेपी मिश्रा, दिनेश मिश्रा, राजेश्वर प्रसाद, शंकर प्रसाद यादव, कल्पना राजपूत, कीर्ति मिश्रा, लक्ष्मी, रंजना सिंह आदि शिक्षक मौजूद रहे।
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