बुंदेलखंड के युवा हर्बल साबुन बनाना सीखकर, बनेंगे आत्मनिर्भर

रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने नीम, एलोवेरा और लेमन ग्रास के तेल से हर्बल साबुन...

बुंदेलखंड के युवा हर्बल साबुन बनाना सीखकर, बनेंगे आत्मनिर्भर

रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने नीम, एलोवेरा और लेमन ग्रास के तेल से हर्बल साबुन बनाया है। इसे विश्वविद्यालय के स्टाफ को ही उपयोग करने के लिए दिया गया है। अब इसे और परिशोधित करके लैब में जांच के लिए भेजा जाएगा। सब कुछ ठीक मिला तो बुंदेलखंड के युवाओं को हर्बल साबुन बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी विभाग में एक्सटेंशन लर्निंग प्रोग्राम के तहत छात्रों को हर्बल साबुन बनाना सिखाया गया है। उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. मनमोहन डोबरियाल ने बताया कि इसमें उपयोग की गई नीम त्वचा रोगों को ठीक करती है। वहीं, एलोवेरा त्वचा का रूखापन कम करता है। एलोवेरा में खुशबू डालने के लिए लेमन ग्रास तेल का उपयोग किया है। अभी साबुन को उपयोग के लिए विश्वविद्यालय के स्टाफ को दिया गया है।

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अब साबुन को और परिशोधित किया जाएगा। साबुन पूरी तरह हर्बल है, इसलिए किसी भी तरह के दुष्प्रभाव नहीं होंगे। फिर भी लैब में जांच कराकर इसकी रिपोर्ट ली जाएगी। फिर कैंपस में बने इनोवेशन और इन्क्यूबेशन सेंटर में झांसी समेत बुंदेलखंड के आसपास के जिलों के युवाओं को बुलाकर यहां हर्बल साबुन बनाना सिखाएंगे। ताकि, वो स्वरोजगार स्थापित कर सकें।

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