सेना का मिशन अग्निपथ : युवाओं को मिलेगी चार साल की नौकरी, 6.92 लाख का सालाना पैकेज
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तीनों सेनाओं के लिए मंगलवार को ऐतिहासिक 'अग्निपथ' योजना को मंजूरी दी है..
नई दिल्ली,
- सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तीनों सेनाओं के लिए 'अग्निपथ' योजना को मंजूरी दी
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तीनों सेनाओं के लिए मंगलवार को ऐतिहासिक 'अग्निपथ' योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत भारतीय युवाओं को 'अग्निवीर' के रूप में चार साल के लिए सशस्त्र सेवाओं में शामिल होने का मौका दिया जाएगा। सेनाओं की ट्रेनिंग देने के बाद इन्हें पाकिस्तान-चीन सीमा पर तैनात किया जायेगा। सशस्त्र सेनाओं से निकलने के बाद इन 'अग्निवीरों' को केंद्र सरकार के मंत्रालयों और राज्य सरकारों की नौकरियों में प्राथमिकता दी जायेगी।
नेशनल मीडिया सेंटर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 'अग्निपथ' योजना के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि रक्षा मंत्रालय की यह स्कीम युवाओं को देश सेवा का मौका देने के साथ ही उन्हें तकनीकी तौर पर भी सुधारने में मदद करेगी। इस योजना से विभिन्न क्षेत्रों में नए कौशल के साथ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। 'अग्निपथ' योजना के तहत सशस्त्र बलों का युवा प्रोफाइल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। यह स्कीम बनाने के लिए हमने अन्य देशों के मॉडल का अध्ययन किया है लेकिन देश के युवाओं के हित में निर्णय लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमने दूसरों की नकल करने की कोशिश नहीं की है। जो नकल करके अपनी अकल बढ़ाने की कोशिश करते हैं, उनकी शक्ल खराब हो जाती है।
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- उच्च-तकनीकी वातावरण में ट्रेनिंग देने के बाद पाकिस्तान-चीन सीमा पर तैनात किये जायेंगे
सैन्य मामलों के विभाग के अतिरिक्त सचिव लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि हम युवाओं को 'अग्निवीर' के रूप में छोटी अवधि की सैन्य सेवा का मौका दे रहे हैं। आज औसत आयु लगभग 32 वर्ष है, लेकिन आने वाले 6-7 वर्षों में यह और कम होकर 26 वर्ष हो जाएगी। देश के युवाओं की क्षमता का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें भविष्य का सैनिक बनाने की आवश्यकता है। 'अग्निवीर' भविष्य के लिए तैयार इस सैनिक का हिस्सा होगा। अग्निवीर भारत के युवा रक्षक होंगे। 4 साल हमारे साथ रहने के बाद अग्निवीर का बायोडाटा बहुत ही अनोखा होगा। वह हमारे साथ बिताए गए चार साल के बाद देश के अन्य युवाओं की भीड़ से अलग होंगे। लेफ्टिनेंट जनरल अनिल पुरी ने बताया कि अग्निवीरों का चयन अखिल भारतीय मॉडल के आधार पर योग्यता और चयन प्रक्रिया पर होगा। देश के 17.5 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को सशस्त्र बलों की सेवा करने का मौका दिया जायेगा। इन्हें 4.76 लाख से 6.92 लाख रुपये का सालाना पैकेज दिया जाएगा।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि वायु सेना में तेजी से प्रौद्योगिकी आधारित वातावरण बदल रहा है, जिसके अनुकूल अग्निवीरों को उच्च-तकनीकी वातावरण में प्रशिक्षित किया जायेगा। अग्निपथ योजना के तहत भारतीय वायु सेना युवाओं की योग्यता और उनके दृष्टिकोण का आकलन करेगी। अग्निवीरों को भारतीय वायुसेना में वायु योद्धा के रूप में शामिल होने के लिए आवश्यक विमानन और गैर-विमानन कौशल में विशेष प्रशिक्षण दिया जायेगा। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि वायु सेना विमानन और हथियारों में 'अग्निवीर' के लिए प्रशिक्षण और प्रदर्शन की एक विस्तृत श्रृंखला मुहैया कराएगी। उन्होंने भारत के महत्वाकांक्षी युवाओं को राष्ट्र की सेवा करने और गौरव के साथ आकाश को छूने के इस अनूठे अवसर का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
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- 'अग्निवीरों' को केन्द्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों की नौकरियों में दी जाएगी प्राथमिकता
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि अग्निपथ योजना नए युग का नया विचार है, जो भारत में भारत के लिए बना है। इस योजना का सशस्त्र बलों के मानव संसाधन प्रबंधन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और सशस्त्र बलों के लिए भविष्य की आवश्यकताओं के बीच संतुलन लाएगा। भारतीय नौसेना प्रमुख ने कहा कि अभी नौसेना में महिला अधिकारी हैं। अग्निवीर योजना के तहत महिला नाविकों को भी शामिल किया जाएगा। यह एक बड़ा कदम है। सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। महिला अधिकारियों की ऑन-बोर्ड तैनाती पहले से ही है।
सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि 4 साल के प्रशिक्षण के दौरान अग्निवीर आसानी से हमारी इकाइयों से जुड़ जाएंगे। प्रशिक्षित होने के बाद यह चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर तैनात होने में सक्षम होंगे। योजना के क्रियान्वयन के दौरान हमारी परिचालन क्षमताओं से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अग्निपथ योजना का उद्देश्य सेना को भविष्य के लिए तैयार लड़ाकू बल बनाना है, जो संघर्ष के पूरे स्पेक्ट्रम में कई चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होगा। आईटीआई और अन्य तकनीकी संस्थानों के माध्यम से 'अग्निवीर' की भर्ती करके सेना की तकनीकी सीमा को बढ़ाया जाएगा। सेना प्रमुख ने बताया कि निष्पक्ष, पारदर्शी और मूल्यांकन प्रणाली के आधार पर स्क्रीनिंग के बाद चयनित 'अग्निवीर' हमारे संगठन का मूल हिस्सा बनेंगे। 'अग्निवीर' को हर तरह से सेना में आत्मसात और एकीकृत किया जाएगा।
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