अनाथ हुए शावकों के बाघ पिता को मिली नई संगिनी, अब शावकों के साथ कैसा होगा बर्ताव
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में चार नन्हें शावकों की मां बाघिन पी-213(32) की अज्ञात कारणों के चलते मौत हो गई थी..
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में चार नन्हें शावकों की मां बाघिन पी-213(32) की अज्ञात कारणों के चलते मौत हो गई थी। बाघिन की मौत के बाद अनाथ हुए उसके शावकों की खुले जंगल में सुरक्षा तथा उनका पालन पोषण कैसे होगा, इस बात को लेकर पार्क प्रबंधन व वन्यजीव प्रेमी चिंतित थे।
लेकिन शावकों को उनके पिता बाघ पी-243 न सिर्फ उनको अपना किल (शिकार) भी खाने के लिए देने लगा बल्कि उनकी सुरक्षा भी कर रहा था लेकिन हाल ही में पिता बाघ को एक अन्य बाघिन के साथ देख कर पन्ना टाइगर रिजर्व के प्रबंधन को शावकों की चिंता सताने लगी है।
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इस संबंध में पन्ना टाइगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक उत्तम कुमार शर्मा ने न्यूज; बुलेटिन जारी कर अब तक की प्रगति का विवरण साझा किया है। श्री शर्मा बताते हैं कि चारों शावक जंगल में स्वस्थ, सक्रिय और सहज प्राकृतिक जीवन जी रहे हैं। शावकों को देखकर प्रतीत होता है कि वे पूर्णरूपेण तनावमुक्त हैं तथा उनमें बालपन की चंचलता भी दिखाई दे रही है।
उन्होंने बताया कि अब वह बड़े हो रहे हैं और शिकार करने के गुर सीख रहे हैं हाल ही में शावकों को द्वारा शिकार कर यह जता दिया कि अब उनमें शिकार करने की क्षमताएं बढ़ गई हैं, लेकिन उनके संरक्षक पिता बाघ को नई संगिनी मिल गई है जिसके चलते अब यह कह पाना मुश्किल होगा कि इनके संरक्षक पिता की भूमिका शावकों के साथ कैसी होगी।
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क्षेत्र संचालक श्री शर्मा बताते हैं कि शावकों की उम्र 9 माह से अधिक की हो गई है। इन्हें अभी हाल ही में वन्य प्राणी का किल करते हुए देखा गया। जिससे इनकी जीवित रहने की उम्मीद काफी बढ; गई थी लेकिन संरक्षक पिता बाघ को अन्य बाघिन के साथ दूसरे इलाके में देखे जाने पर हमारी चिंता बढ गई है इसके अलावा जिस इलाके में इस बाघ को बाघिन के साथ देखा गया है वह दूसरे बाघ का इलाका है और इस बाघ के शरीर में चोट के निशान भी देखे गए हैं जिससे प्रतीत होता है कि इस इलाके के बाघ के साथ अपने क्षेत्र को लेकर संघर्ष हुआ है।
आगामी समय में अगर बाघ का जोड़ा बनता है तो उसका शावकों के साथ कैसा व्यवहार रहेगा या उस बाघिन को इस इलाके में लाता है तो बाघिन का शावकों के साथ कैसा व्यवहार रहेगा यह सब अतीत की बातें हैं लेकिन शावकों की सुरक्षा के लिए हमें हर समय सतर्क रहना पड़ेगा।
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उन्होंने बताया कि इन शावकों को खुले जंगल में जीवित रहने के लिए शिकार करने में और दक्षता हासिल करनी होगी अभी यह एक निश्चित टेरिटोरियल इलाके में रहते हैं जिनका संरक्षण उनका पिता करता है।
उन्होंने यह भी बताया कि चारों शावक मिलकर वन्य प्राणी का शिकार करने में दक्ष हो गए हैं अगर यह साथ रहते हैं तो इन्हें बाघ के अलावा अन्य किसी वन्य प्राणी से ज्यादा खतरा नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में पिता बाघ को अन्य बाघिन के साथ दूसरे एरिया में देखा गया है इसके अलावा शावकों को भी किल करते व उसे खाते हुए हाथियों की मदद से देखा गया है व वीडियोग्राफी कराई गई है।
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