यूपी में बाघों पर काबू पाने के लिए चित्रकूट सहित चार रेस्क्यू सेंटर बनाने को मंजूरी

प्रदेश के आबादी वाले हिस्सों में बाघ और तेंदुओं की मार झेल रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। इनके लिए यूपी में चार रेस्क्यू सेंटर..

Jul 29, 2021 - 05:46
Jul 29, 2021 - 05:47
 0  2
यूपी में बाघों पर काबू पाने के लिए चित्रकूट सहित चार रेस्क्यू सेंटर बनाने को मंजूरी
बाघ फाइल फोटो

प्रदेश के आबादी वाले हिस्सों में बाघ और तेंदुओं की मार झेल रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है। इनके लिए यूपी में चार रेस्क्यू सेंटर और एक रिवॉइल्डिंग सेंटर बनाने के लिए नेशनल कैंपा कमेटी (ईसी) ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है। शीघ्र ही औपचारिक आदेश जारी कर दिया जाएगा। इनमें चित्रकूट भी शामिल है जहां रेस्क्यू सेंटर बनाने  का प्रस्ताव है।

यह भी पढ़ें - पन्ना टाइगर रिजर्व की युवा बाघिन मौत से अनाथ हुए उसके चार नन्हें शावक कहां हो गए गुम

यूपी में बाघों और तेंदुओं के आबादी में आने की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। जंगल से सटे इलाकों में मानव और पालतू पशुओं पर हमले भी आए दिन हो रहे हैं। इस पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने पीलीभीत, मेरठ, महराजगंज और चित्रकूट में एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। इस पर कंपनसेटरी अफॉरेस्टेशन फंड मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी (कैंपा) की राष्ट्रीय कार्यकारी कमेटी ने बीते दिनों विचार किया। 

वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, बैठक में इन प्रस्तावों पर किसी तरह की आपत्ति नहीं दर्ज कराई गई। ईसी ने यूपी के अधिकारियों के परियोजनाओं के पक्ष में दिए गए तर्कों को वाजिब ठहराया। रेस्क्यू सेंटर के लिए कैंपा फंड मुहैया कराएगा। एक रेस्क्यू सेंटर की लागत करीब 4.90 करोड़ रुपये आएगी।

यह भी पढ़ें -  अद्भुत : अनाथ हो चुके चार शावकों की परवरिश कर रहा है नर बाघ

बीते एक साल के आंकड़ों के मुताबिक दुधवा व पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आसपास के गांवों और पश्चिमी व पूर्वी यूपी में नदियों के कछार में अक्सर तेंदुए देखे जा रहे हैं। बरेली में रामगंगा नदी के किनारे बाघिन ने दो लोगों को पिछले महीने घायल किया था। प्रदेश के इन चार अलग-अलग हिस्सों में रेस्क्यू सेंटर बनने से जंगल के बाहर तेंदुए और बाघ मिलने पर इन्हें तत्काल पकड़ा जा सकेगा। 

रेस्क्यू सेंटरों में वन्य-जीव चिकित्सकों के अलावा प्रशिक्षित स्टाफ और वन्यजीवों को पकड़ने के लिए जरूरी उपकरण व वाहन भी रहेंगे। नजदीक में ही रेस्क्यू सेंटर होने पर उन्हें अपेक्षाकृत कम समय में पकड़कर भेजा जा सकेगा, जिससे मानव-वन्य जीव संघर्ष में कमी आएगी।

यह भी पढ़ें - दलितों -पिछड़ो का उत्थान कर छत्रपति शाहू जी महाराज के सपनो को साकार कर रहे पीएम मोदी -चंद्र प्रकाश खरे

What's Your Reaction?

Like Like 1
Dislike Dislike 0
Love Love 1
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0