बांदा से अपहृत बालक 24 घंटे के अंदर कहां बरामद, कौन अभियुक्त पकड़े गए
शहर में एक मैरिज हाल से धार्मिक पूजा के दौरान गेस्ट हाउस के मालिक राकेश राजपूत के इकलौते बेटे का अपहरण कर 10 लाख की फिरौती मांगी गई जिसने घटना की सूचना..
बाँदा,
शहर में एक मैरिज हाल से धार्मिक पूजा के दौरान गेस्ट हाउस के मालिक राकेश राजपूत के इकलौते बेटे का अपहरण कर 10 लाख की फिरौती मांगी गई। जिसने घटना की सूचना पुलिस को दी और पुलिस ने तेज एक्शन लेते हुए 24 घंटे के अंदर बांदा शहर से 50 किलोमीटर दूर अपहृत बच्चे को बरामद कर बच्चे को अगवा करने वाले चार अभियुक्तों को दबोच लिया। पुलिस द्वारा सक्रियता से बच्चे को को सकुशल बरामद करने पर प्रशंसा की जा रही है।
इस बारे में जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि शहर कोतवाली अंतर्गत फूटा कुआं गायत्री नगर निवासी राकेश राजपूत ने कल पुलिस को सूचना दी थी कि उसके इकलौते पुत्र आलोक राजपूत (11) को 31 अक्टूबर की रात मैरिज हाल में मौन पूजा के दौरान अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपहरण कर लिया गया है और 10 लाख की फिरौती मांगी गई है।इस सूचना पर पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एसओजी प्रभारी आनंद कुमार सिंह व कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह बच्चे को बरामद करने के लिए जुट गए।
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इसके बाद पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए संदिग्ध स्थानों पर चेकिंग, दबिश देते हुए सर्विलांस की मदद से सुरागरसी शुरू की ।इसी दौरान जमवारा चैराहा नरैनी करतल रोड पर एक संदिग्ध लाल काले रंग की मोटरसाइकिल संख्या डी एल एस एस ए क्यू 5686 पैशन एक्स प्रो पर सवार दो लोगों को रोका गया। जिन्होंने अपने बीच में कंबल में 11 वर्षीय बालक को ढक कर रखा था। बालक से नाम पता पूछने पर उसने अपना नाम आलोक कुमार पुत्र राकेश राजपूत निवासी फूटा कुआ गायत्री नगर बताया। अपहृत बालक के बरामद होने पर दोनों व्यक्तियों को हिरासत में ले लिया गया।
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जिन्होंने बताया कि मेरे और रविंद्र के द्वारा तीरथ राम कुशवाहा व उसके लड़के मनीष के साथ योजना बनाकर 31 अक्टूबर को रात लगभग 8 .30 बजे तीरथ राम व मनीष मैरिज हाल में चल रहे धार्मिक उत्सव के दौरान आलोक को टॉफी दिलाने के बहाने बहला-फुसलाकर बबेरू रोड पर लाये। जहां से अभियुक्त दीपचंद व रविंद्र द्वारा मोटरसाइकिल पर बिठाकर कंबल ओढ़ाकर रातों-रात बबूल की बगिया अजय गढ़ लेकर चले गए। वहां पर अपहृत बालक को छुपा कर रखा गया। एक नवंबर की रात करीब 1 .45 बजे अपहृत बालक के पिता के मोबाइल पर कॉल कर 10 लाख की फिरौती मांगी गई और अजय गढ़ से बालक आलोक को मोटरसाइकिल में बिठाकर अभियुक्त बांदा ला रहे थे तभी नरैनी रोड जमवारा चैराहे पर पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया।
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फिरौती के बाद हत्या की योजना थी
अभियुक्तों ने बताया कि अपहत बालक को जान से मारने की योजना थी इसी क्रम में उसे अजय गढ़ से बांदा लाया जा रहा था। फिरौती मिल जाने के बाद बालक को जान से मार कर बोरे में भरकर उसके शव को राकेश राजपूत के घर के पीछे बबूल की झाड़ियों में फेंकने की योजना थी। पुलिस द्वारा 24 घंटे के अंदर अपहृत बालक की सकुशल बरामदगी पर भूरी भूरी प्रशंसा की जा रही है।
पुलिस टीम की गई पुरस्कृत
पुलिस टीम के उत्साहवर्धन के लिए पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा ने 25000 रू. के पुरस्कार से पुरस्कृत किया है। पुलिस टीम के इस साहसिक कार्य को बालक के पिता व उसके परिजनों तथा आसपास के लोगों ने मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए उन्हें फूल मालाओं से लाद दिया।
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पकड़े गए अभियुक्त
अपहरण में शामिल अभियुक्तों में दीपचंद पुत्र धर्मपाल व तीरथ राम कुशवाहा पुत्र रामखेलावन कुशवाहा निवासी बिलगांव थाना बिसंडा बांदा, रविंद्र कुमार कुशवाहा पुत्र रतन लाल कुशवाहा निवासी ग्राम रीवन कराहिया थाना मौदहा जनपद हमीरपुर व मनीष पुत्र तीरथ राम कुशवाहा निवासी बिलगांव थाना बिसंडा शामिल है।
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अपहृत बच्चे को बरामद करने वाली पुलिस टीम
अपहृत बच्चे को बरामद करने में एसओजी प्रभारी आनंद कुमार सिंह, कोतवाली प्रभारी दिनेश सिंह, उप निरीक्षक मयंक चंदेल, कौशल सिंह, चंद्रपाल सिंह, आरक्षी दीपेंद्र सिंह, नितेश, भूपेंद्र मिश्रा, शैलेंद्र, सागर यादव, रवि कुमार शर्मा, आशुतोष यादव, सत्येंद्र यादव, अजय पासी शामिल रहे।