जमानत पर छूटा यह डाॅक्टर चला रहा है बाँदा में फर्जी नर्सिंग होम !?

शहर के बीचोंबीच एक नर्सिंग होम चल रहा है, बाहर बोर्ड लगा है और लोग भी यही जानते हैं पर यकीन मानिये कि अन्दर नर्सिंग होम के नाम पर कुछ नहीं है..

जमानत पर छूटा यह डाॅक्टर चला रहा है बाँदा में फर्जी नर्सिंग होम !?

शहर के बीचोंबीच एक नर्सिंग होम चल रहा है, बाहर बोर्ड लगा है। और लोग भी यही जानते हैं पर यकीन मानिये कि अन्दर नर्सिंग होम के नाम पर कुछ नहीं है। सब कुछ फर्जी है। ऐसा नहीं है कि हमेशा से ही ये ऐसा था। एक समय इस नर्सिंग होम की काफी प्रसिद्धि थी, पर अब ऐसा नहीं है।

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हम बात कर रहे हैं शहर के महेश्वरी देवी मन्दिर के पास रामलीला रोड में स्थित चैरसिया नर्सिंग होम की। इसके संचालक हैं डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया। भुवनेन्द्र के पिता स्व. डाॅ. मूलचन्द्र चैरसिया, जोकि आयुर्वेदिक डाॅक्टर थे, जब तक जीवित रहे उनके भरोसे यह नर्सिंग होम चलता रहा और उनकी आयुर्वेदिक दवाओं के असर से शहर के गणमान्य नागरिक भी यहां अपना इलाज कराने आते रहे। पर विगत कुछ वर्षों से जब से यह उनके पुत्र भुवनेन्द्र चैरसिया के हाथों में आया, इसकी प्रसिद्धि में ग्रहण लगता चला गया। डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया ने भी बीएससी के बाद बीएएमएस किया था।

कहने को तो ये आयुर्वेदिक डाॅक्टर है पर आयुर्वेद की आड़ में डाॅ. भुवनेन्द्र ऐलोपैथी चिकित्सा विधि को अपनाता है और मरीजों को भी ये वही दवायें देता है। डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया ने महेश्वरी देवी मन्दिर के नीचे भी एक क्लीनिक बनाया परन्तु अधिकतर वो बन्द ही रहता है। महेश्वरी देवी मन्दिर नवयुवक समाज से भी अधिकतर उसका विवाद चलता रहता था।

मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो के पत्र से मची खलबली

दरअसल यह मामला तब उठा जब नई दिल्ली से राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण ब्यूरो की राष्ट्रीय महिला अध्यक्ष एस.आर. शंकर ने बाँदा जिलाधिकारी को इस बावत एक पत्र बीते 1 जुलाई को लिखा था। पत्र में उन्होंने लिखा था कि एक नीम-हकीम डाॅक्टर भुवनेन्द्र चैरसिया द्वारा चलाये जा रहे नर्सिंग होम में कोई भी आॅपरेटिंग मानक नहीं है। न तो वहां कोई पैरामेडिक कर्मी है और न ही आवश्यक बेड सुविधा, चिकित्सा उपकरण के साथ फायर क्लीयरेंस इत्यादि भी नहीं हैं। इस तथाकथित नर्सिंग होम से निकलने वाले बायो वेस्ट जिसमें बैंडेज, इंजेक्शन सिरिंज, सुई इत्यादि के साथ ब्लड, मवाद को भी बाहर खुले में अक्सर फेंक दिया जाता है, जोकि संक्रमण फैलने का कारण बन सकता है। खुले में ऐसे बायो वेस्ट को फेंके जाने से मवेशियों खासतौर पर गायों की जान भी खतरे में पड़ जाती है। यह जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबन्धन अधिनियम 2016 का घोर उल्लंघन भी है। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा कि यह नर्सिंग होम भोले-भाले ग्रामीणों को इलाज के नाम पर लूटता भी है।

जेल की हवा खाने के बावजूद बाज नहीं आता

डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया के पुत्र पवन चैरसिया जोकि जेएनयू में रिसर्च स्काॅलर हैं, ने बताया, ”मेरे पिता सन् 2015 में एक मर्डर के सिलसिले में 2 साल की जेल की सजा भी भुगत चुके हैं। फिलहाल वह जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अपनी हरकतों से बाज नहीं आते और दिन रात मुझे और मेरी मां को गंदी-गंदी गालियां देते रहते हैं। दिन-रात उनकी इस हरकत से मैं भी परेशान हो गया हूँ। “आपको बता दें कि जनपद के वरिष्ठ पत्रकार स्व. बी.डी. गुप्ता के पुत्र विनोद गुप्ता के मर्डर के सिलसिले में डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया का नाम आया था, पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया था। कोर्ट के आदेश पर उसे जिला कारागार में रखा गया था। अभी भी कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है, लेकिन डाॅ. भुवनेन्द्र हाईकोर्ट में पैरवी कर जमानत पाने मेें सफल रहा। आज वह बाहर घूम रहा है और अपनी पत्नी व बच्चे को सरेआम अपमानित करता है व उनके खिलाफ साजिश करता है।

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चोरी का भी है इल्जाम डाॅ. भुवनेन्द्र पर

डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया कितना शातिर है इस बात का पता इसी बात से लगता है कि एक समय इसने आवास विकास कालोनी स्थित अपने मकान में एक राजनीतिक दल का दफ्तर खुलवाया। उस राजनीतिक दल के दफ्तर का सारा सामान उसके यहां रखा था। जिसमें मेज-कुर्सी, तखत, दस्तावेज, कूलर सहित लाखों रूपये कीमत का सामान रखा था। पर डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया की नीयत उसमें भी खराब हो गयी और उसने धीरे-धीरे सामान गायब करवाना शुरू कर दिया था। इसका पता लगने पर दल के नेताओं ने उससे कड़ाई से पूंछताछ की तो उसने बचा-खुचा सामान एक ही रात में गायब करा दिया और उनका सामान अपने यहां होने से साफ मना कर दिया। चूंकि राजनीतिक दल के पास इस बात का कोई सुबूत नहीं था तो पुलिस में मामला गया पर डाॅ. भुवनेन्द्र ने अपने बीवी-बच्चों की कसम खाते हुए इस बात से सिरे से इंकार कर दिया कि उसके यहां किसी भी प्रकार का कोई सामान था। लिहाजा इतनी बड़ी चोरी होने के बावजूद डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया साफ बच निकला।

पत्नी ने दर्ज कराई थी एफआईआर

डाॅ. भुवनेन्द्र चैरसिया की पत्नी आशा चैरसिया ने अपने पति के नाम गत 31 जुलाई को एक एफ.आई.आर. भी दर्ज कराई है। इस रिपोर्ट में आशा चैरसिया ने अपने पति पर मारपीट व अपशब्दों की बात कहते हुए आरोप लगाया है कि उनके पति उनकी सम्पत्ति छीनने व उन्हें तलाक देकर दूसरी शादी करने जा रहे हैं।

एफआईआर के अनुसार आशा ने बताया कि रोजाना उन्हें व उनके पुत्र को डाॅ. भुवनेन्द्र के कोप का भाजन बनना पड़ता है, शारीरिक प्रताड़ना के साथ मानसिक रूप से भी उन्हें तोड़ा जा रहा है, इससे उनके पुत्र की पढ़ाई पर भी असर पड़ रहा है। आशा ने आरोप लगाया है कि उनके पति उन्हें अपनी सम्पत्ति से भी बेदखल करने की साजिश रच रहे हैं, उन्हें तलाक के कागजात भी भिजवाये हैं, ताकि वे दूसरी शादी कर सकें।

पत्नी व बेटे से पुलिस के सामने माफी भी मांग चुका है भुवनेन्द्र

भुवनेन्द्र चैरसिया का यह कृत्य पहली बार नहीं है, कि वो अपनी पत्नी बेटे से लड़ता है। भुवनेन्द्र चैरसिया लगातार इस फिराक में है कि किसी तरह वह मानसिक रूप से अपनी पत्नी व बेटे को पागल घोषित करा दे ताकि उनके नाम जो भी सम्पत्ति है वो उसका अकेला वारिस बनकर अपनी मनमर्जी कर सके।

आपको बता दें कि भुवनेन्द्र के पिता स्व. डाॅ. मूलचन्द्र चैरसिया जो कि अपने बेटे की करतूतों से तंग आ चुके थे, उन्होंने सारी सम्पत्ति अपने बेटे के नाम न करके अपने नाती यानि कि भुवनेन्द्र के बेटे के नाम कर दी थी। अपनी वसीयत में डाॅ. मूलचन्द्र चैरसिया ने इस बात का जिक्र भी किया था कि उनका लड़का भुवनेन्द्र पूरी तरह से नाकारा है, और न तो उनकी बात सुनता है और न ही अपनी पत्नी व बच्चों का ध्यान देता है। डाॅ. मूलचन्द्र चैरसिया ने कोशिश करके भुवनेन्द्र के बड़े भाई जोकि इस दुनिया में नहीं हैं, की पुत्रियों सहित भुवनेन्द्र की दोनों पुत्रियों की पढ़ाई-लिखाई व शादी-ब्याह की जिम्मेदारी उठाई।

इसके बाद उन्होंने अपनी सारी सम्पत्ति अपने इकलौते नाती पवन चैरसिया के नाम कर दी, जोकि भुवनेन्द्र को बिल्कुल भी गवारा न लगा। इसीलिए अपने पिता की मौत के बाद उसने अपनी पत्नी आशा व पुत्र पवन के खिलाफ साजिशों का जाल बुनना शुरू कर दिया।

इसी वर्ष मई में जब उनके बीच विवाद हुआ तो यह विवाद कोतवाली जा पहुंचा तब पुलिस के सामने भुवनेन्द्र ने यह लिखकर दिया कि अब से वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ लड़ाई-झगड़ा नहीं करेगा। और यदि वह इस प्रकार भविष्य में करता पाया जाये तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाये। पर अगले दिन से ही भुवनेन्द्र ने पुलिस के सामने दिये गये माफीनामे की शर्तों का उल्लंघन शुरू कर दिया तब जाकर उसकी पत्नी आशा चैरसिया ने 31 जुलाई को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

इस सम्बन्ध में जब सीएमओ डाॅ. एन.डी. शर्मा से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि दो दिन पहले ही उन्होंने चार्ज लिया है। इस मामले की अभी उन्हें कोई जानकारी नहीं है। जानकारी करने के बाद ही इस पर कुछ कह पायेंगे।

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