जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत से उठा पर्दा, सच्चाई आई सामने

जनपद बांदा के हाई प्रोफाइल हो चुके जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत ने सब को झकझोर कर रख दिया है..

जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत से उठा पर्दा, सच्चाई आई सामने
जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह गौर की मौत से उठा पर्दा..

जनपद बांदा के हाई प्रोफाइल हो चुके जिला पंचायत सदस्य श्वेता सिंह  गौर की मौत ने सब को झकझोर कर रख दिया है। हर कोई जानना चाहता है कि आखिर क्या वजह थी जिससे श्वेता सिंह गौर को मजबूरी में मौत को गले लगाना पड़ा या फिर उन्हें जानबूझकर मौत के मुंह में धकेला गया। इस मामले का पुलिस खुलासा तब करेगी कब करेगी लेकिन बुंदेलखंड न्यूज़ इस मामले का अब और अभी खुलासा करने जा रहा है।

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श्वेता सिंह गौर ने मरने से पहले अपनी जेठानी और भाई को जो  व्हाट्सएप चैट की है। अगर उस पर विश्वास किया जाए तो श्वेता सिंह की मौत का जिम्मेदार और कोई नहीं उसका जीवन साथी उसका पति दीपक सिंह और है। श्वेता सिंह गौर भले ही हंसमुख सरल स्वभाव के कारण अपनों और गैरों के बीच रहकर हमेशा बात करते समय मुस्कुराती रहती थी लेकिन उनके अंदर जो दर्द था और जो पीड़ा थी।

उसे केवल उसके बच्चे और उसके परिवारी जन महसूस कर सकते थे। पति की प्रताड़ना से वह पूरी टूट चुकी थी और उसे लगने लगा था कि जीवन के सफर में वह ज्यादा दूर तक नहीं जा पाएगी। शायद इसी वजह से उसने अपने भाई और अपनी सबसे करीब जेठानी को व्हाट्सएप चैट भेजी। जिससे उनकी मौत से रहस्य का पर्दा उठता नजर आ रहा है।

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मरने से पहले अपने मोबाइल से भाई व जेठानी को भेजी गई चैट में उसने लिखा है..

'इन दिनों अगर मेरे साथ कुछ होता है, तो इन सबका जिम्मेदार दीपक सिंह होगा. मैं जिंदा रही तो मिलूंगी, आने वाले समय के लिए अब किसी से कुछ नहीं कह पाऊंगी। मैं टूट गई हूं।मुझे रोज रोज सताया जा रहा है मुझे इतना टॉर्चर किया जा रहा है कि लगता है मैं खुद ही कुछ कर लूं।

इस व्हाट्सएप चैट से तस्वीर लगभग साफ हो गई है कि या तो संघर्ष करते-करते श्वेता सिंह जिंदगी से हार मानकर मौत को गले लगाने के लिए मजबूर हो गई या फिर किसी षड्यंत्र के तहत उसे मौत के मुंह में धकेल दिया गया। लेकिन अपनी मौत के लिए उसने पहले ही अपने पति को जिम्मेदार ठहराया है तो फिर इसके लिए पति ही जिम्मेदार है।

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