बांदाः रिटायर्ड फौजी ने दो नाबालिग बहनों को घर में बंद कर, किया दुष्कर्म का प्रयास
शहर कोतवाली क्षेत्र के झील का पुरवा मोहल्ले में उस समय हड़कंप मच गया। जब एक रिटायर्ड फौजी ने दो नाबालिग बहनों को अपने घर के अंदर ले जाकर दरवाजा बंद कर लिया और फिर ...

शहर कोतवाली क्षेत्र के झील का पुरवा मोहल्ले में उस समय हड़कंप मच गया। जब एक रिटायर्ड फौजी ने दो नाबालिग बहनों को अपने घर के अंदर ले जाकर दरवाजा बंद कर लिया और फिर बड़ी बहन को हवस का शिकार बनाने की कोशिश की। इसी दौरान छोटी बहन के रोने से फौजी ने उसे घर के बाहर कर दिया। जिसने रो रो कर बहन को अंदर बंद होने की जानकारी दी।
यह भी पढ़े: बीजेपी इन 12 नेताओं को सीएम योगी से नहीं मिलवाया, गुस्से में इन नेताओं ने डीएम को भेजा चाय का पेमेंट
बताया जा रहा है कि पड़ोस में रहने वाली पांच व 7 वर्षीय नाबालिग बहने सोमवार को अपने घर के बाहर खेल रही थी। इसी दौरान पड़ोसी रिटायर्ड जयराम सिंह फौजी ने उन्हें अपने घर में कुत्ते को खिलाने और मछलियों को दाना चुनाने का लालच देकर घर के अंदर बुला लिया। इसके बाद अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। 5 वर्षीय बहन को कुत्ते के पास खेलने के लिए बैठा दिया जबकि 7 वर्षीय बहन को कमरे के अंदर ले जाकर उसे बेड में लेटा दिया और कपड़े उतारने लगा। इसी दौरान छोटी बहन को खेलते समय कुत्ते ने काट लिया, जिससे वह जोर-जोर से रोने लगी। तब फौजी तुरंत बाहर आया और छोटी बहन को घर के बाहर कर दिया। घर से बाहर आने पर छोटी बहन ने बड़ी बहन के अंदर होने की जानकारी परिजनों को दी। जब परिजन दरवाजा खोल कर अंदर पहुंचे तो बड़ी बेटी डरी व सहमी मिली। उसने घटना की जानकारी दी ।
यह भी पढ़े:सुहागरात में पति ने पूरी रात बातचीत में गुजार दी, पत्नी ने पति को बताया नामर्द, मेडिकल में नॉर्मल निकला
इधर घटना के बाद फौजी तुरंत घर में ताला लगाकर मौके से फरार हो गया। परिजनों ने घटना के बारे में कोतवाली पुलिस को जानकारी दी। जिसके आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर दिया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए क्षेत्राधिकारी नगर गवेद्र पाल गौतम ने बताया कि कोतवाली नगर के झील का पुरवा में दो नाबालिग बहनों को एक व्यक्ति गलत कार्य के उद्देश्य से अपने घर के अंदर ले गया था, लेकिन वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो सका। उसके खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है और पूरे मामले की विवेचना की जा रही है।
यह भी पढ़े: ब्रिटिश काल से चली आ रही इस ट्रेन के पूजन की परंपरा, तीसरी पीढी में भी परंपरा बरकरार
What's Your Reaction?






