शादी के दो साल बाद ही बनायें बच्चे की योजना, बच्चे के जन्म में रखें तीन साल का अन्तर

शादी के मौके पर मिलने वाले तमाम तोहफों में से उसी दरम्यान मिलने वाला एक ख़ास तोहफा आपके पूरे जीवन को खुशहाल बना सकता है..

Jul 13, 2022 - 02:35
Jul 13, 2022 - 02:37
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शादी के दो साल बाद ही बनायें बच्चे की योजना, बच्चे के जन्म में रखें तीन साल का अन्तर

औरैया,

  • शादी के बाद शगुन किट अपनाएँ, परिवार को खुशहाल बनाएं

शादी के मौके पर मिलने वाले तमाम तोहफों में से उसी दरम्यान मिलने वाला एक ख़ास तोहफा आपके पूरे जीवन को खुशहाल बना सकता है। बस जरूरत है उसकी खासियत को समझते हुए सही मायने में जीवन में अपनाने की। वह है क्षेत्रीय आशा कार्यकर्ता के माध्यम से शादी के तुरंत बाद शगुन के रूप में भेंट की जाने वाली 'नई पहल किट'।

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अर्चना श्रीवास्तव बताती हैं कि इस किट में कई जरूरी सामग्री के साथ ही परिवार नियोजन के अस्थायी साधन कंडोम व गर्भ निरोधक गोलियों को भी शामिल किया गया है। परिवार नियोजन के इन अस्थायी साधनों को अपनाकर पति-पत्नी को एक-दूसरे को समझने और आर्थिक रूप से मजबूती लाने का पर्याप्त समय मिल सकता है। इस तरह यह किट महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के साथ ही परिवार के हर सदस्य की खुशहाली का जरिया भी बन सकता है।

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  • पति-पत्नी पहले एक-दूसरे को बेहतर तरीके से समझें फिर बच्चे की योजना बनायें

परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. डीएन कटियार का कहना है कि विवाह के बाद बहू के ससुराल में कदम रखते ही आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य विभाग की ओर से शुभ शगुन के रूप में नई पहल किट का तोहफा देती हैं। इसका उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को पारिवारिक और वैवाहिक जीवन के दायित्वों के लिए तैयार करना है ताकि वह अपना आगे का जीवन बिना संकोच और झिझक के खुशहाल, सुरक्षित और सुंदर बना सकें। सेहत के साथ ही आर्थिक बेहतरी के लिए जरूरी है कि बच्चे की योजना शादी के दो साल बाद ही बनाएं और दो बच्चों के जन्म में कम से कम तीन साल का अंतर जरूर रखें।

लाभार्थी गीता का कहना है कि उनकी शादी पिछले साल दिसंबर को हुई थी। जब वह ससुराल पहुंचीं तो आशा कार्यकर्ता ने शगुन के रूप में नई पहल किट भेंट की और परिवार को आगे बढ़ाने का निर्णय उचित समय पर ही लेने के बारे में विस्तार से समझाया। उस वक्त तो यह भी नहीं पता था कि इस किट में क्या है। आशा की बात सुनकर बड़ी राहत मिली कि किट में उपलब्ध कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों को अपनाकर वह पहले घर-परिवार और पति-पत्नी एक दूसरे को अच्छी तरह से समझने का सुनहरा मौका पा सकते हैं। पति ने भी पूरा साथ दिया और परिवार नियोजन के अस्थायी साधन अपनाकर आज वह अपना खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

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  • शगुन किट में क्या है

यूपी टीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि शगुन के इस किट में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से एक पत्र भी होता है, जिसमें परिवार नियोजन के फायदों के बारे में लिखा होता है। इस पत्र का उद्देश्य नवविवाहित दम्पति को जनसंख्या नियंत्रण के लिए सचेत करने के साथ दो बच्चों तक ही परिवार को सीमित रखने के लिए प्रोत्साहित करना है।

किट में पति और पत्नी के लिए आपातकाल में प्रयोग की जाने वाली गर्भनिरोधक गोलियां, सामान्य गर्भनिरोधक गोलियां और कंडोम होते हैं।” किट में स्वास्थ्य और सफाई के लिए ज़रूरी कुछ सामान भी होता है। उन्होंने कहा 'किट में एक शीशा, कंघी, कुछ रुमाल और तौलिये के साथ ही सामान्य भाषा में गर्भनिरोधक से जुड़े सवाल-जवाब भी होते हैं।” उन्होंने कहा कि आशा कार्यकर्ता शगुन किट नवविवाहिता को देती हैं। ऐसे जोड़े जो पढ़-लिख नहीं सकते, उन्हें आशा कार्यकर्ता उनके घर जाकर पूरी जानकारी बातचीत के जरिये उपलब्ध कराती हैं।

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हि.स

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