कार्यशाला में आईजी ने पुलिस कर्मियों को यह नसीहत दी
महिला एवं बच्चों की संरक्षा एवं सुरक्षा में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की भूमिका के संबंध में बुधवार को..
महिला एवं बच्चों की संरक्षा एवं सुरक्षा में बाल कल्याण पुलिस अधिकारियों की भूमिका के संबंध में बुधवार को पुलिस लाइन परिसर में मंडलीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जिसमें पुलिस महानिरीक्षक चित्रकूट धाम परीक्षेत्र बांदा के. सत्यनारायण ने कहा कि समाज में महिला एवं बच्चों के प्रति अपराध में पुलिस कानून की बारीकियों को जानकर उनका प्रयोग कर पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य करें।
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इस मौके पर पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ शंकर मीणा ने कहा कि यह कार्यशाला पुलिस कर्मियों के लिए ज्ञानवर्धक कार्यशाला है और इस कार्यशाला के द्वारा बच्चों एवं महिलाओं से संबंधित अपराध में विवेचना करने में सहायता में मिलेगी।
अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह चैहान ने विशेष किशोर पुलिस इकाई के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि सभी बालकल्याण पुलिस अधिकारी बच्चों से बातचीत करते समय वर्दी में नहीं रहेंगे एवं अधिनियम की अन्य बारीकियों पर भी उन्होंने प्रकाश डाला।
यूनिसेफ की तरफ से अनिल कुमार ने किशोर न्याय अधिनियम पास्को अधिनियम की एक-एक धाराओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। विवेचना एवं उसमें आने वाली कठिनाइयो, विधि सम्मत कार्रवाई हेतु जानकारी दी। साथ ही बच्चों से संबंधित बैड-टच गुड-टच के बारे में बताया।
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बच्चों ने संबंधित या बच्चों के विरुद्ध आपराधिक मामलों में बच्चों को निर्दोष मानने के सिद्धांत को बताया एवं सभी बालकल्याण पुलिस अधिकारियों से अधिनियम की मंशा के अनुसार बच्चों के सर्वोत्तम हित को ध्यान में रखते हुए कार्य करने की सलाह दी।
कार्यक्रम में मौजूद सहायक अभियोजक अधिकारी जीतेंद्र सिंह द्वारा बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में बताया गया।
सहायक अभियोजन अधिकारी ब्रह्म मूर्ति यादव ने मानव तस्कर विरोधी इकाई की आधारभूत सिद्धांत और वास्तविकता से अवगत कराया तथा मानव तस्करी रोकने तथा गुमशुदा बच्चों को खोजने में पुलिस अधिकारियों के समक्ष चुनौतियों के बारे में बताया।
कार्यक्रम का संचालन सेंट जेवियर कॉलेज की अध्यापिका श्रीमती सोनम सिंह ने किया। कार्यक्रम के समापन के दौरान मंडलायुक्त दिनेश सिंह भी मौजूद रहे।
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