दंत चिकित्सा पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ समापन
दीनदयाल शोध संस्थान, इंडियन डेंटल एसोसिएशन-यूके तथा सेवा-यूके के संयुक्त तत्वावधान में चित्रकूट में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में बदलते...
चिकित्सकों, शोधकर्ताओं और डेंटल छात्रों ने साझा किए ज्ञान और अनुभव
चित्रकूट। दीनदयाल शोध संस्थान, इंडियन डेंटल एसोसिएशन-यूके तथा सेवा-यूके के संयुक्त तत्वावधान में चित्रकूट में दंत चिकित्सा के क्षेत्र में बदलते प्रतिमान पर चल रहे तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को दीनदयाल परिसर के लोहिया सभागार में हुआ। इस दंत सम्मेलन में यूके सहित देश भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और चिकित्सकों द्वारा दंत चिकित्सा विज्ञान और मौखिक देखभाल प्रौद्योगिकियों में नवाचारों के क्षेत्र में प्रगति पर विचार विमर्श किया गया। इस दौरान नौ शोधार्थियों ने पोस्टर प्रजेंटेशन भी किया।
समापन अवसर पर करह आश्रम के महंत माधवदास महाराज, दीनदयाल शोध संस्थान के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो भरत मिश्रा, चित्रकूट प्रोजेक्ट के डेंटल निदेशक डॉ नरेश शर्मा, इंग्लैंड के डॉ अशोक सेठी, केजीएमयू लखनऊ के डीन डॉ जीके सिंह, इंडियन डेंटल एशोसिएशन यूके के अध्यक्ष डॉ मनु सिंगल, हितकारिणी डेंटल कॉलेज जबलपुर के डीन डॉ रोहित मिश्रा प्रमुख रूप से मंचासीन रहे। आरोग्यधाम दंत चिकित्सा विभाग के प्रभारी डॉ वरुण गुप्ता ने तीन दिन तक हुए मंथन की ब्रीफिंग करते हुए इस बात पर जोर दिया कि मौखिक स्वास्थ्य समग्र स्वास्थ्य की आधारशिला है और इसे सामान्य स्वास्थ्य सेवा नीतियों और अधिक प्रमुखता से शामिल किया जाना चाहिए। हाल के वर्षों में मौखिक स्वच्छता और दंत चिकित्सा जांच लोगों, विशेषकर युवा पीढ़ी के लिए एक आवश्यक दिनचर्या बन गई है। समारोप सत्र का संचालन करते हुए दीनदयाल शोध संस्थान के सीईओ अमिताभ वशिष्ठ ने बताया कि चित्रकूट क्षेत्र के लिए यह ऐसी पहली डेंटल कान्फ्रेन्स है। जिसमें विभिन्न तकनीकी सत्र शामिल थे। जहाँ विशेषज्ञों ने अपने अनुभव और भविष्य की रणनीतियों पर विमर्श किया। चित्रकूट प्रोजेक्ट के डेंटल निदेशक डॉ नरेश शर्मा, लंदन ने कहा कि चित्रकूट में कोई ऐसी शक्ति है जो की सारी बाधाओं को दूर कर हमको यहां तक पहुंचाती है और हम कार्य कर पाते हैं। हम सभी अपने अनुभवों का लाभ अपने समाज एवं देशवासियों को प्रदान करें यही हमारी सर्वोत्तम उपलब्धि होगी। इंग्लैंड के डॉ अशोक सेठी ने कहा कि चित्रकूट आना और यहां कार्य करना गौरवान्वित करने वाला पल होता है।
डीआरआई के राष्ट्रीय संगठन सचिव अभय महाजन ने अपने संबोधन में दंत चिकित्सकों और प्रतिभागियों से अपील किया कि वे लोगों को नियमित मौखिक स्वच्छता और दंत चिकित्सा जांच को अपनी स्वास्थ्य देखभाल दिनचर्या का एक अनिवार्य हिस्सा बनाने के बारे में जागरूक करें। नाना जी की भी सोच रही है कि दंत चिकित्सा से जुड़ी जितनी भी विधाएं हैं उन सबको जोड़कर अंतिम व्यक्ति तक क्या हो सकता है इसका मॉडल बनाकर प्रस्तुत कर सके, इसमें सभी लोगों की भागीदारी सुनिश्चित हो। कार्यक्रम के अंत में करह आश्रम के महंत माधवदास महाराज ने कहा कि मानव शरीर में सभी देव विराजमान है। इसलिए यह शरीर मानवता के कार्य में लगे। महापुरुष सभी के उत्थान के लिए आते हैं। वह मन वचन और कर्म से प्राणी मात्र के कल्याण की कामना के लिए कार्य करते हैं। सबका भी यही ध्येय होना चाहिए। सम्मेलन के अंतिम दिन आउटरीच ऑफ ऑक्लूजन पर यूके के डॉ. अजीत शेट्टी एवं सामान्य दंत चिकित्सा पद्धति में मुख कैंसर का शीघ्र पता लगाना इस संदर्भ में वाराणसी के टाटा केंसर हास्पीटल के आन्कोलॉजी विभाग की डॉ. सुनयना आर. सरकार द्वारा अपने पूर्वानुभवों को रखते हुए प्रजेंटेशन दिया गया। दंत सम्मेलन में यूके सहित देश भर के प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और चिकित्सकों ने दंत चिकित्सा विज्ञान और मौखिक देखभाल प्रौद्योगिकियों में नवाचारों के क्षेत्र में प्रगति पर विचार विमर्श किया। दीनदयाल शोध संस्थान के वरिष्ठ शोध अधिकारी डॉ मनोज त्रिपाठी ने बताया कि कान्फ्रेन्स में 14 प्रमुख स्पीकर एवं 6 बड़ी संस्थाओं की भागीदारी के साथ 5 प्रमुख डेंटल कंपनी ने नवीनतम तकनीकों, डिजिटल दंत चिकित्सा, दंत प्रत्यारोपण और अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रदर्शन भी किया गया।
What's Your Reaction?
Like
0
Dislike
0
Love
0
Funny
0
Angry
0
Sad
0
Wow
0
