कैट : अब प्रत्येक व्यापारी को फॉलो करना होगा जीएसटी आर-2 बी
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार राज ने बताया कि जीएसटी पोर्टल पर जीएसटीआर 2ं के बाद अब जीएसटी आर-2 बी भी उपलब्ध हो गया है...
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के प्रदेश उपाध्यक्ष राजकुमार राज ने बताया कि जीएसटी पोर्टल पर जीएसटीआर 2ं के बाद अब जीएसटी आर-2 बी भी उपलब्ध हो गया है। जुलाई माह का जी एस टी टी आर दो बी जो ट्रायल पर है, किंतु अगस्त से प्रत्येक व्यापारी इसको फॉलो करना होगा।
यह भी पढ़ें : हमीरपुर : कोरोना संक्रमण से सरकारी स्कूल के शिक्षक की मौत, मृतकों की संख्या 15 पहुंची
उन्होंने इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि अब जी एस टी आर तीन बी में आईटीसी अर्थात इनपुट टैक्स क्रेडिट तो जी एस टी आर 2ं के आधार पर ही मिलेगा किंतु जीएसटी आर दो-2 बी व्यापारी उन एंनवाइस को अपलोड कर सकेगा जो उसके जीएसटी आर दो ए में नहीं दिख रही होगी। ऐसी सभी इनवॉइस की सूचना उसको जारी करने वाले व्यापारी को चली जाएगी जिसे उसको स्वीकार करना होगा या फिर रिजेक्ट करना होगा। रिजेक्ट करने की अवस्था में ऐसी एनवाइस का इनपुट टैक्स क्रेडिट क्रेता को नहीं मिलेगा। जीएसटीआर 2 बी प्रत्येक माह की 12 तारीख को पोर्टल पर उपलब्ध होगा।
यह भी पढ़ें : बांदा के गांधी जमुना प्रसाद बोस का निधन
इसी तरह वीरेंद्र गोयल प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ने कहा कि ऐसे व्यापारी पूरे महीने रिटर्न जमा करने में ही उलझा रहेगा और यही मन करता रहेगा कि किस इनवॉइस का इनपुट टैक्स क्रेडिट मिला किसका नहीं।
बांदा जिला अध्यक्ष अमित सेठ भोलू ने कहा कि एक तरफ व्यापार नहीं रह गया दूसरी तरफ रिटर्न के झंझट, इससे अच्छा होगा कि सरकार सारा लाभ खुद ले ले और व्यापारी को नौकरी पर रख ले।
यह भी पढ़ें : बुन्देलखण्ड के लिए संजीवनी बन सकता है पलाश
संतोष कुमार ओमर केमिस्ट एंड ड्ग.एसोसिएशन के बुंदेलखंड प्रभारी ने कहा कि 3 साल हो गए जीएसटी को आए पर एक रिटर्न उपलब्ध नहीं करा सके।अभी जनवरी में सहज सरल सुगम रिटर्न को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम हो रहे हैं और उसको ट्रायल पर व्यापारियों से भरवाया गया वह भी रद्दी में डाल दिया। आखिर जब एक रिटर्न नहीं उपलब्ध करा सके तो इसके जिम्मेदार लोगों पर देशद्रोह की कार्यवाही होनी चाहिए।
यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में आपराधिक घटनाओं को लेकर मायावती का सरकार पर हमला, सख्त कार्रवाई की मांग
बुंदेलखंड सर्राफ मयंक गुप्ता ने कहा कि जीएसटी अधिकारियों के हाथों का खिलौना बन कर रह गया है। सरकार मानती है कि व्यापारी इंसान नहीं भगवान से भी ऊपर है और उससे गलती हो ही नहीं सकती क्योंकि भगवान ने तो फिर भी गलतियां की थी इसलिए आज तक उसने व्यापारियों को रिटर्न रिवाइज करने की सुविधा नहीं दी है।