प्राथमिक शिक्षक संघ की दायित्व बोध कार्यशाला सम्पन्न

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जनपद बांदा की समस्त ब्लॉकों की संघर्ष समितियों के पदाधिकारियों की दायित्व...

Jun 25, 2025 - 17:01
Jun 25, 2025 - 17:06
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प्राथमिक शिक्षक संघ की दायित्व बोध कार्यशाला सम्पन्न

शिक्षकों की समस्याओं, विद्यालय विलय और निजीकरण पर हुई चर्चा

बांदा। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ, जनपद बांदा की समस्त ब्लॉकों की संघर्ष समितियों के पदाधिकारियों की दायित्व बोध कार्यशाला बुधवार को तुलसी स्वरूप होटल के सभागार में आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष आशुतोष त्रिपाठी ने की।

इस अवसर पर सभी पदाधिकारियों को संघ के गौरवशाली इतिहास, संघर्ष समिति की भूमिका और संगठन के प्रति उनके कर्तव्यों से अवगत कराया गया। जिलाध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में शिक्षक हितों और समस्याओं के समाधान के लिए लगातार संघर्ष जारी है।

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विद्यालयों के विलय को बताया आरटीई एक्ट के खिलाफ

कार्यशाला में विद्यालयों को छात्र संख्या के आधार पर मर्ज करने की प्रक्रिया की आलोचना की गई। इसे आरटीई एक्ट के खिलाफ और ग्रामीण छात्रों के साथ अन्याय बताया गया। जिलाध्यक्ष श्री त्रिपाठी ने कहा कि जब एक गरीब छात्र प्राथमिक विद्यालय में पढ़ता है, तो उसे महज ₹1200 की सहायता मिलती है, जबकि निजी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए सरकार ₹5000 की सहायता देती है। यह दोहरी नीति सरकारी विद्यालयों के निजीकरण की ओर संकेत करती है।

पदोन्नति और पेंशन की मांग

कोषाध्यक्ष रामसुफल कश्यप ने कहा कि पिछले एक दशक से प्रदेश के शिक्षकों की पदोन्नति नहीं हुई है और विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का आदेश अब तक जारी नहीं किया गया है। उन्होंने सरकार से शिक्षकों की समस्याओं के शीघ्र निस्तारण की मांग की।

शिक्षकों पर थोपे जा रहे हैं आरोप

वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमाशंकर यादव ने कहा कि जब सर्व शिक्षा अभियान की शुरुआत हुई थी, तो प्रति किलोमीटर विद्यालय खोले गए थे, लेकिन अब उन्हीं विद्यालयों को मर्ज किया जा रहा है। छात्र संख्या में गिरावट का ठीकरा शिक्षकों पर फोड़ा जा रहा है, जबकि इसका कारण निजी स्कूलों को बढ़ावा देना है।

जिला मंत्री प्रजीत सिंह ने कहा कि विद्यालय मर्ज होने से न केवल शिक्षकों के पद समाप्त होंगे, बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए शिक्षक बनने के अवसर भी खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी जिन छात्राओं को पास के विद्यालय में पढ़ाने के लिए शिक्षक घर-घर जाते हैं, वे दो किलोमीटर दूर कैसे शिक्षा ग्रहण करेंगी?

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सफाई व्यवस्था पर भी उठे सवाल

संयुक्त मंत्री जय किशोर दीक्षित ने बताया कि विद्यालय खुलने के एक सप्ताह बाद भी सफाईकर्मी नहीं पहुंचे हैं, जबकि उच्चाधिकारियों द्वारा विद्यालयों की स्वच्छता के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि जनपद के शिक्षक अपने प्रयासों से कई विद्यालयों को मॉडल स्कूल में बदलने में लगे हैं।

कार्यशाला में जनपदीय संघर्ष संयोजक, संघर्ष संयोजिका, सभी ब्लॉकों के संघर्ष समिति के अध्यक्ष, मंत्री और अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे। कार्यशाला के अंत में आगामी आंदोलनों के लिए पदाधिकारियों को तैयार रहने का आह्वान किया गया।

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