कानपुर के मामा भांजे की हत्या कर शव हमीरपुर के कुएं में फेंके

हमीरपुर पांच दिन पूर्व कानपुर निवासी मामा भांजे की हत्या कर दी गई। पत्योरा गांव से करीब सात किमी दूर थानाक्षेत्र के झंझरिया जलाला..

कानपुर के मामा भांजे की हत्या कर शव हमीरपुर के कुएं में फेंके

  • पांच दिन पूर्व घर बुलाकर रुपयों के लेनदेन को लेकर कर दी थी हत्या

हमीरपुर पांच दिन पूर्व कानपुर निवासी मामा भांजे की हत्या कर दी गई। पत्योरा गांव से करीब सात किमी दूर थानाक्षेत्र के झंझरिया जलाला गांव के करीब बीच जंगल में एक पानी भरे कुए में हत्या कर शव और बाइक फेंक दी। पुलिस अधीक्षक सहित पुलिस फोर्स नेे कुआ से शवों को निकाल लिया है। हत्या के पीछे करीब 15-20 लाख रुपये के लेनदेन की बात सामने आ रही है।

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कानपुर नगर के एलआईजी 37-38 वैष्णवी विहार बर्रा जरौली फेस टू बर्रा आठ निवासी प्रिया शर्मा अपने भाई मयंक शर्मा (19) व बहन के बेटे विपुल शर्मा (17) निवासी करैही को लेकर पिछलेे चार दिनों से पुलिस के चक्कर लगा रही थी। पीड़िता ने दिए प्रार्थना पत्र देकर बताया था कि सुमेरपुर थानाक्षेत्र के पत्योरा गांव निवासी संतराम ने उसके भाई मयंक से फोन पर बात कर कहा था कि उनके मामा रामस्वरूप घायल हो गए हैं। इस पर उनका भाई मयंक व बहन के पुत्र विपुल (17) को साथ लेकर बाइक से पिछले 12 मार्च को पत्योरा गांव आया था। पीड़िता ने बताया कि जब मयंक पत्योरा गांव पहुंचा तो उसने फोन कर जानकारी दी थी कि वह संतराम के पास आ गया है।

इसके बाद से कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। इस पर उसने किसी अनहोनी की आशंका जताई थी। बुधवार कि देर शाम ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी कि झंझरिया जलाला के बीच खेतों में बने धनकुइयां केकुएं में दो लाशें व बाइक पड़ी हुई है। इसकी सूचना मिलते ही सनसनी फैल गई और थानाध्यक्ष रामेंद्र तिवारी ने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। जिस पर पुलिस अधीक्षक कमलेश दीक्षित भारी पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और शवों को कुए से निकलवा कर कब्जे में ले लिए हैं। एसपी ने बताया कि कानपुर निवासी प्रिया शर्मा पुत्री स्व.दयाराम शर्मा ने थाना सुमेरपुर में तहरीर दी थी। बताया कि पत्योरा निवासी संतराम उनके पिता शंकरी निषाद व मामा रामस्वरूप को हिरासत में ले लिया है। बताया कि इन लोगों ने गलाघोंट कर हत्या करने के बाद शवों व बाइक को कुएं में फेंक दिए हैं। कहा कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

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एनजीओ के संचालन में लेनदेन को लेकर युवकों की हुई हत्या

कानुपर नगर के बर्रा निवासी प्रिया शर्मा ने बताया कि उनके पिता दयाराम जन कल्याण बाल उत्थान सेवा संस्थान नाम का एनजीओ घाटमपुर क्षेत्र में चलाते थे। जिसमें पत्योरा निवासी संतराम व उनका मामा रामस्वरूप काम करते थे। कहा करीब तीन वर्ष पूर्व सड़क हादसे में घायल हो गए, उनकी गर्दन की हड्डी टूट गई थी। संतराम व रामस्वरूप ही पिता के एनजीओ का काम देेखते रहे। जिसमें पैसों के लेनदेन यही करते थे। बताया कि करीब 20-25 लाख रुपये दोनों ने हड़प लिए।

पिता ने कई बार इनसे हिसाब कराने की बात कही। लेकिन यह टालते रहे। बीते 10 सितंबर 2021 को उनके पिता की मौत हो गई। इस पर भाई मयंक रुपये के हिसाब करने के लिए संतराम व उसके मामा रामस्वरूप के पास जाते रहे। पिछले नौ मार्च को भाई मयंक पत्योरा जाने के बाद वापस आ गया था। फिर 12 मार्च को संतराम ने सुबह फोन कर मयंक को झांसा दिया कि उसके मामा रामस्वरूप की सड़क हादसे में घायल हो गए है उन्हें देख जाने की बात कहकर बुलाया। तब मयंक अपने भांजे विपुल के साथ बाइक से पत्योरा गांव आया। जहां इनकी हत्या कर कुए में शव फेंके गए हैं।

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  • पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप

पीड़िता प्रिया शर्मा ने आरोप लगाया कि सुमेरपुर पुलिस ने मामले को गंभीरता नहीं लिया, अगर तत्काल सक्रियता दिखाती तो हत्या न होती। आरोप लगाया कि चार दिनों तक वह थाना पुलिस के चक्कर लगात‌ी रही।

पुलिस उसे कानपुर की घटना होने की बात कहकर टहलाती रही। इसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक को शिकायती पत्र देकर भाई व भतीजे की तलाश कराने की गुहार लगाई। पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस ने जांच तेज की। जिस पर बुधवार को भाई व भतीजे के शवों को एक कुंए से बरामद किया।

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  • परिवार की माली हालत ठीक नहीं

हमीरपुर। परिवार की वर्तमान समय में माली हालत ठीक नहीं है। प्रिया शर्मा ने बतातीहैं कि पिता लंबे समय से उनके साथ नहीं रहते रहे। सड़क दुर्घटना के बाद ही पिता घर में रहने लगे। ‌पिता के इलाज में लाखों रुपये लगा दिया, लेकिन उनकी हालत ठीक नहीं हुई।

बताया कि वह कानपुर में किराए के मकान में रहते हैं। पिता की मौत के बाद अब उनकी आर्थिक स्थिति और बदतर हो गई। भाई मयंक ही परिवार का भरण पोषण करता था। कई माह से उन्होंने मकान का किराया भी नहीं भरा है।

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  • आरोपी व उनके पिता के खिलाफ कई मुकदमे हैं दर्ज

आरोपी संतराम के पिता शंकरी निषाद पर आपराधिक इतिहास पुराना है। शंकरी दस्यु सरगना भाऊ सिंह, गजराज सिंह व रामकरन के गिरोह का सक्रिय सदस्य रहा है। इसके खिलाफ सुमेरपुर थाने में हत्या, लूट, डकैती सहित कई अन्य मामले पंजीकृत हैं।

वहीं आरोपी संतराम व फतेहपुर जनपद के चांदपुर थानाक्षेत्र के धाना निवासी मामा रामस्वरूप के साथ मिलकर गांव में बिरादरी के एक केंद्रीय मंत्री के नाम पर ग्रामीणों से धोखाधड़ी कर लाखों रुपये का हेरफेर करते थे। एसपी ने बताया कि करीब 250 से 300 लोगों को सिलाई मशीन देने व आवास दिलाने के नाम पर करीब 19 लाख रुपये के लेनदेन का विवाद है। बताया कि रामस्वरूप ने जमीन व ट्रैक्टर गिरवी रखे जाने की जानकारी मिली है।

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