अब ग्राम पंचायते निराश्रितों को रोटी से लेकर अंत्येष्टि तक का करेगी इंतजाम
 
                                    प्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर या निराश्रित परिवारों में भुखमरी की दशा , बीमारी या उसकी मौत हो जाने पर अंत्येष्टि में होने वाले खर्च को ग्राम पंचायत वहन करेगी। इस आशय का एक शासनादेश प्रदेश के सभी जनपदों के जिला अधिकारियों को भेजा गया है। शासनादेश में कहा गया है कि ग्रामीण अंचल में रहने वाले किसी परिवार को आर्थिक कठिनाई की वजह से उत्पन्न विपन्नता में भुखमरी का शिकार न होना पड़े इसलिए शासन निर्णय लिया है कि ऐसे परिवार को जिस की आर्थिक स्थिति ठीक न हो उसे तत्काल ग्राम पंचायत 1000 रुपये की आर्थिक सहायता राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत उपलब्ध धनराशि से उपलब्ध कराएगी और अगर उस परिवार के पास पात्रता के अनुसार राशन कार्ड नहीं है तो उसे राशन कार्ड बनवाने की कार्रवाई कर भरण पोषण के लिए नियमित राशन उपलब्ध कराएगी।
इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले परिवार के किसी सदस्य को अगर गंभीर बीमारी हो जाती है और उसके पास इलाज के लिए पैसा नहीं होता है हालांकि बीमारी में इलाज के लिए आयुष्मान भारत व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत निशुल्क चिकित्सा की व्यवस्था है।अगर किसी परिवार के पास उपरोक्त योजनाओं का लाभ कार्ड न होने की वजह से नहीं मिल पा रहा तो उन्हें तत्काल इलाज के लिए ग्राम पंचायत राज्य वित्त आयोग से 2000 रुपये की धनराशि उपलब्ध कराएगी।उपरोक्त सहायता राशि उपलब्ध कराने के उपरांत परिवार को आयुष्मान भारत व मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत कार्ड बनवाने की कार्यवाही भी ग्राम पंचायत द्वारा की जाएगी।
ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक विपन्नता की वजह से किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर उसके दाह संस्कार के लिए धनराशि न होने की दशा में ऐसे परिवार के वयस्क सदस्य को 5000 रुपये की धनराशि अंत्येष्टि कार्य के लिए ग्राम पंचायत द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी।अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होने पर उसके परिवार में कोई सदस्य नहीं है जो अंत्येष्टि या अंतिम संस्कार के कार्य को कर सके, ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतें 5000 रुपये की धनराशि का व्यय करते हुए अंत्येष्टि की व्यवस्था कराये।
इस मामले में दी जाने वाली आर्थिक सहायता के लिए परिवारों का चयन ग्राम पंचायतों द्वारा परिवार की आर्थिक विपन्नता व परिस्थिति जनक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।इसमें यह भी बताया गया है कि ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सचिव अपनी पंचायत में उपरोक्त परिस्थितियों का सामना कर रहे परिवारों के बारे में सूचना एकत्रित करेंगे एवं समय-समय पर बैठक कर परिवार को इस शासनादेश में वर्णित तीनों परिस्थितियों के लिए चयन करते हुए उन्हें वर्णित धनराशि उपलब्ध कराएंगे। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अब लगभग सभी परिवारों के बैंक खाते खुले हुए है इसलिए यह राशि लाभार्थी को उनके बैंक खाते के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी।राज्य वित्त आयोग के 2019- 20 में ₹28 सौ करोड की धनराशि ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई है।इस राशि में इस वर्ष 2020 -21 में 43 40 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी । राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराई गई धनराशि का अधिकतम 03 राशि जो 130.20 होगी, ग्राम पंचायत शासनादेश कार्यों को करने के लिए अधिकृत होंगी।
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