600 KM की यात्रा में सिर्फ 100 KM ट्रेन चलवाकर मनाया गया महिला दिवस
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस को लोको पायलट कौशल्या देवी, सहायक लोको पायलट आकांक्षा..
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज बुंदेलखंड एक्सप्रेस को लोको पायलट कौशल्या देवी, सहायक लोको पायलट आकांक्षा गुप्ता झांसी से ग्वालियर लेकर रवाना हुई।
साथ ही ट्रेन के अंदर सारा स्टाफ भी महिलाओं का था। नारी सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए झांसी मंडल से आरपीएफ महिला सिपाही व अन्य स्टाफ में महिलाएं थी जो झांसी से ग्वालियर जाने वाली बुंदेलखंड एक्सप्रेस में अपनी ड्यूटी निभाते हुए नजर आई।
ट्रेन चलाने वालों से लेकर सुरक्षा तक की पूरी जिम्मेदारी एक आज महिलाओं के हाथ में रही। झांसी में महिला स्टाफ के ट्रेन पर सवार होने से पहले उनका सम्मान भी किया गया।
यह भी पढ़ें - बुन्देलखण्ड की इस ट्रेन में पूरा स्टाफ सिर्फ महिलाओं का होगा, वो भी इस दिन
देश में 50 प्रतिशत आबादी महिलाओं की है, फिर भी कुछ काम ऐसे हैं जो पुरूष प्रधान माने जाते हैं। उनमें से ट्रेन चलाना और उसका संचालन करना होता है। क्योंकि इसमें काफी मेहनत और रिस्क रहता है।
पर अब 21वीं सदी चल रही है। महिलाएं फाइटर प्लेन तक उड़ा रही हैं। इसलिए सोमवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे ने तय किया है कि बुंदेलखंड एक्सप्रेस का संचालन महिलाएं करेंगी।
साथ ही यह संकेत भी है कि देश की आधी आबादी किसी से कम नहीं है। बीते वर्ष भी महिला दिवस पर ग्वालियर में घोसीपुरा रेलवे स्टेशन की पूरी जिम्मेदारी महिला रेल कर्मचारियों को सौंपी गई थी।
यह भी पढ़ें - 55 हजार करोड़ रुपए के हीरे मौजूद हैं बुन्देलखण्ड की इस खदान में