दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्विद्यालय के अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी...

दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन

चित्रकूट। जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्विद्यालय के अंग्रेजी विभाग के तत्वावधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी समकालीन भारतीय लेखन के माध्यम से सांस्कृतिक मूल्यों का विश्लेषण का आयोजन किया गया। सेमिनार का उद्घाटन प्रो. विकास शर्मा एवं प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने किया।

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सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में साहित्यकार प्रो. विकास शर्मा ने कहा कि भारतीय मूल्यों की स्थापना करने वाले साहित्यकारों को विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में पढ़ाया जाना चाहिए। युवा पीढ़ी को ऐसे साहित्यकारों को अध्ययन करना चाहिए जो भारतीय नैतिक मूल्यों का अपने साहित्य में जिक्र करते हो। साथ ही भारतीय अंग्रेजी लेखकों को ब्रिटिश व अमेरिकन अंग्रेजी का अनुकरण करने की बजाए भारतीय अंग्रेजी के विकास पर जोर देना चाहिए। प्रो सुशील कुमार शर्मा ने अपने धर्मशास्त्र के ज्ञान से सांस्कृतिक मूल्यों का विश्लेषण किया एवं भारतीय संस्कृति को विदेशों द्धारा तोड़ मरोड़ कर दिखाने वाले साहित्यकारों को भी सही मार्ग दर्शाया। डॉ. शशि कांत त्रिपाठी ने सेमिनार के विषय का प्रतिपादन व अतिथियों का स्वागत किया। 

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विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शिशिर कुमार पांडेय ने अपने उदबोधन में कहा कि भारत का अंग्रेजी साहित्य बहुत ही समृद्ध है। अंग्रेजी विभाग के छात्र छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। संगोष्ठी के तृतीया स्तर में देश भर से आये प्राध्यापकों, शोधार्थियों छात्रो ने शोध पत्र का वाचन किया। सेमिनार का संचालन छवि प्रदा ने किया। रिपोर्ट लेखन एवं संकलन कृतिका त्यागी और क्रति गौतम ने की। मेरठ से आए छात्र जयंत तोमर, देवराज सिराधना, प्रमोद सिंह ने सहयोग प्रदान किया।

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