दो दिवसीय अधिवेशन में कर संबंधी मुद्दो पर हुई चर्चा

स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक देश के लिए अधिवक्ताओं के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता...

दो दिवसीय अधिवेशन में कर संबंधी मुद्दो पर हुई चर्चा

विकास में अधिवक्ताओं का योगदान अविस्मरणीय: न्यायाधीश

चित्रकूट। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक देश के लिए अधिवक्ताओं के योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। देश के विकास में अधिवक्ताओं का योगदान अविस्मरणीय है।

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यह विचार उत्तर प्रदेश कर अधिवक्ता संगठन के दो दिवसीय अधिवक्ता सम्मेलन में प्रदेश के अधिवक्ताओं को संबोधित करतें हुए मुख्य अतिथि हाईकोर्ट प्रयागराज के न्यायाधीश पीयूष अग्रवाल ने कही। चित्रकूट स्थित श्रीधर धाम के सभागार में कर अधिवक्ता संघ कर्वी द्वारा आयोजित रामाश्रय अधिवक्ता समागम की शुरुआत शनिवार को सुबह 11 बजे हुई। जिसमे सर्वप्रथम स्थानीय संघ के निवर्तमान अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक अनिल शुक्ला, महामंत्री शिवनाथ त्रिपाठी, अध्यक्ष पीयूष गोयल, संरक्षक संजय अग्रवाल मंचासीन हुए। इस मौके पर उपकास के अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह भदौरिया, महामंत्री प्रेम शंकर उपाध्याय, संस्थापक अध्यक्ष हर्ष शर्मा मौजूद रहे।

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विशिष्ठ अतिथि चेयरमैन बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश शिव किशोर गौड़ रहे। कर अधिवक्ता संघ कर्वी के अध्यक्ष पीयूष गोयल ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम के दोनो सत्रों में जीएसटी एवं आयकर पर वक्ता के रूप में उच्च न्यायालय के अधिवक्ता प्रांजल शुक्ला व चार्टड अकाउंटेंट आंचल कपूर ने विस्तार से व्याख्यान दिया। चेयरमैन शिव किशोर गौड़ ने कहा कि बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश सदैव अधिवक्ता हितों के लिए कटिबद्ध है और प्रदेश का कोई भी अधिवक्ता किसी समय अवगत करा सकते हैं। द्वितीय सत्र के मुख्य अतिथि बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष प्रशांत सिंह अटल ने कहा कि अधिवक्ताओं को बार और बेंच में सामंजस्य स्थापित कर न्याय की स्थापना करते हुए वादकारियों का हित सुरक्षित रखना चाहिए। उपकास के प्रदेश अध्यक्ष विक्रमजीत सिंह भदौरिया सहित अन्य मंचस्थ अतिथियों ने अपने विचार रखे।

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