हमीरपुर के शरण द्विवेदी ने खोला राज़, स्कूल के शिक्षक को पेड़ पर बांधकर की पिटाई

हमीरपुर जिले में इमरजेंसी की याद आते ही यहां लोकतंत्र सेनानियों के चेहरे में गुस्से से लाल हो जाते हैं। देश में इमरजेंसी....

Jun 23, 2023 - 04:45
Jun 23, 2023 - 05:00
 0  1
हमीरपुर के शरण द्विवेदी ने खोला राज़, स्कूल के शिक्षक को पेड़ पर बांधकर की पिटाई

हमीरपुर,

इंदिरा गांधी के खिलाफ सड़कों पर भड़का था आक्रोश

हमीरपुर जिले में इमरजेंसी की याद आते ही यहां लोकतंत्र सेनानियों के चेहरे में गुस्से से लाल हो जाते हैं। देश में इमरजेंसी लगाकर आम आदमी की आजादी पर पाबंदी लगाने पर शहर से लेकर गांव तक लोगों में आक्रोश भड़का था। आरएसएस के कार्यकर्ताओं और नेताओं को इस कदर यातनाएं देकर अंग्रेजी हुकूमत को भी पीछे छोड़ दिया था। इमरजेंसी की खिलाफत करने वालों को हथकड़ी और बेरियां पहनाई गई थी। तमाम विद्यार्थियों को भी पकड़कर जेल भेजा गया था।

यह भी पढ़ें - मुख्तार अंसारी की सुरक्षा को लेकर, कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कही ये बड़ी बात

देश में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने विरोधियों को ऐसा सबक सिखाया था कि उसकी याद आते ही यहां लोगों के रूह कांप उठते हैं। हमीरपुर नगर के रहने वाले सरस्वती शरण द्विवेदी वर्ष 1975 में राजकीय इण्टरकालेज में कक्षा दसवीं में पढ़ते थे। पढ़ाई के दौरान ये संघ से जुड़ गए थे। आरएसएस ने इन्हें कई मुहल्लों से कार्यकर्ताओं की टोलियां तैयार कर शाखा में लाने का काम दिया था। इन्होंने देश में इमरजेंसी लगाए जाने पर साथियों के साथ विरोध किया तो उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।



सरस्वती शरण द्विवेदी ने बताया कि 48 साल पूर्व उन्हें इमरजेंसी के दौरान बड़ी यातनाएं दी गई थी। पढ़ने लिखने की उम्र में ही उन्हें संघ के कार्यकर्ता विशम्भर शुक्ला समेत तमाम लोगों के साथ जेल की हवा खिलाई गई थी। इंदिरा गांधी के काले कानून की खिलाफ करने पर विद्यामंदिर इण्टरकालेज के प्रधानाचार्य स्व.जगदेव प्रसाद विद्यार्थी, मेहरनाथ निगम, सुखनंदन समेत सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सरस्वती शरण को लोकतंत्र सेनानी का दर्जा मिला है। जो आपातकाल की याद आते ही सहम जाते हैं।

उन्होंने इमरजेंसी की कहानी बताते कहा कि इंदिरा गांधी के खिलाफ शहर से लेकर गांवों तक लोगों में गुस्सा भड़का था। इमरजेंसी के दौरान जबरन लोगों की नसबंदी की गई। जिससे गांव के गांव खाली हो गए थे। बताया कि मुस्करा क्षेत्र के दामूपुरवा गांव में ही सौ लोगों की जबरन नसबंदी की गई थी।

स्कूल के शिक्षक को भी पेड़ पर बांधकर की गई थी पिटाई

लोकतंत्र सेनानी सरस्वती शरण द्विवेदी ने बताया कि इमरजेंसी के दौरान उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद के इशारे पर यहां आम लोगों पर बड़ा अत्याचार हुआ था। सरस्वती शिशु मंदिर के आचार्य रामकेश को नीम के पेड़ में बांधकर पुलिस ने उन पर डंडे बरसाए थे। पुलिस की यातनाओं से सभी आचार्य समेत तमाम विरोधियों के पैर सूज गए थे। पिटाई करने के बाद सभी को जेल भेजा गया था। जहां सभी लोग कई दिनों तक दर्द से कराहते रहे। बताया कि विद्यामंदिर इण्टर कालेज के शिक्षक रघुराज सिंह, रामकुमार व संघ के कार्यकर्ता विजय पाण्डेय समेत कई लोगों को जेल की हवा खिलाई गई थी।



डीएम, मंत्री के बंगले पर अखबार चिपकाने पर मचा था बवाल

लोकतंत्र सेनानी ने बताया कि इमरजेंसी के दौरान उन्हें उस समय गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था, जब वह दसवीं के छात्र थे। बताया कि इमरजेंसी के दिनों में साइक्लोस्टाइल में जनता अखबार यहां छपता था। इसके वितरण पर पाबंदी लगाई गई थी। बताया कि डीएम और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद के बंगले के बाहर दीवाल में अखबार की प्रतियां चिपकाई गई थी, जिस पर स्थानीय खुफिया विभाग उनके पीछे लग गया था। बताया कि स्कूल के बाहर से उन्हें पुलिस पकड़कर कोतवाली ले गई थी। जहां कोतवाल ने बेरहमी से सभी को पीटा था। यातनाएं देने के सात दिनों बाद नाबालिग छात्र समेत अन्य लोगों को जेल भेजा गया था।

यह भी पढ़ें - बांदा में भी दिखा गुजरात के चक्रवात बिपरजॉय का असर, 8 घंटे मूसलाधार बारिश

हिस

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0