बुंदेलखंड को मिल रही हवाई उड़ान की नई ऊंचाई
कभी विकास की दौड़ में पीछे समझे जाने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र को अब हवाई संपर्क की मजबूत सौगात मिल रही...

चित्रकूट, खजुराहो और दतिया एयरपोर्ट्स से तीर्थ, पर्यटन और व्यापार को मिलेगी रफ्तार
बुंदेलखंड। कभी विकास की दौड़ में पीछे समझे जाने वाले बुंदेलखंड क्षेत्र को अब हवाई संपर्क की मजबूत सौगात मिल रही है। चित्रकूट, खजुराहो और दतिया में हवाई अड्डों का तेजी से विस्तार और संचालन क्षेत्र के तीर्थाटन, पर्यटन और औद्योगिक विकास के लिए वरदान साबित हो रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने बुंदेलखंड को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हवाई संपर्क को प्राथमिकता दी है। इसका असर अब जमीनी स्तर पर दिखने लगा है।
चित्रकूट एयरपोर्ट: राम वनवास की भूमि तक अब आसमान से पहुंच
भगवान श्रीराम की तपोभूमि चित्रकूट में एयरपोर्ट का निर्माण अंतिम चरण में है। इस एयरपोर्ट के शुरू होते ही रामघाट, कामदगिरी, भरतकूप जैसे धार्मिक स्थलों तक देशभर से तीर्थयात्रियों की सीधी पहुंच संभव होगी।
यह एयरपोर्ट न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि नानाजी देशमुख ग्रामोदय विश्वविद्यालय जैसे शिक्षा केंद्रों के लिए भी हवाई सुविधा का बड़ा केंद्र बनेगा।
खजुराहो एयरपोर्ट: विश्व धरोहर से जुड़ा हवाई द्वार
खजुराहो, जो अपने प्राचीन मंदिरों और विश्व धरोहर स्थल के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, पहले से ही हवाई सेवा से जुड़ा हुआ है। हाल ही में एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण और उड़ानों की संख्या में वृद्धि की दिशा में कार्य किया गया है।
यहां से नियमित रूप से दिल्ली, वाराणसी, भोपाल और अन्य शहरों के लिए उड़ानें संचालित हो रही हैं। इससे न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिला है, बल्कि स्थानीय रोजगार और व्यवसाय को भी नई दिशा मिली है।
दतिया एयरपोर्ट: मां पीतांबरा की नगरी को मिली हवाई उड़ान
धार्मिक नगरी दतिया में नव निर्मित एयरपोर्ट का हाल ही में वर्चुअल लोकार्पण प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया गया। 124 एकड़ में फैले इस एयरपोर्ट से फ्लाई बिग एयरलाइंस की उड़ानें शुरू हो चुकी हैं, जो सप्ताह में चार दिन संचालित की जा रही हैं।
मां पीतांबरा पीठ, माँ शारदा देवी (मैहर) और चित्रकूट धाम तक पहुंचने के लिए यह एयरपोर्ट एक सशक्त कड़ी बनेगा। इसके साथ-साथ क्षेत्रीय पर्यटन, धार्मिक यात्राएं और औद्योगिक निवेश को नई रफ्तार मिलेगी।
एक क्षेत्र, अनेक संभावनाएं
तीनों एयरपोर्ट्स के संचालन और विकास से बुंदेलखंड क्षेत्र को "वन डिस्ट्रिक्ट, वन कनेक्शन" जैसी अवधारणाओं को गति मिलेगी। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ क्षेत्रीय उत्पादों की मार्केटिंग, उद्योगों को लॉजिस्टिक सुविधा और युवाओं को रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
प्रदेश सरकार का यह प्रयास बुंदेलखंड को "हवाई नक्शे" पर मजबूती से स्थापित कर रहा है, जो आने वाले समय में सामाजिक-आर्थिक प्रगति का मजबूत आधार बनेगा।
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