गैंगरेप के बाद आरोपी किशोरी को पुलिस चौकी में छोड़ गए, पुलिस ने नहीं लिया कोई एक्शन
घर में छोटी बहन के साथ सो रही किशोरी को गांव के ही तीन युवक अगवा कर ले गए। तीनों ने पहले जंगल में और फिर...
बांदा, घर में छोटी बहन के साथ सो रही किशोरी को गांव के ही तीन युवक अगवा कर ले गए। तीनों ने पहले जंगल में और फिर एक कमरे में ले जाकर बारी बारी से दुष्कर्म किया और उसे बाद में पुलिस चौकी में यह कहकर सुपुर्द कर दिया कि यह लड़की हमें रोते हुए स्टेशन में मिली है। तीनों ने लड़की को कुछ भी बताने पर जान से मारने की धमकी दी थी जिससे लड़की खामोश रही। घर पहुंचने पर माता पिता को असलियत बताई फिर भी पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया।
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घटना मटौंध थाना क्षेत्र एक गांव की है। गांव में रहने वाली किशोरी के पिता ने पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायती पत्र में बताया कि 11/12 अप्रैल की रात्रि लगभग 1बजे मेरी 17 वर्षीय बेटी घर के अंदर अपनी छोटी बहन के साथ आंगन में लेटी थी तथा पास में ही मैं और मेरी पत्नी सो रहे थे। अचानक रात में मोटरसाइकिल की आवाज सुनकर मेरी नींद खुली देखा तो बिस्तर पर मेरी बेटी नहीं थी। रात में ही हम बेटी को गांव में ढूंढते रहे। सवेरे लगभग 7 बजे भूरागढ़ पुलिस चौकी से फोन आया कि तुम जल्दी जल्दी आ जाओ यहां तुम्हारी बेटी है। मैं जब पुलिस चौकी पहुंचा तो मुझे देखकर बेटी रो पड़ी। जो सहमीं सहमी नजर आ रही थी। मैंने पूछा कि मेरी बेटी यहां कैसे आई, कौन छोड़ गया है लेकिन इसका पुलिसकर्मियों ने कोई जवाब नहीं दिया। मैं बेटी को घर ले आया। जहां बेटी ने पूरी घटना बताई।
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लड़की के मुताबिक गांव के वीरेंद्र सिंह उर्फबिंदु पुत्र झाम सिंह, रिंकू यादव पुत्र छिद्दू यादव तथा अजीत सिंह उर्फ बाबू पुत्र गुलाब सिंह घटना वाली रात दो मोटरसाइकिल से आए थे। घर के बाहर की दीवार की तरफ कुछ लोगों को आवाज आ रही थी मैंने झांक कर देखा तभी इन लोगों ने मेरा हाथ पकड़ कर खींचते हुए तमंचा लगा दिया और कहा कि चिल्लाओगी तो तुम्हें गोली मार देंगे। इसके बाद उसे मोटरसाइकिल में जबरन बैठा लिया और घर के पास ही हैंडपंप में जबरन शराब पिला दी।
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उसके बाद तीनों उसे एक जंगल में ले गए जहां उसके साथ तीनों ने दुष्कर्म किया। फिर शहर के एक कमरे में भी उसे तीनों ने हवस का शिकार बनाया। वहां से उसे रेलवे स्टेशन ले गए कुछ देर टहलने के बाद उसे भूरागढ़ पुलिस चौकी छोड़ गए। पुलिस चौकी में छोड़ने से पहले तीनों ने उसे डराते धमकाते हुए कहा पुलिस के सामने मुंह नहीं खोलना नहीं तो जान से हाथ धो बैठोगी।
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इस बारे में पीड़िता ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने चौकी में मुझे धमकाते हुए कहां था कि घर में कोई भी बात मत बताना। धमकी के कारण मैं भयभीत रही, घर पहुंचने पर पूरी सच्चाई अपने माता-पिता को बता दी। पिता का कहना है कि बेटी द्वारा बताई गई घटना के बाद मैंने भूरागढ़ पुलिस चौकी में भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की लेकिन पुलिस ने किसी तरह की मदद नहीं की। इस मामले में दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाये।