भाजपा नेताओ ने आपातकाल सेनानियो को किया सम्मानित
कांग्रेस सरकार के कुठाराघात आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने चित्रकूट इंटर कालेज...

सत्ता बचाने की हताशा में इंदिरा ने लगाया इमरजेंसी: मंत्री
चित्रकूट। कांग्रेस सरकार के कुठाराघात आपातकाल के 50 वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने चित्रकूट इंटर कालेज में आयोजित कार्यक्रम में आपातकाल सेनानियों को सम्मानित किया। सम्मान समारोह के उपरांत संगोष्ठी और प्रदर्शनी का उद्घाटन जिलाध्यक्ष महेन्द्र कोटार्य की अध्यक्षता में हुआ। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि मंत्री दानिश अंसारी एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह व पूर्व जिलाध्यक्ष फतेहपुर दिनेश बाजपेई मौजूद रहे।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से आपातकाल सेनानी राम प्रकाश द्विवेदी, प्रेमनारायण गुप्ता, भागीरथी गांधी, रामपाल त्रिपाठी, ननकूराम, लक्ष्मी सिंह, रामचन्द्र कोरी, रामजी मिश्रा, संतोष गुप्ता, उर्मिला देवी, रामकली को मुख्य अतिथि ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। मंत्री ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि 25 जून 1975 की आधी रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आंतरिक अशांति का बहाना बनाकर भारत पर आपातकाल थोप दिया। यह निर्णय किसी युद्ध या विद्रोह के कारण नहीं बल्कि अपने चुनाव को रद्द किए जाने और सत्ता बचाने की हताशा में लिया गया था। कांग्रेस पार्टी ने इस कालेखंड में केवल लोकतांत्रिक संस्थाओं को रौंदा बल्कि प्रेस की स्वतंत्रता, न्यापालिका की निष्पक्षता और नागरिकों के मौलिक अधिकारों को कुचलकर यह स्पष्ट कर दिया कि जब जब उनकी सत्ता संकट में होती है वे संविधान और देश की आत्मा को ताक पर रखने से पीछे नहीं हटते। आज 50 वर्ष बाद भी कांग्रेस उसी मानसिकता के साथ चल रही है। प्रदेश उपाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह ने कहा कि मार्च 1971 में लोकसभा चुनाव में बहुमत से जीतने के बावजूद इंदिरा गांधी की वैधानिकता को चुनौती मिली। उनके विपक्षी उम्मीदवार राज नारायण ने प्रयागराज हाईकोर्ट में चुनाव को भ्रष्ट आचरण और सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के आधार पर चुनौती दी। देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही थी। जिससे जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा था। देश पहले से ही आर्थिक बदहाली, महंगाई और खाद्यान्न संकट से जूझ रहा था। पूर्व जिलाध्यक्ष फतेहपुर दिनेश बाजपेई ने कहा कि जिस संविधान की शपथ लेकर इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री बनी थी उसी संविधान की आत्मा को कुचलते हुए उन्होंने लोकतंत्र को एक झटके में तानाशाही में बदल दिया और चुनाव में दोषी ठहराए जाने के बाद नैतिकता से इस्तीफा देने के बजाय पूरी व्यवस्था को ही कठपुतली बनाकर रखने का षड्यंत्र रच दिया। जिलाध्यक्ष महेन्द्र कोटार्य ने कहा कि आपातकाल के दौरान एक परिवार को संविधान से ऊपर रखने वाली कांग्रेस आज भी राहुल, प्रियंका के इर्द-गिर्द सिमटी हुई है। विपक्षी गठबंधन की बैठके आज भी कांग्रेस अध्यक्ष के घर होती है और यह बताने के लिए काफी है कि तंत्र आज भी समर्पित है। कार्यक्रम संयोजक हरिओम करवरिया ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर प्रमुख रूप से पूर्व मंत्री चन्द्रिका प्रसाद उपाध्याय, दिनेश तिवारी, चन्द्रप्रकाश खरे, आलोक पांडेय, पंकज अग्रवाल, सुशीला वर्मा, गुलाब पटेल, मनोज तिवारी, राजेश जायसवाल, अश्विनी अवस्थी, विपुल प्रताप सिंह, बृजेश पांडेय, राजेश्वरी द्विवेदी, दिव्या त्रिपाठी, प्रेमलाल बाल्मीकि, जगदीश गौतम, हीरो मिश्रा, सुमित मिश्रा, हेमन्त सिंह, रामसागर चतुर्वेदी, रवि गुप्ता, राकेश कोल, बिनीता द्विवेदी, दीपक द्विवेदी, मोहित मिश्रा आदि उपस्थित रहे।
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