भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुरम्य प्रस्तुति ने बांदा के विद्यार्थियों को किया मंत्रमुग्ध

भारतीय शास्त्रीय संगीत की मधुर लहरियों से भागवत प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, विद्यावती निगम मेमोरियल स्कूल तथा आर्य कन्या इण्टर कॉलेज...

Nov 5, 2025 - 16:12
Nov 5, 2025 - 16:18
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भारतीय शास्त्रीय संगीत की सुरम्य प्रस्तुति ने बांदा के विद्यार्थियों को किया मंत्रमुग्ध

स्पिक मैके उत्तर प्रदेश चैप्टर, बांदा द्वारा आयोजित “सितार वादन समारोह” में झूमे संगीत प्रेमी विद्यार्थी

बांदा। भारतीय शास्त्रीय संगीत की मधुर लहरियों से भागवत प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, विद्यावती निगम मेमोरियल स्कूल तथा आर्य कन्या इण्टर कॉलेज, बांदा का प्रांगण दो दिनों तक गुंजायमान रहा। अवसर था SPIC MACAY (Society for the Promotion of Indian Classical Music and Culture Amongst Youth) उत्तर प्रदेश चैप्टर, बांदा द्वारा आयोजित “सितार वादन समारोह” का, जिसमें प्रसिद्ध सितार वादक गौरव मजुमदार और तबला वादक विनोद कुमार मिश्रा ने अपनी मनमोहक प्रस्तुति से विद्यार्थियों को संगीत साधना की गहराई से परिचित कराया।

गौरव मजुमदार ने राग नट-भैरव (तीनताल), मधुवंती (झपताल, तीनताल), बिलावल (तीनताल) एवं भीमपलासी (तीनताल) की सुमधुर प्रस्तुति से वातावरण को आध्यात्मिक अनुभूति से भर दिया। प्रत्येक राग की प्रस्तुति ने संगीत प्रेमी विद्यार्थियों को भारतीय शास्त्रीय परंपरा की आत्मा से जोड़ा।

कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। विद्यालय परिवारों ने अतिथि कलाकारों का भव्य स्वागत किया तथा संस्थापकों की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। तत्पश्चात सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में विद्यार्थियों की ऊर्जावान उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया।

विद्यालय की छात्राओं कविता, नबीला और आयुषी त्रिपाठी ने अतिथि कलाकारों की जीवन यात्रा और उपलब्धियों का परिचय दिया। इस दौरान अनुपमा त्रिपाठी, डायरेक्टर गुरुकुल कथक साधना केंद्र एवं स्पिक मैके बांदा संयोजक, ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा—

“संगीत भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह मनुष्य को अनुशासन, एकाग्रता और भावनात्मक गहराई प्रदान करता है। शास्त्रीय संगीत केवल कला नहीं, बल्कि साधना है जो मन को शांत और विचारों को पवित्र बनाती है।”

गौरव मजुमदार ने विद्यार्थियों से संवाद करते हुए कहा—

“संगीत आत्मा की भाषा है, जिसे महसूस किया जाता है, समझाया नहीं जाता।”

उनकी प्रस्तुति के दौरान पूरा सभागार सुरों की पवित्रता में डूब गया।

विद्यालयों के प्रधानाचार्यों ने इस आयोजन को विद्यार्थियों के लिए अत्यंत प्रेरणादायक बताया। उन्होंने कहा कि “ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के भीतर सौंदर्यबोध, संवेदनशीलता और सांस्कृतिक चेतना का विकास करते हैं।”

कार्यक्रम के सफल आयोजन में सभी विद्यालय परिवारों ने स्पिक मैके बांदा संयोजक अनुपमा त्रिपाठी, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार तथा भातखंडे संगीत विश्वविद्यालय, लखनऊ के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया, जिनके सहयोग से यह अद्भुत कार्यक्रम संभव हुआ।

अंत में विद्यालयों के प्रधानाचार्यों द्वारा अतिथि कलाकारों को सम्मानित किया गया और सभी शिक्षिकाओं व छात्र-छात्राओं की सहभागिता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
पूरा कार्यक्रम संगीत, संस्कृति और संवेदना का अद्भुत संगम बनकर विद्यार्थियों की स्मृतियों में अंकित हो गया।

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