महिला जज की चिट्ठी से भूचाल, सुप्रीम कोर्ट ने रातों-रात हाईकोर्ट से मांगा जवाब
बांदा के बबेरू तहसील में सिविल जज के पद पर तैनात जज अर्पिता साहू द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई चिट्ठी ने जुडिशल क्षेत्र में भूचाल ला दिया है। मामले की गंभीरता ...
बांदा के बबेरू तहसील में सिविल जज के पद पर तैनात जज अर्पिता साहू द्वारा सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजी गई चिट्ठी ने जुडिशल क्षेत्र में भूचाल ला दिया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आधी रात को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट से इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट शुक्रवार को दोपहर 11 बजे तक देने के लिए समय भी तय किया गया है। हाई कोर्ट से स्टेटस रिपोर्ट मिलने के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट कोई बड़ा फैसला ले सकता है। सिविल जज ने बाराबंकी के जिला जज पर मानसिक और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी थी।
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महिला जज ने अपनी शिकायती पत्र में बाराबंकी में तैनाती के दौरान कोर्ट में दुर्व्यवहार और जिला जज द्वारा मानसिक व यौन शोषण की शिकायत का हवाला देते हुए पत्र में उल्लेख किया है कि मैंने 2022 में मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद और प्रशासनिक न्यायाधीश से इस मामले की शिकायत की थी। जिस पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। किसी ने मुझसे पूछने की जहमत नहीं उठाई कि क्या हुआ? इसके बाद मैंने जुलाई 2023 में उच्च न्यायालय की आंतरिक शिकायत समिति से शिकायत की थी। यह जांच भी बहुत धीमी गति से चली, इस जांच को पूरी होने में 6 महीने का समय लगा और एक हजार ईमेल लग गए। इलाहाबाद हाई कोर्ट से कोई न्याय न मिलने के कारण ही सिविल जज ने हताश होकर न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजा बल्कि इस पत्र में महिलाओं को हमेशा शोषित रहने का संदेश देते हुए अपने लिए इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है।
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गुरुवार को इस आशय का पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ तो जुडिशल क्षेत्र में हड़कंप मच गया। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने भी इस पत्र को गंभीरता से लिया और आधी रात को इलाहाबाद हाई कोर्ट प्रशासन से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। इस रिपोर्ट में शिकायत से निपटने वाली आंतरिक शिकायत समिति के समक्ष कार्रवाई की स्थिति के बारे में भी जवाब देने को कहा गया है। इसी समिति के सामने सिविल जज ने अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
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जिले के बबेरू न्यायालय में तैनात महिला जज लखनऊ की निवासी हैं। वर्ष 2019 में वह जज बनी थी। इसके बाद उनकी पहली तैनाती बाराबंकी में हुई थी। वहां से स्थानांतरण के बाद में 2023 में उन्होंने बांदा में पदभार ग्रहण किया था। तब से वह यहां तैनात है और इस समय बांदा शहर में स्थित सर्किट हाउस के एक कक्ष में रहती हैं। प्रतिदिन वह 38 किमी सफर करके बबेरू न्यायालय में मुकदमों की सुनवाई के लिए जाती हैं। सूत्रों के मुताबिक इस समय वह पिछले चार दिन से छुट्टी में है और उनके कमरे में ताला लगा हुआ है।
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