आजमगढ का इतिहास गौरवशाली हैं पर वर्तमान बेहतर हो इसका रास्ता किताबों से ही निकलेगा
जिला प्रशासन के सानिध्य में पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से शुरूआत समिति के माध्यम से..
इतिहास के आइने में आजमगढ़ किताब नहीं इतिहास प्रस्तुति है-जिलाधिकारी
जिला प्रशासन के सानिध्य में पर्यावरण एवं वन विभाग के सहयोग से शुरूआत समिति के माध्यम से 21वें आजमगढ़ पुस्तक मेले में रविवार के दिन जन भागीदारी का आदर्श दिन बन गया।
डिग्रीकालेज के सभागार में विमर्श, इंटर कालेज में पुस्तक मेला और लाॅन मंे बच्चों का रचनात्मक शिविर मानों ज्ञान के मंदिर में संगम का पर्याय बन गया हो।
प्रथम सत्र में जिलाधिकारी आजमगढ़ श्री राजेश कुमार ने प्रताप गोपेन्द्र, आई, पी, एस. अधिकारी द्वारा लिखित पुस्तक का लोकार्पण करते हुए कहा कि आजमगढ़ का इतिहास गौरवशाली है पर वर्तमान तभी बेहतर बनेगा जब आजमगढ़ का युवा अपने समय के कालजयी रचनाओं को पढे़गा। उन्होंने कहा कि इतिहास राजा महाराजा की गाथा नहीं जनता का दुःख दर्द होता है।
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उन्होंने कहा कि प्रताप गोपेन्द्र का पुलिस सर्विस में रहते हुए यह रचना यात्रा आजमगढ़ के विरासत को आगे बढ़ाने की यात्रा है।
आपको बताते चले कि प्रताप गोपेन्द्र एसपी चित्रकूट कार्यकाल के दौरान बुन्देलखण्ड की प्रसिद्ध नेशनल मैगजीन बुन्देलखण्ड कनेक्ट में भी चित्रकूट की विरासतों के बारे में लिखा जिसमे प्रमुख चंदेल कालीन हजारों वर्ष पुरानी
विरासत सोमनाथ का मंदिर जिसके बारे में विस्तार से लिखा, चित्रकूट में बुन्देलखण्ड न्यूज़ की टीम के साथ कई विलुप्त दुर्लभ विरासतों के बारे में खोजबीन कर जानकारी जुटाई इस अवसर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस समाज से ही आती है
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जब समाज रचनात्मक होगा तब पुलिस भी रचनात्मक होगी। अब हमें नागरिक मित्र पुलिस के लिए ऐसे साहित्य उत्सव का निरन्तर आयोजन करना होगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए शिब्ली डिग्री कालेज के प्राचार्य मोहम्मद सलमान अंसारी ने कहा कि ज्ञान ही सर्वोत्तम समाज का निर्माण का आधार है। द्वितीय सत्र में आयोजन के मुख्य अथिति आजमगढ़ के मंडल के पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री सुभाष चन्द्र दुबे ने कहा कि साहित्य मनुष्य के मस्तिष्क में विवेक निर्मित करता है।
इतिहास विभाग के अध्यक्ष डा. अलाउद््दीन ने कहा कि इतिहास कालखण्डों का दर्शन ही नही कराता है। बल्कि सामान्य जन को अतीत से सबक लेने की अपील करता है। पुस्तक के लेखक प्रताप गोपेन्द्र यादव ने कहा कि यह पुस्तक मैं अपनी मातृभूमि को समर्पित कर रहा हॅू।
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मातृृभूमि वह मां है जो अपनी संतानों को अकेले होने के क्षण में भी सृजन से जोड़ती है उन्होंने कहा कि अब इतिहास लेखन की श्रृृंखला आरम्भ होगी और शहरनामा सीरिज से आजमगढ़ के इतिहास की पुनप्र्रस्तुति होगी।
विमर्श में हिस्सा लेते हुए मुस्लिम एजुकेशन सोसाायटी के कार्यकारणी सदस्य मोहम्मद नोमान ने कहा कि पुलिस संस्कृति जब सांस्कृतिक पुनर्निर्माण की यात्रा में शामिल होती है तो वह श्रेष्ठ समाज के निर्माण आधार बन जाती है।
कार्यक्रम के आरंभ में स्वागत करते हुए शिब्ली इंटर कालेज के प्रधानाचार्य श्री निशार अहमद ने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेला वर्ष दर वर्ष विमर्श का नया इतिहास लिख रहा है। जिला विद्यालय निरीक्षक डा. वी के शर्मा ने कहा कि आजमगढ़ के सभी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य एवं शिक्षक को पुस्तक मेले में पुस्तक खरीद एवं भ्रमण हेतु अनिवार्य किया गया है।
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आजमगढ़ जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अमरीश कुमार यादव ने कहा कि परिषदीय विद्यालय के शिक्षक भी शैक्षिक भ्रमण के लिए अनिवार्य किये जाते हैं। इस अवसर पर डा. शफी उज्जमान, हरिशंकर राही, प्रख्यात लेखक जगदीश चन्द्र बर्नवाल कुन्द ने भी विचार व्यक्त किया।
संचालन करते हुए संस्कृतिकर्मी श्री राजीव रंजन ने कहा कि आजमगढ़ पुस्तक मेले के मंच पर इतिहास के आइने में आजमगढ़ किताब के माध्यम से आजमगढ़ का विचार वैश्विक हो रहा है। उन्होंने बताया कि यह पुस्तक पुस्तक मेले मंे उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त यूनिवर्शल बुक डीपो की साईट एवं एवं अमेजन पर भी उपलब्ध है।
आजमगढ़ के डी एफ ओ श्री संजय विश्वाल ने बताया कि सोमवार को प्रख्यात पर्यावरणविद् एवं जलपुरूष श्री राजेन्द्र सिंह आजमगढ़ के लोगों से रूबरू होंगें। इस अवसर पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से वी के सिंह, राजकीय जिला पुस्तकालाध्यक्ष बलदेव सिंह जी, श्री अजीत सिंह, डा. कन्हैंया लाल यादव, रविन्द्र नाथ राय सहित सैकड़ों शिक्षक/विद्यार्थी उपस्थित थे। कल मेले में प्रकृति का साहित्य और साहित्य में प्रकृति विषय पर विमर्श एवं स्लोग्न राईटिंग वर्कशाप का आयोजन होगा। आज मेले के संयोजक विकल्प रंजन ने कैफी आजमी और निराला की कविताओं संगीतात्मक प्रस्तुति दी।
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