तो इस वजह से मर गयी बाँदा के छाबी तालाब की मछलियां
शहर में स्थित प्राचीन छावी तालाब में बुधवार को लाखों की तादाद में छोटी बड़ी मछलियां मर गई। प्रथम दृष्टया पानी प्रदूषित होने के..
शहर में स्थित प्राचीन छाबी तालाब में बुधवार को लाखों की तादाद में छोटी बड़ी मछलियां मर गई। प्रथम दृष्टया पानी प्रदूषित होने के कारण मछलियों की मौत हुई है।वहीं कुछ लोग पानी में जहरीला पदार्थ मिलाने की बात कर रहे हैं। जिलाधिकारी बांदा ने इस मामले की जांच के निर्देश मत्स्य विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिए हैं।
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बताते चलें कि बुधवार को सवेरे पूरे तालाब में मछलियां उतरा रही थी और इनमें बड़ी संख्या में मछलियां सांस न ले पाने कारण पानी में ही तड़प रही थी। देखते ही देखते कुछ ही घंटों में लाखों मछलियों ने तालाब में ही दम तोड़ दिया था। बाद में इस मामले की जांच करने सिटी मजिस्ट्रेट केशवनाथ गुप्ता ,सीओ सिटी राकेश कुमार सिंह, नगर पालिका ईओ बी पी यादव और कोतवाली प्रभारी भास्कर मिश्रा मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने अपने स्तर से जांच पड़ताल की थी।
इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों ने पानी का नमूना लिया था साथ ही मत्स्य विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है।कुछ लोगों का मानना है कि शरारती तत्वों ने तालाब के पानी में जहरीला पदार्थ मिला दिया है जिससे उनकी मौत हो गई।
इस बीच मरी हुई मछलियों को तालाब से बाहर निकाल कर दफनाने का काम में आज दूसरे दिन भी नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों की सात टीमें लगी रही। इस बारे में नगर पालिका अध्यक्ष मोहन साहू ने बताया कि नगर पालिका के कर्मचारियों ने मृत मछलियों को निकाल कर एक गड्ढे में दफन किया है।उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया तालाब का पानी प्रदूषित हो गया है क्योंकि पानी का निकास नहीं है और लोगों के घरो से नालियों का पानी इसी तालाब में आता है। जिससे पानी पूरी तरह गंदा हो गया है।
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उनका यह भी मानना है कि पानी से कहीं अधिक मछलियों की संख्या होने से तालाब में मछलियां मरने लगी। मछलियों के मरने का सिलसिला एक दिन पहले शुरू हुआ था। दो दिन में सारी मछलियां मर गयी। उन्होंने कहा कि तालाब का प्रदूषित पानी बदला जाएगा ताकि आसपास के लोगों को किसी तरह की बीमारी से बचाया जा सके।वही तिरंगा वितरण समिति के अध्यक्ष व समाजसेवी शोभाराम कश्यप ने भी माना है कि मछलियों की मौत प्रदूषित पानी से हुई है।
पानी प्रदूषित होने के कारण मछलियों को ऑक्सीजन नही मिल पाती है जिससे उनकी मौत हो जाती है।
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