CBSE के फैसले के बाद UP बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी हुई रद्द

UP बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षा रद्द, CBSE के फैसले के बाद UP में भी इंटरमीडिएट की परीक्षाएं रद्द की गईं..

CBSE के फैसले के बाद UP बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी हुई रद्द
UP बोर्ड की इंटरमीडिएट की परीक्षाएं भी हुई रद्द

सीबीएसई के बाद अब उत्तर प्रदेश बोर्ड की बारहवीं कक्षा की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है। विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन के जरिए पास किया जाएगा। यूपी बोर्ड पहले ही दसवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द कर चुका है।

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मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीबीएसई की बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की थी। इसके बाद से सभी राज्यों के बोर्ड पर बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने का दबाव बढ़ गया था। गुरुवार को सूबे की सरकार ने बारहवीं कक्षा की परीक्षा को रद्द करने की घोषणा की। 

प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से बातचीत के बाद बारहवीं कक्षा की परीक्षा को निरस्त करने की घोषणा की है।

इस साल यूपी बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए 26 लाख 10 हजार 316 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए हैं। अब इन सभी विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन पद्धति के जरिए पास किया जाएगा।

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सीएम योगी ने इस फैसले पर आखिरी मुहर लगाई। इसके पहले उन्होंने लोक भवन में डिप्टी सीएम व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड की सरकारें बोर्ड की परीक्षा रद्द किए जाने का निर्णय पहले ही ले चुकी हैं।

करीब 30 मिनट तक चली बैठक

सीएम योगी के साथ डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा समेत शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के साथ करीब 30 मिनट बैठक चली। 10:30 बजे शुरू हुई बैठक 11:00 बजे समाप्त हुई। शिक्षा बोर्ड के द्वारा तैयार की गई कमेटी ने रिपोर्ट मुख्यमंत्री के सामने पेश की। इसमें परीक्षा रद्द किए जाने के बाद परीक्षार्थियों के अन्य विकल्प के सुझाव दिए गए।

अब इन सभी विद्यार्थियों को आंतरिक मूल्यांकन पद्धति के जरिए पास किया जाएगा। हालांकि, अभी बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पास करने के आंतरिक मूल्यांकन मानदंड की घोषणा होना बाकी है।

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बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ला ने 22 मई को ही सभी स्कूलों से क्लास 12 के प्री-बोर्ड और 11वीं के छमाही व वार्षिक परीक्षा के अंक मांगे थे, 28 मई तक अधिकांश स्कूल छात्र-छात्राओं के अंक डाटा भी ऑनलाइन पोर्टल पर फीड कर दिया।

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