बुन्देलखण्ड के चित्रकूट में यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क बनाने की तैयारी

अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखण्ड के चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों में जियो पार्क की संभावना को देखते हुए यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क बनाने की तैयारी चल रही है..,

 बुन्देलखण्ड के चित्रकूट में यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क बनाने की तैयारी

 अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बुन्देलखण्ड के चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों में जियो पार्क की संभावना को देखते हुए यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क बनाने की तैयारी चल रही है। इसके लिए आईआईटी कानपुर प्रस्ताव तैयार करा रहा है। इस सम्बन्ध में चित्रकूट जिले में युनेस्को जियो पार्क विशेषज्ञ टीम ने हाल में सर्वेक्षण किया है।

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जिले में सर्वेक्षण कर रही टीम के प्रमुख  युनेस्को जियो पार्क विशेषज्ञ टीम के डॉ. सतीश त्रिपाठी  एवं सदस्य  डी.एस.एन. कालेज उन्नाव के प्रोफेसर डॉ. अनिल साहू  नें बताया कि उन्हें  कामदगिरि पर्वत में बरहा के हनुमान मंदिर के निकट बुंदेलखंड ग्रेनाईट का विन्ध्य चट्टानों के साथ सम्पर्क प्राप्त हुआ है जो कि मध्य भारत की चट्टानों की भौगोलिक धुरी है। जिलें में राम शैया मार्ग पर बेसाल्टिक डाईक का ग्रेनाईट चट्टान में अवक्षेपण हुआ है। जो अन्य कहीं नही मिलता, गुप्त गोदावरी में घुलन शील गुफा का ऐसा अनूठा विश्व स्तरीय उदाहरण है।जिसमें सतह पर नदी के रूप में जल का प्रवाह है। हनुमान धारा,लक्ष्मण पहाडी कामतानाथ भगवान राम के भौगोलिक आश्रय स्थल हैं। जिनका आध्यात्मिक के साथ-साथ वैज्ञानिक महत्व है और यदि सरकार और स्थनीय स्तर पर प्रयास किया जाए तो इन्हें यूनेस्को की वैश्विक जियो पार्क में शामिल किया जा सकता है।

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इस बारें में सेवायोजन अधिकारी डॉ. पी.पी शर्मा ने टीम के हवाले से बताया कि क्षेत्र में पायी जानें वाली भूगर्भिक विविधता और सांस्कृतिक विशिष्टता इसे वैश्विक स्तर पर ग्लोबल जियो पार्क और जियो टूरिज्म का केंद्र बना सकती है। जिससे  क्षेत्र में रोजगार,स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे । जिससे  क्षेत्र के औद्योगिक एवं तकनीकी विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। यूनेस्को के मानदंड के अनुसार जियो पार्क में महिलाओं की 50 फीसदी भागीदारी अनिवार्य है, जो महिला सशक्तीकरण को बल देगा।

ग्लोबल जियो पार्क 
ग्लोबल जियो पार्क एकीकृत भू-वैज्ञानिक क्षेत्र होते हैं। जहाँ अंतर्राष्ट्रीय भू-गर्भीय महत्त्व के स्थलों व परिदृश्यों का सुरक्षा, शिक्षा और टिकाऊ विकास की समग्र अवधारणा के साथ प्रबंधन किया जाता है।‘यूनेस्को ग्लोबल जियो पार्क’ की स्थापना की प्रक्रिया निचले स्तर से शुरू की जाती है। जिसमें सभी प्रासंगिक स्थानीय दावेदारों जैसे कि भू-मालिकों, सामुदायिक समूहों, पर्यटन सेवा प्रदाताओं आदि को शामिल किया जाता है। यह पहल स्थानीय समुदायों के साथ सक्रिय रूप से जुड़कर पृथ्वी की भू-विविधता की सुरक्षा को बढ़ावा देती है।
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