बुंदेलखंड के कश्मीर में पण्डित दीनदयाल उद्यान का हुआ उद्घाटन, कई तालाबों का सुंदरीकरण

महोबा बुंदेलखंड के कश्मीर माने जाने वाले ‘चरखारी’ के टोला तालाब को पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान नामांकित करते हुये..

बुंदेलखंड के कश्मीर में पण्डित दीनदयाल उद्यान का हुआ उद्घाटन, कई तालाबों का सुंदरीकरण
पण्डित दीनदयाल उद्यान का हुआ उद्घाटन, कई तालाबों का सुंदरीकरण..

महोबा बुंदेलखंड के कश्मीर माने जाने वाले ‘चरखारी’ के टोला तालाब को पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान नामांकित करते हुये, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी की मूर्ति का अनावरण, चरखारी सेल्फी प्वाइंट, 110 फिट ऊंचा तिरंगा, बोटिंग प्वाइंट का उद्घाटन जिला अधिकारी महोबा सतेंद्र सिंह व सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल द्वारा किया गया। इसी तरह प्रशासन की तरफ से पर्यटन के लिए विभिन्न तालाबों के सुंदरीकरण का कार्य किया गया ताकि पर्यटको को आकर्षित किया जा सके।

यह भी पढ़ें - बाँदा को मिलने जा रहा अटल सरोवर पार्क देखने में कैसा होगा, यहां देखिये

इस अवसर पर  भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष जीतेन्द्र सिंह सेंगर, चरखारी विधायक ब्रजभूषण राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष जयप्रकाश अनुरागी, चरखारी नगरपालिका चेयरमैन श्री मूलचंद्र अनुरागी, महोबा नगरपालिका चेयरमैन प्रतिनिधि सौरभ तिवारी एवम व्यापरमंडल महोबा चरखारी के पदाधिकारी उपस्थित रहे। 

पण्डित दीनदयाल उद्यान का हुआ उद्घाटन, कई तालाबों का सुंदरीकरण..

गौरतलब है कि चरखारी नगर वासियों द्वारा बहुत लंबे समय से नगर के विकास, तालाबों के सुंदरीकरण की माँग उठायी जाती रही है जिसपर गौर करते हुऐ डीएम महोबा के द्वारा महोबा के उपरान्त चरखारी को सुंदरीकरण एवं पर्यटन विकास के लिये चुना इसी के तत्त्वधान में शुरुआत करते हुये दीन दयाल पार्क का अनावरण एवं  चरखारी की जनता के लिये बोटिंग की शुरुआत स्वयं बोट में भ्रमण करके की, एवं चरखारी नगर के पर्यटन विकास को यूँ ही निरंतर शुरू रखने की बात कही ।

यह भी पढ़ें - बुंदेलों की बदहाली दूर कर खुशहाली के साथ कई बड़े बदलाव लायेगा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे

  • चरखारी के ऐतिहासिक तालाब 

चरखारी महाराजा छत्रसाल पन्ना के द्वितीय पुत्र जगतराज जैतपुर के ज्येष्ठ पुत्र कीरत सिंह के दूसरे पुत्र खुमानसिंह की राजधानी था। जब जगतराज जैतपुर में रहते थे तो यदाकदा यहाँ की चरखैरी पहाड़ी पर चरखैरों (हिरणों) का शिकार खेलने आया-जाया करते थे। उन्हें चरखैरी पहाड़ी का प्राकृतिक सौन्दर्य पसन्द आया,  तो उन्होंने 1758 ई. में मंगलवार के दिन पहाड़ी पर किला निर्माण की आधारशिला रखी।

पण्डित दीनदयाल उद्यान का हुआ उद्घाटन, कई तालाबों का सुंदरीकरण..

परन्तु उसी वर्ष उनका स्वर्गवास हो गया था। बाद में जगतराज के उत्तराधिकार को लेकर पहाड़ सिंह और ज्येष्ठ भ्राता के पुत्रों गुमान सिंह, खुमान सिंह में पारिवारिक कलह हो गया था। जिसका समापन पहाड़ सिंह ने अपने दोनों भतीजों गुमानसिंह, खुमान सिंह को भूरागढ़, बाँदा एवं चरखारी के राज्य देकर कलह शान्त कर दिया था।

खुमान सिंह को चरखारी का स्वतन्त्र राज्य मिला तो उन्होंने किला निर्माण कार्य पूर्ण करवाकर, उसका नाम मंगलगढ़ रखा था। किला पहाड़ी (चरखैरी) के नीचे बस्ती बसाकर, उसका नाम भी चरखैरी के नाम पर चरखारी रख दिया था। खुमान सिंह के पश्चातवर्ती राजाओं ने नगर के चारों ओर नगर सौन्दर्य एवं जन-जल सुविधा हेतु तालाओं का निर्माण कराकर, इसे तालाबों की नगरी के रूप में पहचान दी थी। जिसका ब्योरा इस प्रकार है-

  1. विजय सागर तालाब चरखारी- यह तालाब चरखारी नरेश विजयसिंह (1782-1823 ई.) ने किला की तलहटी में दो पहाड़ियों के मध्य चरखारी नगर के किनारे बनवाया था।
  2. रतन सागर तालाब- रतन सागर तालाब चरखारी नरेश रतनसिंह (1829-60 ई.) ने बनवाया था, जो नगर सीमा में संलग्न है। 
  3. जय सागर तालाब- यह तालाब चरखारी नरेश जयसिंह (1860-80 ई.) ने दीवान तातिया टोपे की देख-रेख में बनवाया था, जो नगर से संलग्न है।
  4. मलखान सागर चरखारी- यह सरोवर चरखारी नरेश मलखान सिंह ने सन 1882 ई. में बनवाया था। यह भी नगर के किनारे सुन्दर तालाब है। गोवर्धन नाथ का मन्दिर इसी मलखान सागर पर है।
  5. गुमान सागर चरखारी- यह सरोवर चरखारी नरेश गुमान सिंह ने बनवाया था। 
  6. सुदामापुरी तालाब चरखारी- सुदामापुरी तालाब भी नगर सीमा से संलग्न है।
  7. किला मंगलगढ़ के तालाब- किला मंगलगढ़ में पहाड़ का पत्थर काटकर, बिहारी तालाब, मंडना तालाब एवं काकुन तालाब बनवाये गए थे।
  8. चरखारी नगर के चारों ओर, एक दूसरे से संलग्न 7 तालाब-कोठी तालाब, गोलाघाट तालाब, जय सागर तालाब, बंशिया तालाब, रपट तलैया, विजय सागर एवं मलखान सागर हैं। इनके मध्य के नगर से बाहर की ओर को आवाजाही मार्ग हैं। तालाबों के बाहर सुन्दर मनोरम पहाड़ियाँ हैं जिनसे तालाबों की शोभा निखर उठती है।
  9. दसपुर तालाब- महोबा के उत्तर में दसपुर ग्राम में बड़ा तालाब है। इस तालाब से कृषि सिंचाई हेतु नहरें निकाली गई हैं। यहाँ बच्छराज एवं दच्छराज बनाफरों का पुराना किला है।
  10. टोला तालाब- यह महोबा के निकट पिकनिक मनाने वालों के लिये मनोरम तालाब है।

पण्डित दीनदयाल उद्यान का हुआ उद्घाटन, कई तालाबों का सुंदरीकरण..

यह भी पढ़ें - ललितपुर में एयरपोर्ट बनने से बुंदेलखंड क्षेत्र के आर्थिक विकास को लगेंगे पंख

What's Your Reaction?

like
1
dislike
0
love
2
funny
0
angry
0
sad
0
wow
1