नई शिक्षा नीति 2020 पर वीरभूमि महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ

वीरभूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा..

नई शिक्षा नीति 2020 पर वीरभूमि महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेमिनार का हुआ शुभारंभ

महोबा, 

  • राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति 2020 बुनियाद की मजबूती पर  केंद्रित है

वीरभूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के ऑडिटोरियम में उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ चंद्र कुमार चौरसिया प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चरखारी ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन कर किया। की नोट स्पीकर डॉ विनोद कुमार प्राचार्य राजकीय महाविद्यालय पिपरहरी प्राचीन शिक्षा से वर्तमान शिक्षा के साथ नई शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा कहा कि नई शिक्षा नीति राष्ट्र के विकास में सहायक है।

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  • एन ई पी 2020 में है शिक्षा का विविध स्तर पर वर्गीकरण

मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉक्टर चौरसिया ने कहा कि नई शिक्षा नीति पुरानी शिक्षा नीति में सुधार करते हुए बनाई गई है तथा इसे लागू किया जा रहा है किसी भी देश के निर्माण का आधार शिक्षा प्रणाली होती है साथ ही भविष्य निर्माताओं का निर्माण करती है  उसके पृष्ठभूमि में शिक्षा नीति का योगदान होता है।

वक्ताओं ने कहा कि 1986 की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1992 का शिक्षा नीति में संशोधन के तीन दशक बाद राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति  2020 आई है नई शिक्षा नीति त्रिभाषा फार्मूला पर आधारित ऐसी शिक्षा नीति है जिसमें माध्यम की समस्याओं की स्थाई और प्रमुख बाधा के रूप में सामने थी का निराकरण किया गया है नई शिक्षा नीति बुनियाद की मजबूती पर केंद्रित है इसमें शिक्षा का विविध स्तर पर वर्गीकरण किया गया है जो जितना पढ़ेगा उतना उसे मिलेगा।

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  • एनएसएस स्वयंसेवकों ने संभाली व्यवस्था किया संगोष्ठी में प्रतिभाग

इस शिक्षा नीति में सर्टिफिकेट डिप्लोमा ऑनर्स का प्रावधान इसीलिए किया गया है की यदि शिक्षार्थी की शिक्षा मध्य में ही समाप्त हो जाती है तो उसे कुछ ना कुछ अवश्य प्राप्त हो। विशिष्ट अतिथि के रूप में उज्जैन से पधारे स्वामी रामस्वरूप ब्रह्मचारी जी महाराज ने कहा कि जब तक हमें हमारे अतीत का गौरव नहीं पढ़ाया जाता तब तक हम भविष्य का निर्माण नहीं कर सकते हैं इस शिक्षा नीति में अतीत के गौरव को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने पर यह कमी दूर होगी तथा भारत विश्व गुरु के पद पर आसीन हो सकेगा।

महाविद्यालय के प्राचार्य लेफ्टिनेंट सुशील बाबू ने सभी आगंतुक अतिथियों प्राध्यापकों तथा छात्र-छात्राओं का स्वागत किया कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने 2 दिनों तक चलने वाले संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की धन्यवाद ज्ञापन डॉ बृजेश कुमार सिंह ने किया संचालन एनएसएस जनपदीय नोडल अधिकारी डॉ संतोष कुमार पांडे ने किया इस अवसर पर अनेक प्राध्यापकों शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया तथा एनएसएस स्वयंसेवी छात्र छात्राओं ने संगोष्ठी में उपस्थित हो कर लाभान्वित हुए साथ ही साईं महाविद्यालय राम श्री महाविद्यालय मां चंद्रिका महिला महाविद्यालय एसके महाविद्यालय जैतपुर जय बुंदेलखंड महाविद्यालय कुलपहाड़ सहित महाविद्यालयों के प्राध्यापकों में सेमिनार में प्रतिभाग किया।

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