अत्यधिक भीड़ भी नहीं बनेगी "आस्था की डुबकी" लगाने में रुकावट
दुनिया के सबसे बड़े आयोजन व सनातन आस्था के केंद्र महाकुम्भ को सभी के लिए सुगम बनाने हेतु योगी सरकार...
कार्ययोजना तैयार, नहींं लगने दिया जाएगा जाम, श्रद्धालुओं की मोबिलिटी को किया जाएगा सुनिश्चित
प्रयागराज। दुनिया के सबसे बड़े आयोजन व सनातन आस्था के केंद्र महाकुम्भ को सभी के लिए सुगम बनाने हेतु योगी सरकार लगातार तत्परता से कार्य कर रही है। इस आयोजन के दौरान 40 करोड़ से अधिक लोगों के प्रयागराज आने का अनुमान है, जिसको लेकर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन दोनों ने क्राउड मैनेजमेंट की तैयारी की है। इसके साथ ही ‘आस्था की डुबकी’ लगाने में भी भीड़ रुकावट नहीं बनेगी।
खासतौर पर प्रमुख स्नान के दौरान अत्यधिक भीड़ के कारण कहीं कोई अव्यवस्था न हो, इसके लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। आने-जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए गए हैं। जबकि मोबिलिटी जारी रहे, इसकी भी व्यवस्था की गई है। रास्ता जाम न हो, इसके लिए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं। कुल मिलाकर जो योजना बनी है, उसके अनुसार, श्रद्धालुओं को पीक डेज में एक से 5 किमी. और सामान्य दिनों में एक किमी. से ज्यादा पैदल यात्रा नहीं करनी होगी।
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आने और जाने के अलग-अलग रास्ते
प्रयागराज के मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने बताया कि इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन में सिर्फ प्रदेश और देश से ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से श्रद्धालुओं का बड़ा जत्था पहुंचेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि किसी भी श्रद्धालु को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए। ऐसे में क्राउड मैनेजमेंट को लेकर कार्ययोजना बनाई गई है, जिसके अनुरूप व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि सर्वाधिक श्रद्धालु सड़क मार्ग से प्रयागराज पहुंचेंगे। प्रशासन की ओर से सभी शहर के दिशाओं में पार्किंग की व्यवस्था की गई है। वहां वाहन खड़ा कर श्रद्धालु आगे का रास्ता तय करेंगे। मेला क्षेत्र में आने और जाने के अलग-अलग रास्ते निर्धारित किए हैं। आस्था की डुबकी लगाने वाले जिस रास्ते से जाएंगे, उस रास्ते से वापस नहीं लौटेंगे। उन्हें दूसरे रास्ते से होकर जाना होगा, जिससे श्रद्धालु आमने-सामने नहीं आ सकेंगे।
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नहीं बनने दी जाएगी जाम की स्थिति
मंडलायुक्त ने बताया कि ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि श्रद्धालु कहीं एक साथ रुकें नहीं, वो चलते रहें। इससे जाम की स्थिति नहीं बनने दी जाएगी। हमारा उद्देश्य है कि मेला क्षेत्र के साथ-साथ शहर में भी श्रद्धालुओं की मोबिलिटी को बरकरार रखा जाए, ताकि स्नान और दर्शन आदि करने के बाद वे सीधे पार्किंग स्थल पहुंचें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। इसी तरह, रेलवे से भी आग्रह किया गया है कि समय पर और अधिक स्पेशल ट्रेनें संचालित करें। ताकि श्रद्धालु अपना समय गंवाए बिना यात्रा को बरकरार रखें। रेलवे ने कई अतिरिक्त स्पेशल ट्रेनें संचालित करने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि यदि श्रद्धालु कुछ देर विश्राम करना चाहेंगे तो उनके लिए कुछ होल्डिंग एरियाज भी चिह्नित किए गए हैं।
शाही स्नान के दिनों में लागू होगी विशेष ट्रैफिक स्कीम
मंडलायुक्त ने बताया कि महाकुम्भ में प्रमुख स्नान के दिनों में श्रद्धालुओं की संख्या कई करोड़ तक होगी। ऐसा अनुमान है कि मौनी अमावस्या को सर्वाधिक 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए संगमनगरी आ सकते हैं। मौनी अमावस्या सबसे डेंसिटी वाला दिन होने की सम्भावना है। इसमें भी भाेर के 3 बजे से दोपहर 12 बजे का समय बहुत क्रिटिकल होगा, जब श्रद्धालु संगम का रुख करेंगे। वहीं 12 बजे के बाद उनका लौटना शुरू हो जाएगा। हमारी कोशिश उन्हें सुगमता से संगम क्षेत्र तक पहुंचाने और फिर पार्किंग स्थल तक वापस आने की सुविधा प्रदान करने की है। उन्हें पार्किंग स्थल तक पहुंचाने के बाद गंतव्य की ओर रवाना किया जाएगा। हमारी विभिन्न ट्रैफिक स्कीम तैयार है, जिससे न ही श्रद्धालुओं को अव्यवस्था का सामना करना पड़ेगा और न ही मेला और शहर क्षेत्र में ट्रैफिक पैनिक की स्थिति होगी।
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इंदौर की बाॅयो फ्रेंडली थैलियों का होगा उपयोग
मंडलायुक्त ने बताया कि इस महाकुम्भ को स्वच्छ बनाने में मुख्यमंत्री के संकल्प को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। हमारा प्रयास है कि पूरे मेला क्षेत्र में किसी भी तरह की प्लास्टिक का उपयोग नहीं किया जाएगा। इनके रिप्लेसमेंट ऑप्शन पर विचार किया जा रहा है। खासतौर पर इंदौर की बाॅयो फ्रेंडली थैलियों का इस्तेमाल किया जाएगा। इसको लेकर हम व्यापारियों से भी संवाद करने वाले हैं। साथ ही लोगों और अधिकारियों को प्लास्टिक की बजाए विभिन्न प्रकार के झोलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
हिन्दुस्थान समाचार