बाँदा में टेक्सटाइल स्किल सेंटर और महिला गारमेंट यूनिट की उठी माँग, केंद्रीय राज्य मंत्री को सौंपा गया मांगपत्र
बुंदेलखंड के युवाओं और महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता से जोड़ने की दिशा में आज एक अहम पहल की गई...

बाँदा। बुंदेलखंड के युवाओं और महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता से जोड़ने की दिशा में आज एक अहम पहल की गई। बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन के संस्थापक प्रवीण सिंह ने केंद्रीय वस्त्र एवं विदेश राज्य मंत्री पाबित्रा मार्गेरिटा को एक महत्वपूर्ण मांगपत्र सौंपते हुए बाँदा जिले के लिए दो प्रमुख मांगें रखीं।
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1. टेक्सटाइल स्किल ट्रेनिंग सेंटर (पायलट प्रोजेक्ट)
प्रस्ताव में कहा गया है कि बाँदा जैसे गैर-पारंपरिक जिले में युवाओं विशेषकर महिलाओं के लिए सिलाई, पैकेजिंग, गारमेंट फिनिशिंग जैसी कौशल आधारित ट्रेनिंग की अत्यधिक आवश्यकता है।
ऐसा ट्रेनिंग सेंटर न सिर्फ़ स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगा, बल्कि बाँदा को भविष्य के टेक्सटाइल हब के रूप में भी विकसित किया जा सकता है।
2. महिला स्व-सहायता समूह आधारित गारमेंट यूनिट्स
पत्र में उल्लेख किया गया कि बाँदा की कई महिलाएं सीमित संसाधनों में भी घरेलू स्तर पर सिलाई कार्य करती हैं। यदि इन्हें एक व्यवस्थित गारमेंट यूनिट और प्रशिक्षण सुविधा प्रदान की जाए तो ये महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज में अपना योगदान दे सकती हैं।
'SAMARTH' और 'PM-MITRA' योजनाओं में बाँदा को मिले प्राथमिकता
प्रवीण सिंह ने मंत्री से आग्रह किया कि बाँदा जिले को ‘समर्थ’ (SAMARTH) या ‘पीएम-मित्र’ (PM-MITRA) जैसी केंद्र सरकार की योजनाओं में शामिल किया जाए, ताकि इस पिछड़े लेकिन प्रतिभा सम्पन्न क्षेत्र को औद्योगिक और कौशल विकास की मुख्यधारा में लाया जा सके।
उन्होंने यह भी कहा कि — "यह सिर्फ़ एक मांग नहीं, बल्कि एक आवाज़ है — उन महिलाओं और युवाओं की, जो अवसर की तलाश में हैं और जो अपनी मेहनत से बुंदेलखंड को बदलना चाहते हैं।"
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केंद्रीय राज्य मंत्री ने इस मांगपत्र को गंभीरता से लेते हुए उचित स्तर पर इस प्रस्ताव को रखने और आवश्यक पहल का आश्वासन दिया है।
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