छतरपुर जिले के परेथा गांव में चार मौतों से प्रशासन सकते में
यूपी - एमपी सीमा पर छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र के ग्राम परेथा में हुई चार मौतों से प्रशासन सकते..
@राकेश कुमार अग्रवाल
जहरीली शराब या फिर काला जादू
यूपी - एमपी सीमा पर छतरपुर जिले के हरपालपुर थाना क्षेत्र के ग्राम परेथा में हुई चार मौतों से प्रशासन सकते हैं जबकि गांव में हडकम्प मचा हुआ है।
गांव के लोग मौतों के पीछे उत्तर प्रदेश से लाई गई जहरीली शराब का सेवन बता रहे हैं वहीं मौतों को लेकर काला जादू जैसी अफवाहें भी गांव में चर्चा का विषय बनी हुई हैं।
हरपालपुर थाना क्षेत्र के ग्राम परेथा में जहरीली शराब पीने से पिता-पुत्र की मौत के बाद दो और लोगों की मौत से मरने वालों की संख्या चार हो गई है वहीं एक युवक हास्पिटल में मौत से जूझ रहा है।
यह भी पढ़ें - राज्यपाल कर सकती हैं सात राज्यों के कृषि मेले का समापन
रविवार से परेथा में हडकम्प मचा हुआ है। सुबह से स्वास्थ्य विभाग के अमले ने गांव पहुंचकर बीमार हो चुके लोगों की जांच की और गंभीर हालत में तीन लोगों को जिला अस्पताल भिजवाया था।
जिसमें से दो लोगों ने उपचार के दौरान अस्पताल में दम तोड दिया। डीआईजी विवेकराज सिंह, कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह व एसपी सचिन शर्मा ने परेथा पहुंचकर हुई मौतों के बारे में जानकारी ली।
वहीं इसके पहले स्वास्थ्य टीम और हरपालपुर टीआई के साथ ही नौगांव एसडीओपी ने गांव में पहुंचकर जानकारी जुटाई।
यह भी पढ़ें - मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना से होनहार छात्र अपने सपने को साकार कर सकेंगे : आयुक्त
थाना क्षेत्र के ग्राम परेथा में एक ही परिवार के दो सदस्यों की एक के बाद एक मौत होने से सनसनी फैल गई थी । पिता-पुत्र की मौत के पीछे जहरीली शराब पीना बताया जा रहा है। शीतल प्रसाद और उसके पुत्र हरगोविंद की मौत होने के अलावा हरगोविंद के भाई हरप्रसाद की भी हालत नाजुक बनी हुई है।
जहरीली शराब के सेवन से पहले आंखों की रोशनी कम होती है और उसके साथ ही उल्टी-दस्त शुरू हो जाते हैं। रविवार को सुबह डॉ. जगदीश अहिरवार, डॉ. मनीष गुप्ता व एएनएम सहित एक दर्जन सदस्यों की मेडिकल टीम ने परेथा पहुंच कर जांच शुरु की थी।
प्रथम दृष्टया शराब अधिक पीने से मौत होने की बात सामने आ रही है। हालांकि प्रशासन द्वारा अभी मौत की वजह की कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है । जांच के दौरान तुलसीदास बरार 42 वर्ष, लल्लूराम अहिरवार 75 वर्ष व जयराम अहिरवार को जिला अस्पताल भेजा गया था जिसमें से तुलसीदास और लल्लूराम ने अस्पताल में दम तोड दिया है ।
यह भी पढ़ें - कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन में खत्म होगा सीढ़ियों को झंझट, अब लिफ्ट का लुत्फ उठाएंगे यात्री
तेरहवीं से शुरू हुआ शराब पीने का सिलसिला
ग्रामीणों के मुताबिक गत 9 फरवरी को शीतल प्रसाद की पत्नी की तेरहवीं थीं। इस दौरान रिश्तेदार और परिचित इकट्ठे हुए थे। शीतल प्रसाद तथा उसके परिवार के सदस्यों ने तेरहवीं से ही शराब पीनी शुरू कर दी थी। 12 फरवरी को शीतल के पुत्र हरगोविंद की मौत हो गई।
वहीं 13 फरवरी को शीतल प्रसाद अहिरवार की जांच चली गई। लोग कुछ समझ पाते कि एक के बाद एक मौत होने से सनसनी फैल गई। शीतल के बेटे जयराम की भी तबियत बिगड़ गई जिसे अस्पताल भिजवाया गया।
वहीं एक अन्य बेटे हरप्रसाद को जिला अस्पताल भेजा गया है। जिनकी हालत गंभीर है उनकी आंखों की रोशनी कम हो गई है और उल्टी दस्त हो रहे हैं।
यह भी पढ़ें - रेलवे ने प्रयागराज से खजुराहो के बीच चलने वाली ट्रेन का फेरा बढ़ाया
आबकारी विभाग ने शुरू की जांच
चार मौतों के बाद आबकारी विभाग भी हरकत में आ गया है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि उप्र से ओपी शराब लाकर परेथा और आसपास के इलाकों में बेची जाती है।
जिन लोगों की मौत हुई है उन्होंने भी शराब पी थी। शराब का अवैध धंधा भी गांव में खूब फल-फूल रहा है। आबकारी विभाग में सहायक आबकारी अधिकारी के पद पर पदस्थ मुकेश मौर्य के नेतृत्व में परेथा जाकर विभाग ने अपनी जांच शुरू की है।
जांच के प्रमुख बिन्दुओं में वह शराब भी शामिल है जिसका मृतकों ने सेवन किया था। आखिर यह शराब कहां से आती है और इसे कौन बेचता है इन सबकी जांच होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
यह भी पढ़ें - धर्म नगरी चित्रकूट से शीघ्र शुरू होगी हवाई यात्रा, रूट हुआ तय
हर पहलू से जांच की जा रही है - डीआईजी
फिलहाल मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है। चार लोगों की मौत की वजह क्या है यह तो जांच में ही सामने आ सकेगा ।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का भी इंतजार किया जा रहा है। उनके अनुसार मामले की अधिकारी जांच कर रहे हैं। जांच में जो निकलकर आएगा उसके आधार पर कार्यवाही होगी।
यह भी पढ़ें - बांदा में फिल्माई गई फिल्म 'मास्साब' देशभर में 29 को होगी रिलीज
काला जादू पर भी जांच हो रही - एस पी
एस पी सचिन शर्मा के अनुसार किसी महिला द्वारा काला जादू करने या फिर कुछ खिला पिला देने जैसी बातें भी प्रकाश में आई हैं जिसकी जांच की जा रही है।
यह भी पढ़ें - बुन्देली विरासत : वेदों में दर्ज है तपोभूमि बाँदा