बुंदेलखंड में गोरा पत्थर व डायस्पोर पर वैज्ञानिक शोध को मिली हरी झंडी

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. प्रतिज्ञा पाठक (डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंस) को उनके शोध प्रस्ताव के लिए काउंसिल ऑफ साइंस एंड...

Aug 28, 2025 - 18:26
Aug 28, 2025 - 18:28
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बुंदेलखंड में गोरा पत्थर व डायस्पोर पर वैज्ञानिक शोध को मिली हरी झंडी

काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी उत्तर प्रदेश ने 13.96 लाख की परियोजना को दी स्वीकृति

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की सहायक आचार्य डॉ. प्रतिज्ञा पाठक (डिपार्टमेंट ऑफ अर्थ साइंस) को उनके शोध प्रस्ताव के लिए काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी उत्तर प्रदेश से 13 लाख 96 हजार रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। शोध का मुख्य विषय होगा – “बुंदेलखंड क्रेटन में पाइरोफिलाइट और डायस्पोर खनिज संसाधनों का गुणवत्ता मूल्यांकन, स्थानिक वितरण और औद्योगिक उपयोग: बुंदेलखंड क्षेत्र के आर्थिक विकास और वृद्धि पर प्रभाव”। सह-प्रमुख अन्वेषक के रूप में विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो. एस.पी. सिंह सहयोग करेंगे। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मुकेश पाण्डेय ने शोध टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “बुंदेलखंड विश्वविद्यालय सदैव विज्ञान के माध्यम से समाज की प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाता रहा है”।

औद्योगिक विकास व रोजगार सृजन की संभावना

पाइरोफिलाइट से मूर्तिकला व कॉस्मेटिक्स, डायस्पोर से एल्यूमिनियम उत्पादन की संभावना

डॉ. प्रतिज्ञा पाठक ने बताया कि पाइरोफिलाइट (गोरा पत्थर) की शुद्धता और गुणवत्ता पर शोध कर इसके कॉस्मेटिक पाउडर एवं मूर्ति निर्माण जैसे क्षेत्रों में उपयोग की व्यापक संभावनाएं बन सकती हैं। वहीं डायस्पोर खनिज के अध्ययन से यह आकलन किया जाएगा कि क्या आर्थिक रूप से किफायती दरों पर अल्यूमिनियम उत्पादन संभव हो सकेगा।

अगर शोध से सकारात्मक परिणाम सामने आते हैं तो यह प्रयास बुंदेलखंड में औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और आर्थिक-सामाजिक उन्नयन की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

हिन्दुस्थान समाचार

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