सतत विकास लक्ष्यों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ शुभारंभ

संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा सर्वोदय से अभ्युदय के लिए...

Oct 7, 2025 - 10:54
Oct 7, 2025 - 10:55
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सतत विकास लक्ष्यों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का हुआ शुभारंभ

कल तक जो ड्राई जोन था वो अब ग्रीन जोन में बदला: मंत्री

सर्वोदय से अभ्युदय के लिए एसडीजी की भूमिका पर होगा विमर्श

देश भर से 17 प्रमुख संस्थानों की रहेगी सहभागिता

चित्रकूट। संयुक्त राष्ट्र के धारणीय विकास के लक्ष्यों को पाने के लिए चित्रकूट में दीनदयाल शोध संस्थान द्वारा सर्वोदय से अभ्युदय के लिए एसडीजी की भूमिका पर चर्चा को पांचवा अंतर्राष्ट्रीय सतत् विकास के लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। 

पांचवे अंतराष्ट्रीय सम्मेल का शुभारंभ भारत रत्न नानाजी देशमुख के 109वे जन्मदिन अवसर पर शरद पूर्णिमा के दिन दीनदयाल परिसर के विवेकानन्द सभागार में सोमवार को यूपी के जल शक्ति मंत्री रामकेश निषाद, सांसद सतना गणेश सिंह, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ मोहन नागर, विधायक चित्रकूट सुरेंद्र सिंह गहरवार, विधायक पन्ना बृजेंद्र प्रताप सिंह, दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले, मणिपाल और इंडोपैसिफिक अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष डॉ. शेषाद्रि चारी, पदमश्री उमाशंकर पांडेय, सेठपाल सिंह सहारनपुर, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी के कुलपति डॉ एके सिंह, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ भरत मिश्रा, छिंदवाड़ा के कुलगुरु प्रो आईपी त्रिपाठी, नगर परिषद चित्रकूट की अध्यक्ष साधना पटेल एवं फ्रांस से बेनेडिक्ट डे ला ब्रिएरे सहित प्रमुख अर्थशास्त्री, सामाजिक संरक्षण और श्रम, विश्व बैंक के आतिथ्य में भारतरत्न नाना जी देशमुख के चित्र पर पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्जवलन से किया गया। यह सम्मेलन एसडीजी एक्शन लैब के तत्वावधान में जन अभियान परिषद मध्य प्रदेश के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। सेमिनार के उद्घाटन अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के कोषाध्यक्ष एवं संयोजक वसन्त पंडित ने कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि यह अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार वैश्विक संपर्क बनाने और सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में प्रगति को गति देने के प्रयास को जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में देश भर से 17 प्रमुख संस्थान सहभागी बने हैं। इस सेमिनार में एसडीजी के अन्तर्गत सभी के लिए जल और स्वच्छता की उपलब्धता और सतत प्रबंधन सुनिश्चित करना, सतत, समावेशी और संधारणीय आर्थिक विकास, पूर्ण और लाभकारी रोजगार और उचित कार्य को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है।

उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए डॉ मनोज त्रिपाठी ने कहा कि तकनीकी सत्रों में सतत् विकास लक्ष्यों के संबंध में प्रगति में तेजी लाने के लिए अनिवार्यताओं पर चर्चा की जाएगी। इन लक्ष्यों पर काम कर रहे अनुभवी विशेषज्ञों के बीच विचार विनिमय होगा तथा ऐसे समाधानों एवं हस्तक्षेपों के सर्वोत्तम प्रारूप विकसित करने की दिशा में यह सम्मेलन कारगर साबित होगा। सतना सांसद गणेश सिंह ने कहा कि सतत विकास को लेकर यह आयोजन चित्रकूट में हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने 17 बिंदुओं को लेकर वर्ष 2015 से 2030 तक के लक्ष्य निर्धारित किए हैं। दुनिया में कई ऐसे देश हैं जहां सतत विकास से संबंधित विभिन्न चुनौतियां हैं। घर-घर नल और जल सरकार की योजना भलीभांति फलीभूत हो रही है। जगह-जगह संरचनाएं बन रही हैं। मणिपाल और इंडोपैसिफिक अध्ययन केंद्र के अध्यक्ष डॉ शेषाद्रिचारी ने अपने उदबोधन में कहा कि परम वैभव की प्राप्ति संघ का आदर्श वाक्य रहा है और यह मानव निर्माण के महान कार्य द्वारा प्राप्त किया जा रहा है। जीवन के मूल्यों को ध्यान में रखकर परम वैभव को प्राप्त करना, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने इस संदर्भ में अपने एकात्मक मानववाद के दर्शन में बहुत स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है और विकास की भारतीय अवधारणा को प्रस्तुत किया है।  यूपी के जल शक्ति मंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि कल तक जो ड्राई जोन था वो अब ग्रीन जोन में बदला है। केंद्र एवं प्रदेश सरकार के सकारात्मक प्रयासों के कारण सतत विकास लक्ष्यों को पाने में भारतवासी सफल होंगे ऐसा विश्वास है। उद्घाटन सत्र के अंत में दीनदयाल शोध संस्थान के प्रधान सचिव निखिल मुंडले ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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