धोखेबाज़ों से सावधान : जानें 10 आम तरकीबें, रहें सुरक्षित
आजकल धोखेबाज़ों के शिकार से बचना किसी चुनौती से कम नहीं। हर दिन नए-नए घोटाले सामने आते हैं...
 
                                नई दिल्ली – आजकल धोखेबाज़ों के शिकार से बचना किसी चुनौती से कम नहीं। हर दिन नए-नए घोटाले सामने आते हैं, जिनमें अक्सर मध्यम आयु वर्ग और बुज़ुर्ग व्यक्ति सबसे ज़्यादा प्रभावित होते हैं। यहां धोखेबाज़ों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली 10 सामान्य तरकीबों पर नज़र डालते हैं, जिनसे सतर्क रहकर आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं:
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TRAI फ़ोन घोटाला: धोखेबाज़ TRAI से होने का दावा करते हैं और कहते हैं कि आपका मोबाइल नंबर अवैध गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहा है। - सच्चाई: TRAI सेवाएँ निलंबित नहीं करता; यह काम टेलीकॉम कंपनियाँ करती हैं।
 
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सीमा शुल्क पर पार्सल: घोटालेबाज दावा करते हैं कि आपके नाम से किसी प्रतिबंधित सामग्री का पार्सल अटक गया है और रिहाई के लिए पैसे मांगते हैं। - सुझाव: तुरंत फ़ोन काटें और नंबर की रिपोर्ट करें।
 
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डिजिटल गिरफ़्तारी: फ़र्जी पुलिस अधिकारी ऑनलाइन गिरफ़्तारी या पूछताछ का डर दिखाते हैं। - सच्चाई: पुलिस डिजिटल गिरफ़्तारी नहीं करती, यह घोटाला है।
 
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परिवार के सदस्य की गिरफ़्तारी: घोटालेबाज दावा करते हैं कि किसी रिश्तेदार की गिरफ़्तारी होने वाली है और उसे बचाने के लिए धन की आवश्यकता है। - सुझाव: पहले परिवार के सदस्य से पुष्टि करें।
 
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जल्दी अमीर बनने का लालच: सोशल मीडिया पर स्टॉक ट्रेडिंग और उच्च रिटर्न का वादा करने वाले विज्ञापन से सावधान रहें। - सच्चाई: उच्च रिटर्न देने वाली योजनाएं अक्सर धोखाधड़ी होती हैं।
 
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बड़े पुरस्कार के लिए आसान कार्य: घोटालेबाज सरल कार्यों के लिए बड़ी रकम की पेशकश करते हैं और बाद में निवेश की मांग करते हैं। - सच्चाई: आसान पैसे वाली योजनाएं सामान्यत: धोखाधड़ी होती हैं।
 
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आपके नाम पर फर्जी क्रेडिट कार्ड: नकली बैंक अधिकारी आपके नाम पर बड़े लेनदेन की पुष्टि करने के लिए कॉल करते हैं। - सुझाव: ऐसे मामलों में अपने बैंक से संपर्क करें।
 
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गलत लेन-देन का दावा: घोटालेबाज दावा करते हैं कि आपके खाते में गलती से पैसे ट्रांसफर हो गए हैं और रिफंड मांगते हैं। - सुझाव: पहले अपने बैंक से लेनदेन की जांच करवाएं।
 
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KYC समाप्त हो गया: लिंक के माध्यम से केवाईसी अपडेट करने का अनुरोध करते हैं। - सच्चाई: बैंकों को कभी लिंक के माध्यम से KYC अपडेट की जरूरत नहीं होती, वे इसे व्यक्तिगत रूप से करते हैं।
 
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टैक्स रिफंड का झांसा: फर्जी कर अधिकारी बनकर बैंक विवरण मांगते हैं। 
- सच्चाई: कर विभाग पहले से ही आपके बैंक विवरण रखते हैं और सीधे संवाद करते हैं।
सुरक्षित रहने के टिप्स:
- हर कॉल या मैसेज की सत्यता पहले जांचें।
- संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने बैंक से हर लेन-देन की पुष्टि करें।
- संदेहजनक कॉल/नंबर की रिपोर्ट करें।
- उच्च रिटर्न का लालच देने वाले प्रस्तावों से दूर रहें।
- KYC केवल बैंक में व्यक्तिगत रूप से करें।
- निजी या बैंक जानकारी साझा न करें।
घोटालों की रिपोर्ट करने के लिए महत्वपूर्ण संपर्क:
- राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन : 1800-11-4000
- साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल: cybercrime.gov.in
- राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन: 1930
- स्थानीय पुलिस स्टेशन
धोखेबाजों से बचने के लिए सतर्क रहें, जानकारी रखें और सुरक्षित रहें।
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