हमीरपुर में एक गांव में नहीं पड़े वोट, खाली लौटी पोलिंग पार्टी

हमीरपुर जिले के राठ विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं के बैनर लगाकर पूरा गांव दिन भर धरने पर बैठा रहा..

हमीरपुर में एक गांव में नहीं पड़े वोट, खाली लौटी पोलिंग पार्टी

  • सुबह से लेकर गांव में मतदान का बहिष्कार का बैनर लगाकर धरने पर बैठे रहे ग्रामीण

हमीरपुर जिले के राठ विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं के बैनर लगाकर पूरा गांव दिन भर धरने पर बैठा रहा। लाठी डंडे से लैस गांव के लोगों ने नारेबाजी कर हंगामा भी किया। वोटिंग समाप्त होने के बाद भी इस गांव में एक भी वोट नहीं पड़े। जिले की दोनों सीटों के लिए शाम पांच बजे तक 58.5 फीसदी मतदान हुआ है। अभी भी बूथों पर वोट करने वालों की लम्बी लाइनें लगी है जबकि जिगंनी गांव में मतदान बहिष्कार की वजह से सन्नाटा पसरा है।

हमीरपुर जिले के राठ विधानसभा क्षेत्र के जिंगनी गांव में रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देकर पूरा गांव आज सुबह से मतदान बहिष्कार का एलान कर धरने पर बैठ गया था। जिससे पोलिंग केन्द्र में सन्नाटा पसरा रहा। पोलिंग पार्टी शाम तक मतदाताओं के आने का इंतजार करती रही लेकिन ग्रामीणों की एकजुटता से पोलिंग केन्द्र में एक भी वोट नहीं पड़ सके। गांव के वीरपाल सिंह, वंशराज सिंह, दीप सिंह, आदित्य प्रताप सिंह, शिव प्रताप सिंह, रोहित सिंह, अमित कुमार, रवि प्रताप, दयाकरण यादव, आदर्श प्रताप सिंह, व श्याम सिंह समेत सैकड़ों लोग लाठी डंडे से लैस होकर नारेबाजी कर हंगामा करते रहे।

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गांव के बाहर बड़ा सा बैनर लगाकर ग्रामीणों ने किसी को भी गांव के अंदर घुसने भी नहीं दिया। मतदान बहिष्कार की जिद पर अड़े ग्रामीणों ने धरनास्थल पर काले झंडे भी लगाए है। धरने पर बैठे रवि प्रताप समेत अन्य लोगों ने बताया कि गांव में मतदान का बहिष्कार ग्रामीणों की एकजुटता के कारण सफल रहा। गांव के अंदर गलियों और दरवाजे पर भी सन्नाटा पसरा रहा। धरने पर बैठे लोगों के घर की महिलाएं भी घरों से बाहर तक नहीं निकली। जबकि पोलिंग केन्द्र में मतदान कार्मिक सन्नाटे में दिन भर बैठे रहे। बताया कि शाम होते ही पोलिंग पार्टी को गांव से वापस लौटना पड़ा।

रवि प्रताप ने बताया कि गांव में करीब सोलह सौ मतदाता है जिसमें कोई भी वोट देने के लिए आगे नहीं आया। राठ विधानसभा क्षेत्र के जिगंनी गांव के अलावा जिटकरी गांव में भी आज मतदान बहिष्कार कर गांव के लोग धरने पर बैठ गए है। हालांकि यहां दो घंटे तक मतदान बहिष्कार होता रहा। इसी बीच गांव में दो घंटे के मतदान बहिष्कार के बाद ग्राम प्रधान और चौकीदार ने मतदान बहिष्कार को तोड़ दिया है।

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  • गांव के सरपंच ने ग्रामीणों के आन्दोलन को देख घर में दुबके

मतदान बहिष्कार को लेकर गांव के बाहर धरने पर बैठे ग्रामीणों के आन्दोलन को देख गांव का सरपंच अपने घर में दुबक गया। रवि प्रताप समेत तमाम ग्रामीणों ने बताया कि सरपंच भगवानदास अहिरवार इस आन्दोलन में पूरी मदद कर रहे है लेकिन आज वह अपने ही घर में बैठे है।

बताया कि सरपंच ने अपना मोबाइल फोन भी स्विच आफ कर रखा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि करीब साढ़े तीन हजार की आबादी वाले गांव में पिछले 25 सालों से कोई विकास कार्य नहीं कराए जा सके है। लगातार कई चुनावों से गांव के लिए सड़क की मांग की जा रही है लेकिन न तो किसी नेता ने समस्या का समाधान कराया और न ही अधिकारियों ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है।

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  • एडीएम व सीडीओ के समझाने पर भी नहीं माने ग्रामीण

जिगंनी गांव में मतदान के बहिष्कार को लेकर पहले एडीएम नमामि गंगे राजेश कुमार व एसडीएम समेत तमाम अधिकारी गांव पहुंचे जहां ग्रामीणों को मतदान करने के लिए अपील की मगर रोड नहीं तो वोट नहीं का नारा देकर ग्रामीणों ने मतदान करने से साफ इंकार कर दिया।

इससे सभी अधिकारी वापस लौट गए। सीडीओ कमलेश कुमार वैश्य भी ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन मतदान बहिष्कार की जिद पर पूरा गांव धरने पर शाम तक बैठा रहा। सीडीओ ने बताया कि इस गांव में रोड की मांग को लेकर ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार किया है। उन्होंने बताया कि धरने पर बैठे ग्रामीणों को हर तरह से समझाया गया था लेकिन कोई भी वोट देने को तैयार नहीं हुआ।

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हि.स

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