तुलसी की खेती बुंदेलखंड के किसानों की बदल रही है तकदीर
श्यामा तुलसी की खेती बुंदेलखंड के किसानों की तकदीर बदल रही है। यहां की तुलसी की मांग बढ़ने से इस वर्ष भी रकबा में..
झांसी,
श्यामा तुलसी की खेती बुंदेलखंड के किसानों की तकदीर बदल रही है। यहां की तुलसी की मांग बढ़ने से इस वर्ष भी रकबा में बढ़ोत्तरी हुई। पिछले साल 1200 एकड़ में तुलसी की खेती हुई थी। इस दफा यह रकबा बढ़कर 2820 एकड़ हो गया है। उद्यान विभाग के अफसरों का कहना है इससे करीब 11.28 करोड़ रुपये सालाना का कारोबार होने की उम्मीद है।
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बुंदेलखंड की मिट्टी श्यामा तुलसी के लिए खासी मुफीद है। कम लागत एवं अन्ना जानवरों से फसलों को होते नुकसान को देखकर किसान तेजी से तुलसी की खेती को अपना रहे हैं। उद्यान अफसरों के मुताबिक वर्ष 2015 में बुंदेलखंड में सिर्फ चुनिंदा किसान इसकी खेती कर रहे थे लेकिन, अब यह संख्या 535 हो गई है। जालौन एवं ललितपुर में भी साढ़े चार सौ किसान यह खेती कर रहे हैं। झांसी में पिछले साल 1205 एकड़ में बुवाई हुई थी लेकिन, अबकी सीजन में 2820 एकड़ में बुवाई हो रही है।
बंगरा एवं गुरसराय में करीब 11280 कुंतल तुलसी उत्पादन का लक्ष्य है। इस पूरे रकबे से किसानों को कुल करीब 11.28 करोड़ रुपये लाभ होने की उम्मीद है। अफसरों का कहना है कि किसानों को श्यामा तुलसी की खेती करने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। ताकि कम लागत में बेहतर उत्पादन ले सकें। उपनिदेशक, उद्यान विनय कुमार यादव ने बताया कि बुंदेलखंड में तुलसी का उत्पादन बढ़ने से यहां प्रोसेसिंग प्लांट भी तैयार किया जा रहा है। उद्यान विभाग की मदद से बंगरा में प्लांट लगाया जा रहा है। इसकी मदद से यहां तुलसी के तेल समेत अन्य औषधीय वस्तुएं तैयार होंगी।देश की कई जानी-मानी आयुर्वेदिक कंपनियां सीधे ही किसानों के खेतों से तुलसी खरीद रही हैं।
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