उप्र की बांदा लोकसभा सीट पर 1989 से लहरा रहा चित्रकूट जनपद का परचम

बुंदेलखंड के बांदा और चित्रकूट जनपद को मिलाकर बनी उत्तर प्रदेश की बांदा-48 लोकसभा सीट आजादी के बाद से ही...

Apr 26, 2024 - 04:15
Apr 26, 2024 - 04:18
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उप्र की बांदा लोकसभा सीट पर 1989 से लहरा रहा चित्रकूट जनपद का परचम

आजादी के बाद से हुये 17 में से 09 चुनावों में चित्रकूट ने लहराया जीत का परचम

दो विधानसभाओं वाला जिला होने के बाद भी बांदा पर हावी है चित्रकूट

चित्रकूट। बुंदेलखंड के बांदा और चित्रकूट जनपद को मिलाकर बनी उत्तर प्रदेश की बांदा-48 लोकसभा सीट आजादी के बाद से ही सुर्खियों में रहीं है। संसदीय सीट बांदा में अब तक हुए 17 लोकसभा चुनावों में 09 बार चित्रकूट जनपद का दबदबा रहा है। जबकि बांदा को छह और फतेहपुर और प्रतापगढ़ जिले के प्रत्याशियों को एक-एक बार चुनाव जीतने का मौका मिल सका है।

इस लोकसभा सीट पर सर्वाधिक कुर्मी और ब्राम्हण समाज से सांसद बनते रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन भाजपा के गढ़ बन चुके बांदा लोकसभा सीट पर सेंधमारी की फिराक में है।

विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य स्थित उत्तर प्रदेश की बांदा-48 लोकसभा संसदीय सीट पर वर्ष 1952 से चुनाव हो रहे हैं। मायावती सरकार ने 06 मई 1997 को बांदा जनपद को विभाजित कर पहले छत्रपति शाहू जी महाराज नगर के नाम से चित्रकूट को जिला बनाया था। जिसे मुलायम सरकार ने 04 सितम्बर 1998 को पुनः चित्रकूट कर दिया। इसके बाद सत्ता में आई कल्याण सिंह सरकार ने बांदा, हमीरपुर, चित्रकूट और महोबा जिलों को मिलाकर चित्रकूट धाम के नाम से मंडल बना दिया था। इसके बाद से इस लोकसभा सीट को बांदा-चित्रकूट के नाम से जाना जाने लगा।

इस संसदीय सीट में चित्रकूट जनपद की दो विधानसभा और बांदा जनपद की बबेरू, बांदा, तिंदवारी, नरैनी चार विधानसभा सीटें हैं। इसके बावजूद लोकसभा चुनाव में चित्रकूट जनपद के प्रत्याशी ही ज्यादातर चुनाव जीतने में सफल होते रहे हैं।

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बांदा-48 लोकसभा सीट का इतिहास

बुंदेलखंड की इस सबसे चर्चित लोकसभा सीट पर सबसे पहले 1952 में हुए चुनाव में फतेहपुर जिले के निवासी शिवदयाल उपाध्याय सांसद बने थे। इसके बाद 1957 में कांग्रेस के दिनेश सिंह, 1962 में कांग्रेस की सावित्री निगम, 1967 में भाकपा के जागेश्वर यादव, 1971 में जनसंघ के रामरतन शर्मा, 1977 में जनता पार्टी के अंबिका प्रसाद पांडेय, 1980 में कांग्रेस के रामनाथ दुबे, 1984 में कांग्रेस के भीष्म देव दुबे, 1989 में भाकपा के राम सजीवन, 1991 में भाजपा के प्रकाश नारायण त्रिपाठी, 1996 में बसपा के राम सजीवन, 1998 में भाजपा के रमेश चंद्र द्विवेदी, 1999 में बसपा के राम सजीवन, 2004 में सपा के श्यामा चरण गुप्ता, 2009 में सपा के आर. के. सिंह पटेल, 2014 में भाजपा के भैरो प्रसाद मिश्र, 2019 में भाजपा के आर. के. सिंह पटेल ने जीत हासिल की।

1989 के बाद से बांदा लोकसभा सीट पर कायम है चित्रकूट का दबदबा

बांदा-48 लोकसभा सीट पर 1989 के बाद से चित्रकूट जनपद का दबदबा कायम है। 1989 में भाकपा के राम सजीवन, 1991 में भाजपा के प्रकाश नारायण त्रिपाठी, 1996 में बसपा के राम सजीवन, 1998 में भाजपा के रमेश चंद्र द्विवेदी, 1999 में बसपा के राम सजीवन, 2004 में सपा के श्यामा चरण गुप्ता, 2009 में सपा के आर के सिंह पटेल, 2014 में भाजपा के भैरो प्रसाद मिश्र, 2019 में भाजपा के आर के सिंह पटेल ने जीत हासिल की थी।

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बांदा लोकसभा में 2019 का जनादेश

भाजपा के प्रत्याशी रहे आर के सिंह पटेल ने 4,77,926 वोट पाकर विजयश्री हासिल की। वहीं सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी रहे श्यामाचरण गुप्ता को 4,18,988 वोट मिले।जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार रहे दस्यु ददुवा के भाई बाल कुमार पटेल को 75,438 वोट से ही संतोष करना पड़ा।

हिन्दुस्थान समाचार

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