मशरूम व्यवसाय पर दस दिवसीय प्रशिक्षण फरवरी में
बुंदेलखंड के बेरोजगार युवाओं, ग्रामीणोें, किसानो एवं महिलाओं व इच्छुक व्यक्तियो को मशरूम व्यवसाय..
बुंदेलखंड के बेरोजगार युवाओं, ग्रामीणोें, किसानो एवं महिलाओं व इच्छुक व्यक्तियो को मशरूम व्यवसाय के द्वारा स्वरोजगार प्रदान करने हेतु बाँदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, बाँदा में स्थापित मशरूम अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में मशरूम उद्यमिताः स्वरोजगार का साधन विषय पर दस दिवसीय शुल्क आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम 03 फरवरी से 12 फरवरी, 2021 तक आयोजित कर रहा है।
पादप रोग विभाग के विभागाध्यक्ष विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्रकुमार सिंह ने बताया कि मशरूम व्यवसाय बहुत ही अच्छा उद्यम साबित हुआ है, कम प्रयासों से इससे अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है।
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उन्होने बताया कि बुंदेलखंड की प्रमुख समस्याओ जिसमे विभिन्न प्राकृतिक विषमताएं,अन्नाप्रथा, सिचाई जल का अभाव, बेरोजगारी, पलायन, ग्रामीण क्षेत्रो में महिलाओं व बच्चों में कुपोषण और गरीबी, लोंगो की कम आय इत्यादि के निराकरण कृषि और कृषि जनित रोजगार से ही संभव है।
कृषि अन्य क्षेत्रो के साथ साथ समस्याओ से निजात पाने हेतु मशरूम उत्पादन व्यवसाय एक प्रमुख भूमिका निभा सकता हैं।मशरूम एक तरह का फंफूद है जो की पोषक तत्वों व औषधीय गुणों से परिपूर्ण है जिसके विभिन्न व्यंजन बनाये जाते है।
इसके व्यवसाय से 50 से 100 प्रतिशत का लाभ त्वरित पाया जा सकता है।इस व्यवसाय को आगे बढाने के लिए वित्तीय संस्थाओ से सहायता प्राप्त करना भी आसान है। मशरूम व्यवसाय बेरोजगार युवाओं, कॉलेज ड्रॉप् आउट छात्रो के स्व-रोजगार तथा गरीब, छोटे और सीमांत किसानों, ग्रामीण महिलाओं, भूमिहीन मजदूरों, और यहां तक कि सेवानिवृत्त या इन-सर्विस कर्मियों के लिए आय का भी एक उत्तम स्रोत बन सकताहै।
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मशरूम यूनिट के प्रभारी डॉ. दुर्गाप्रसाद ने बताया कि इस प्रशिक्षण में मशरूम व्यवसाय से सम्बंधित समस्त पहलुओं जैसे उत्पादन प्रक्षेत्र की संरचना, संवर्धन एवं संरक्षण, स्पान उत्पादन तकनीक, प्रमुख खाद्य व औषधीय मशरुम की उत्पादन तकनीक, मशरूम के प्रमुख रोग, कीट एवं विकार के लक्षण एवं रोकथाम, विभिन्नव्यंजन, प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन व विपणन इत्यादि पर सम्बंधित विशेषज्ञों के द्वारा वृहद् ढंग से प्रशिक्षण दिया जायेगा जिससे की इस दस दिवसीय प्रशिक्षण उपरांत प्रशिक्षणार्थी मशरूम को एक उद्यम के रूपमें शुरू कर सकें।
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यह व्यवसाय उनके लिए आय का एक अच्छा साधन बन सकताहै।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रायोगिक सुविधाओं को देखते हुए प्रशिक्षणार्थिओं की संख्या सीमित रखी जायेगी। इच्छुक व्यक्ति इस प्रशिक्षण को प्राप्त करना चाहते ेहै वो कृषि विश्वविद्यालय में संपर्क करके अपना पंजीकरण करा ले।
इस कार्यक्रम से सम्बंधित समस्त जानकारी हेतु पादप रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. वीरेंद्रकुमार सिंह (मोब. न. 8858095324) या मशरूम यूनिट के प्रभारी डॉ. दुर्गाप्रसाद (मोब. न. 8858095324) सम्पर्क किया जा सकता है ।
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